बीते 18 जुलाई को केरल हाईकोर्ट ने एक रूसी मालवाहक जहाज को ज़ब्त करने का आदेश दिया था, क्योंकि उसने एक एस्टोनियाई कंपनी का ईंधन का बकाया नहीं चुकाया था. एस्टोनियाई कंपनी द्वारा एक एडमिरल्टी मुक़दमा दायर किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया था. रूसी दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगते हुए चालक दल के अधिकारों का सम्मान करने के लिए कहा है.
16 दिसंबर 2016 को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में अतिरिक्त सत्र अदालत ने आरएसएस के 13 कार्यकर्ताओं को एक अप्रैल 2008 को माकपा कार्यकर्ता वीवी विष्णु की हत्या के संबंध में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी. केरल हाईकोर्ट ने कहा कि जिस तरीके से अदालत के समक्ष घटनाक्रम पेश किए गए, उससे एक मनगढ़ंत कहानी को परिभाषित करने के लिए गवाहों को सिखा-पढ़ा तथा सबूत एकत्रित करने की सोची-समझी कोशिश की बू आती है.
19 साल की सिस्टर अभया का शव 27 मार्च 1992 को केरल के कोट्टायम स्थित सेंट पायस कॉन्वेंट के एक कुएं में मिला था. सिस्टर अभया ने चर्च के पादरी थॉमस कोट्टूर, फादर जोस पुथ्रीक्कयील और नन सेफी को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था, जिसकी वजह से उनकी हत्या कर दी गई थी. 28 साल लंबी लड़ाई लड़ने के बाद दोषियों को दिसंबर 2020 में सीबीआई की एक अदालत ने आजीवान कारावास की सज़ा सुनाई थी.
शीर्ष न्यायालय स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के मेन्यू से चिकन सहित मांस उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि 23 जून 2021 को केरल हाईकोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेश जारी रहेगा. शीर्ष अदालत ने भारत संघ और लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को नोटिस भी जारी किया है.
अभिनेता दिलीप समेत दस लोगों पर एक अभिनेत्री को कथित तौर पर बंदी बनाकर उन्हीं की कार में दो घंटे तक यौन शोषण करने और इसका वीडियो बनाने का आरोप है. इसके बाद दिलीप और अन्य पर इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने और हत्या की साज़िश रचने का केस भी दर्ज किया गया था.
केरल में एक ईसाई महिला के माकपा की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक मुस्लिम नेता के साथ विवाह करने से उस समय राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था, जब महिला के परिवारवालों के अलावा माकपा के एक नेता ने भी ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया था.
केरल हाईकोर्ट ने उस व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया, जिसने पिता के साथ कहीं जा रही एक किशोरी पर कथित तौर पर अनुचित टिप्पणी की थी और पिता के विरोध करने पर उनसे मारपीट भी की थी. अदालत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सब रुकना चाहिए.
केरल हाईकोर्ट का यह आदेश संबंधित आरोपी द्वारा दायर एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर आया है, जिसमें विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें यूएपीए के तहत मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी में देरी होने के आधार पर आरोपमुक्त करने की उसकी याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाचार चैनल अपना काम जारी रखेगा, जैसा कि वह प्रसारण पर रोक से पहले कर रहा था.
शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार को वास्तविक समानता हासिल करने का सही उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले लगातार भेदभाव के पैटर्न को पहचानकर पूरा करना चाहिए.
अभिनेता दिलीप समेत दस लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 17 फरवरी 2017 की रात एक फिल्म अभिनेत्री को कथित तौर पर बंदी बनाकर उन्हीं की कार में दो घंटे तक कथित तौर पर यौन शोषण किया और इसका वीडियो बनाया.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. 8 फरवरी को केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के निर्णय को बरक़रार रखा था, जिसके ख़िलाफ़ चैनल ने अपील दायर की थी.
केरल हाईकोर्ट ने ‘फ्रेंड्स’ नामक एक वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन के विरुद्ध पॉक्सो मामला खारिज़ करते हुए यह फैसला सुनाया है. इस ग्रुप के एक सदस्य ने अश्लील सामग्री डाल दी थी. अदालत ने कहा कि कोई भी सदस्य उस ग्रुप में क्या पोस्ट कर रहा है, उस पर एडमिन का नियंत्रण नहीं होता है. वह ग्रुप में किसी संदेश में तब्दीली या सेंसर नहीं कर सकता.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया और बीते 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. समाचार चैनल के समर्थन में आए विभिन्न सांसदों, वकीलों, संपादकों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर निराशा जताई और कहा कि उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की रक्षा करने से इनकार कर दिया.
केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ का लाइसेंस रद्द करने की वजह से बीते 31 जनवरी को इसका प्रसारण बंद हो गया था. इसके ख़िलाफ़ चैनल के प्रबंधन ने हाईकोर्ट का रुख़ किया था. चैनल माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के स्वामित्व में है और इसके कई निवेशक कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी की केरल इकाई के सदस्य हैं.