2018-20 के दौरान एसिड अटैक के 386 मामले दर्ज हुए: केंद्र सरकार
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि 2018 में महिलाओं के ख़िलाफ़ तेज़ाब हमले के 131 मामले, 2019 में 150 और 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि 2018 में महिलाओं के ख़िलाफ़ तेज़ाब हमले के 131 मामले, 2019 में 150 और 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए.
लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने बताया है कि वर्ष 2016 में 2,000 रुपये के 2,272 नकली नोट ज़ब्त किए गए थे, जिनकी संख्या 2020 में बढ़कर 2,44,834 हो गई.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमापार से प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों एवं प्रवासी कामगारों को लक्ष्य बनाकर कुछ हमले किए गए. वर्ष 2017 से अब तक ऐसे हमलों में 28 कामगार मारे गए हैं, जिनमें सात बिहार के, दो महाराष्ट्र और एक झारखंड के थे.
लोकसभा में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 11,420 फेमा मामलों को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में जांच के लिए लिया गया था. पहले कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में ये सिर्फ 4,424 मामलों थे, जो 158 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है. मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 2014-15 से 2016-17 के बीच 489 मामलों की तुलना में 2019-20 से 2021-22 में 2,723 मामले दर्ज किए गए, जो कि 456 प्रतिशत का उछाल है.
लोकसभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा दिए गए लिखित जवाब में साल 2014 से 2021 तक पूर्व सैनिकों की भर्ती का ब्योरा दिया गया है. इसके अनुसार, सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों की वार्षिक संख्या में पिछले सात वर्षों में भारी गिरावट देखी गई है, जो 2015 में 10,982 से घटकर 2021 तक 2,983 हो गई है.
समान नागरिक संहिता 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के चुनावी वादों में से एक रहा है. केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में जानकारी दी कि समान नागरिक संहिता को लेकर कुछ रिट याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, इसलिए इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. एक आरटीआई से बीते मई महीने में पता चला था कि मार्च 2020 से दो वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में मिलने वाली रियायत न देने से रेलवे ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया था.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में 92, 2018 में 67, 2019 में 116, 2020 में 19, वर्ष 2021 में 36 और 2022 में अब तक 17 मौतें हुईं. इस दौरान सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में 51 लोगों की जान गई है.
संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है. इस क़दम पर विपक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार की सच्चाई बताने वाले सभी शब्द अब ‘असंसदीय’ माने जाएंगे.
बजट सत्र तक भारतीय जनता पार्टी के पास संसद में तीन मुस्लिम सांसद थे, जो राज्यसभा में थे. जुलाई तक तीनों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा.
जी-23 के बैनर तले असंतुष्ट खेमे के पुराने वफ़ादार नेताओं के साथ सोनिया गांधी से संवाद की कड़ियां भले ही जुड़ गई हों पर लाख टके का सवाल यह है कि बीच का रास्ता निकालने के फार्मूलों से क्या कांग्रेस के अस्तित्व को लेकर पैदा हुआ संकट टल सकेगा.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर में 2014 से 2019 तक पांच साल में कम से कम 177 नागरिक और 406 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य में 2019 से अब तक आतंकवादियों के हाथों चार कश्मीरी पंडित सहित 14 हिंदू मारे गए.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने ऐसे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए पिछले साल एक पोर्टल की शुरुआत की है, जो अत्याचार के कारण घाटी छोड़ने के लिए विवश हुए और जिनकी संपत्ति जबरन ले ली गई. केंद्र सरकार ऐसे लोगों की संपत्ति वापस लौटाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है.
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सूबे के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में ज़मीनें खरीदी हैं. ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदेरबल ज़िलों में हैं.
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 विधेयक के पारित होने के बाद किसी भी अपराधी या आरोपी की पहचान के लिए उसके बायोलॉजिकल सैंपल, उंगलियों के निशान, पैरों के निशान और दूसरे ज़रूरी सैंपल लिए जाने का प्रावधान किया गया है. इन्हें एकत्र करके 75 सालों तक इस डेटा को संभाल कर रखा जा सकेगा.