केरल विधानसभा में विपक्ष के बहिष्कार के बीच विश्वविद्यालय क़ानून (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया. इस विधेयक के क़ानून बन जाने के बाद प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद पर राज्यपाल की जगह प्रख्यात शिक्षाविदों की नियुक्ति की जा सकेगी.
केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि 1956 में केरल के अस्तित्व में आने से पहले भी राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति थे. यह एक ऐसी चीज़ है, जिस पर एक राष्ट्रीय आम सहमति बनी और एक राष्ट्रीय परिपाटी विकसित हुई. ताकि विश्वविद्यालयों में कोई शासकीय हस्तक्षेप न हो और उनकी स्वायत्तता सुरक्षित रहे.
केरल कैबिनेट ने नौ नवंबर को राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति सहित विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के साथ वाम सरकार की खींचतान के बीच अध्यादेश लाने का फैसला किया था. अध्यादेश का उद्देश्य प्रख्यात शिक्षाविदों को राज्यपाल के स्थान पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करना है.
केरल हाईकोर्ट ने राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति आरिफ़ मोहम्मद ख़ान को मामले की सुनवाई होने तक उन कुलपतियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है, जिन्हें उन्होंने कारण बताओ नोटिस भेजा था. ख़ान ने राज्य के 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को ऐसे नोटिस भेजे हैं.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान की आलोचना करते हुए कहा कि उनके बयान बेबुनियाद हैं और उनके पद को शोभा नहीं देते. माकपा ने कहा कि राज्यपाल जान-बूझकर राज्य में धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ रहे हैं और कुलपतियों तथा प्रति-कुलपतियों को हटाकर, उनकी जगह संघ के लोगों की नियुक्ति करके शिक्षा व्यवस्था को ख़तरनाक स्थिति में पहुंचा रहे हैं.
राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लेकर चल रही खींचतान के बीच राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर वित्त मंत्री केएन बालगोपाल के ख़िलाफ़ हाल में दिए उनके एक भाषण को लेकर कार्रवाई की मांग की है. बताया गया है कि विजयन ने उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया है.
केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने श्रीनारायणगुरु मुक्त विश्वविद्यालय और केरल यूनिवर्सिटी ऑफ डिजिटल साइंसेज़, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी’ के कुलपतियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनकी नियुक्ति में यूजीसी के नियमों के कथित उल्लंघन के बाद क्या उन्हें पद पर बने रहना का क़ानूनी अधिकार है.
केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान द्वारा रविवार को नौ कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफ़ा देने के निर्देश के ख़िलाफ़ आठ कुलपति हाईकोर्ट पहुंचे थे, जिसे कोर्ट ने अनुचित बताया है. वहीं, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का कहना है कि राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों को नष्ट करने की मंशा से काम कर रहे हैं.