सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर समाचार चैनल ‘मीडियावन टीवी’ का लाइसेंस रद्द कर प्रसारण बंद कर दिया था. चैनल ने केंद्र सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग के साथ केरल हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की थी.
केरल हाईकोर्ट ने कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण-पत्रों से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाने की मांग करने वाली याचिका को रद्द करने आदेश के ख़िलाफ़ दायर अपील को खारिज़ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कोविड-19 टीकाकरण पर संदेश देने का पूरा अधिकार है और उनकी तस्वीर को विज्ञापन नहीं माना जा सकता.
हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही. इस शख़्स ने आरोप लगाया था कि उन्हें थाने में ज़ंजीर के सहारे रेलिंग से बांध दिया गया था और जब उन्होंने अपनी शिकायत की प्रति मांगी तब उन पर ड्यूटी के दौरान अधिकारी के काम में बाधा डालने का आरोप लगा दिया गया.
केरल हाईकोर्ट मलयाली एलजीबीटीआईक्यू समुदाय के ‘क्वीराला’ और लिंग-परिवर्तन से गुज़रे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस व्यक्ति ने उसका जबरन लिंग-परिवर्तन किए जाने का आरोप लगाया है. अदालत ने केरल सरकार को लिंग परिवर्तन संबंधी प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया है.
केरल के तिरुवनंतपुरम ज़िले के पोथनकोड इलाके में बीते 11 दिसंबर को 12 हमलावरों ने एक शख़्स की हत्या कर उसका पैर काट दिया था. ये शख़्स हत्या के आरोप में वांछित था. अस्पताल में इलाज के दौरान इसकी मौत हो गई थी. अदालत ने कहा कि हमलावर संभवत: नशीले पदार्थों के आदी रहे होंगे. हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं.
मीडिया कंपनियों के एक 13-सदस्यीय समूह डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट का ये आदेश आया है. इससे पहले सितंबर महीने में हाईकोर्ट ने आईटी नियम, 2021 के एक प्रमुख प्रावधान के पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए केंद्र द्वारा एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का प्रावधान किया गया है.
केरल ललितकला अकादमी के ख़िलाफ़ कथित तौर पर इस विवादास्पद कार्टून को लेकर याचिका दायर की गई है. इस कार्टून को केरल कार्टून अकादमी के सचिव अनूप राधाकृष्णन ने बनाया है. इसमें भारत को गाय के तौर पर दर्शाया गया है, जबकि इंग्लैंड, चीन और अमेरिका को इंसानों के रूप में दिखाया गया है. भाजपा ने कहा है कि ज़िम्मेदार पदों पर बैठे लोग अपने ही देश को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं.
केरल हाईकोर्ट ने कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण-पत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने के अनुरोध वाली एक याचिका पर केंद्र और केरल सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है. याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उन्होंने टीके की दो खुराक के लिए भुगतान किया था, उनके टीकाकरण प्रमाण-पत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
अदालत एक 26 वर्षीय युवक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने बलात्कार के मामले में दोषसिद्धि को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि पीड़िता आरोपी से प्रेम करती थी, यह नहीं माना जा सकता कि उसने शारीरिक संबंध के लिए सहमति दी थी.
कोर्ट ने कहा कि टीकाकरण योजना ने भारत में नागरिकों के दो वर्ग बना दिए हैं. इसमें एक तरफ़ कोवैक्सीन लेने वाले नागरिक शामिल हैं जिनकी आवाजाही पर पाबंदी है, वहीं दूसरी ओर वो हैं जिन्होंने कोविशील्ड टीका लिया और वे कहीं भी जा सकते हैं. इसके चलते ‘आवाजाही के मौलिक अधिकार का उल्लंघन’ हुआ है.
केरल हाईकोर्ट एक पिता द्वारा बेटी से बलात्कार के मामले को सुन रहा था, जहां आरोपी ने दावा किया था कि उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि उसकी बेटी का किसी अन्य के साथ यौन संबंध था. अदालत ने इस शख़्स को अपराध का दोषी मानते हुए कहा कि महिला का यौन संबंधों में होना बलात्कार, वो भी पिता द्वारा किए गए ऐसे जघन्य अपराध से बरी करने का कारण नहीं हो सकता.
केरल हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक याचिका का निस्तारण करते हुए की, जिसमें छात्र संगठनों या राजनीतिक दलों द्वारा बुलाए गए 'शैक्षणिक बंद' को अवैध ठहराने का अनुरोध किया गया था.
केरल के मल्लपुरम ज़िले के मंजेरी क़स्बे का मामला. एक महिला को उसके तीन बच्चों के साथ पति ने छोड़ दिया था, जिसके बाद पुजारी ने उन्हें सहारा दिया था. हालांकि पुजारी पीड़ित परिवार की बड़ी लड़की के साथ लगातार बलात्कार करता आ रहा था. मानसिक रूप से कमज़ोर इस महिला और उसके बच्चों को पुलिस ने एक मार्च, 2013 को भटकते हुए पाया था, जिसके बाद इस घटना का खुलासा हुआ.
सितंबर में केरल हाईकोर्ट में कम से कम तीन ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो में मेडिकल बोर्ड ने गर्भावस्था समाप्त करने की सिफ़ारिश की थी, जिसके बाद कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी. तीसरे मामले में नाबालिग बलात्कार पीड़िता के आठ सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति मांगी गई है.
डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन, पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन और संगीतकार टीएम कृष्णा की नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर अदालत ने नियम 9 के उपबंध (1) एवं (3) पर रोक लगाई है. ये उप-खंड आचार संहिता के पालन को निर्धारित करते हैं.