लद्दाख: सोनम वांगचुक ने पूछा- केवल गृह मंत्रालय को दी गई जानकारी ट्रोल्स तक कैसे पहुंची

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जलवायु एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने एक वीडियो जारी कर सवाल किया कि ट्रोल्स के पास उनके एनजीओ की 25 साल पुरानी जानकारी, जो सिर्फ उनके और गृह मंत्रालय के पास है, कैसे पहुंची.

लद्दाख विरोध: सोनम वांगचुक ने अनशन ख़त्म किया, अन्य एक्टिविस्ट जारी रखेंगे आंदोलन

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, छठी अनुसूची में शामिल करने और नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए दबाव बनाने के लिए अनशन पर बैठे एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने 21वें दिन इसे ख़त्म करते हुए कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक नागरिक समूहों को यह महसूस नहीं होता कि उनकी मांगें पूरी हो गई हैं.

बौद्ध और मुस्लिम गठबंधन ने केंद्र सरकार से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने का आह्वान किया

लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने लोगों से संविधान की छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा और विशेष दर्जे की मांग, एक लोक सेवा आयोग के निर्माण, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, शीघ्र भर्ती अभियान और संसद में लेह और करगिल जिलों के लिए अलग प्रतिनिधित्व के लिए लड़ने के लिए एकजुट होने को कहा है.

पूर्ण राज्य, विशेष दर्जा देने की बात नहीं हुई तो गृह मंत्रालय की बैठक में शामिल नहीं होंगे: लद्दाख के नेता

उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के समिति से मिलने वाले लद्दाख के नेताओं ने कहा है कि अगर एजेंडा में राज्य का दर्जा और विशेष दर्जे पर बातचीत शामिल नहीं हुई तो वे आगामी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.

लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग के बीच केंद्र ने कहा- वहां किसी बाहरी ने ज़मीन नहीं खरीदी

केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2019 के बाद से न तो किसी बाहरी व्यक्ति ने लद्दाख में कोई ज़मीन खरीदी है और न ही किसी बाहरी कंपनी ने इस केंद्रशासित प्रदेश में निवेश किया है. केंद्र ने जोड़ा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में 185 बाहरी लोगों ने ज़मीन खरीदी है.

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी दिल्ली पहुंचे

साल 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और और तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के बाद लद्दाख क्षेत्र के लोग भारत के अन्य आदिवासी क्षेत्रों को संविधान की छठी अनुसूची के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी जनसांख्यिकी, नौकरी और भूमि की रक्षा हो.

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने समेत अन्य मांगों को लेकर जम्मू में प्रदर्शन

प्रदर्शन के दौरान लेह अपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की ओर से कहा गया कि इस सरकार के रवैये को देखते हुए हमने अपना आंदोलन तेज़ करने का फैसला किया है. यह विरोध उसी का हिस्सा है. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे.