क्या दिल्ली पुलिस में कठपुतली कमिश्नर की परंपरा चलती रहेगी

ऐसा लगातार दूसरी बार हुआ है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर सीधे नियमित कमिश्नर की तैनाती न करके किसी वरिष्ठ अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. ऐसा लगता है कि सत्ताधारी नेता जानबूझकर ही शायद ऐसा कर रहे हैं, जिससे उनके हिसाब से न चलने पर उन्हें आसानी से हटाया जा सके.

अमित शाह ने पुलिस के युवा अधिकारियों से कहा- प्रचार और सोशल मीडिया से दूर रहें

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस को ग़रीब, दलित एवं आदिवासियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. पुलिस की छवि में सुधार के लिए ‘संवाद और संवेदना’ दोनों जरूरी है. जनसंपर्क के बग़ैर अपराध के बारे में सूचना जुटाना मुश्किल है, इसलिए एसपी-डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को तहसील तथा गांवों में जाना चाहिए और लोगों से मिलना चाहिए.

त्रिपुराः मवेशी चोरी के शक़ में ग्रामीणों ने तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या की

घटना खोवई ज़िले की है, जहां ग्रामीणों ने रविवार सुबह पांच मवेशी ले जा रहे एक मिनी ट्रक को अगरतला की तरफ जाते देखा और पीछा कर उसमें सवार तीनों लोगों की बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस के अनुसार जांच जारी है और अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

क्या उत्तर प्रदेश भाजपा में हो रही उठापटक किसी बदलाव का संकेत है

विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश भाजपा में ‘राजनीतिक अस्थिरता’ का संक्रमण शुरू हो गया, जिसके केंद्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. भाजपा-आरएसएस के नेताओं के मंथन के बीच सवाल उठता है कि हाल के दिनों में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें यूपी का रण जीतना उतना आसान नहीं दिख रहा, जितना समझा जा रहा था.

उत्तर प्रदेश में भाजपा सांप-छछूंदर की गति को क्यों प्राप्त हो गई है

उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर भाजपा के बार-बार ‘सब कुछ ठीक है’ कहने के बावजूद कुछ भी ठीक न होने के संदेह थमते नज़र नहीं आ रहे हैं.

यूपी-बिहार की क़ानून-व्यवस्था पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले क्लर्क को निलंबित किया गया

मामला गाज़ियाबाद का है, जहां राजस्व विभाग के एक लिपिक ने वॉट्सऐप स्टेटस पर उत्तर प्रदेश और बिहार में ‘जंगल राज’ होने का आरोप लगाते हुए लिखा था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पूर्ववर्ती केआर नारायणन की तरह ठोस फैसले क्यों नहीं ले रहे हैं. ज़िला प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं.

अदालत ने टीवी चैनलों पर भड़काऊ कार्यक्रमों पर रोक के लिए कुछ न करने पर सरकार को फटकारा

उच्चतम न्यायालय ने उन टीवी कार्यक्रमों पर लगाम लगाने में असफल रहने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई हैए जिनके असर भड़काने वाले होते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसी ख़बरों पर नियंत्रण उसी प्रकार से ज़रूरी हैं, जैसे क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए ऐहतियाती उपाय.

अनियंत्रित रूप से की जा रही उगाही की घटनाओं से बाधित हो रहा नगालैंड का विकास: राज्यपाल

देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगालैंड की राजधानी कोहिमा में आयोजित समारोह में राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि बंदूक द्वारा राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है और जो लोग ऐसी राजनीति में विश्वास रखते हैं वह हमेशा लोकतंत्र से बाहर रहेंगे.

हयात बलोच पाकिस्तान के बाहर मारा गया होता, तब शायद खुलकर मातम होता

बीते दिनों पाकिस्तान के तुरबत शहर में पाकिस्तानी सेना द्वारा कराची यूनिवर्सिटी के छात्र हयात बलोच को उनके माता-पिता के सामने गोली मार दी गई. इस बारे में पाकिस्तान के पत्रकार वुसतुल्लाह ख़ान का नज़रिया.

यूपी: सवर्ण समुदाय के लोगों की आपत्ति के बाद रोका गया दलित महिला का अंतिम संस्कार

मामला आगरा के काकरपुर गांव का है. नट समुदाय की एक महिला की 19 जुलाई को मौत हो गई थी. उनके दाह संस्कार के समय गांव के सवर्णों ने श्मशान भूमि को किसी और द्वारा प्रयोग न करने देने की बात कहते हुए इसे रोक दिया और महिला के परिवार को चार किलोमीटर दूर दलितों के लिए बनी जगह पर शव जलाने को कहा.

यूपी: गोरखपुर में अपहरण के बाद बच्चे की हत्या, विपक्ष ने कहा- बढ़ता जा रहा है जंगलराज

मामला गोरखपुर ज़िले के पिपराइच इलाके का है, जहां अपहरण किए गए एक छठी कक्षा के छात्र का शव नाले में मिला. प्रदेश में बढ़ते अपराधों का हवाला देते हुए विपक्ष ने क़ानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: नगालैंड की क़ानून-व्यवस्था पर क्यों उठ रहे हैं सवाल

वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड के राज्यपाल की क़ानून-व्यवस्था पर टिप्पणी पर नेफ्यू रियो सरकार के जवाब, असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में पैर पसारते कोविड-19 और असम सरकार के एमएसएमई अध्यादेश के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

उत्तर प्रदेश: लखनऊ में हिंदुत्ववादी संगठन के नेता की हत्या मामले में पांच लोग गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने बताया कि कमलेश तिवारी हत्या मामले का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है. कमलेश तिवारी की मां ने भाजपा नेता पर लगाया हत्या का आरोप.