कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सात फरवरी को संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के बीच संबंधों को लेकर कई टिप्पणियां की थीं. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि राहुल के भाषण के 18 अंशों को संसदीय रिकॉर्ड से हटाकर लोकसभा में लोकतंत्र ख़त्म किया गया. इस बीच राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपनी कही गईं बातों के कुछ हिस्से को कार्यवाही से हटाए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आपत्ति
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अडानी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि इस सरकार के दौरान नियम बदलकर हवाई अड्डों के ठेके अडानी समूह को दिए गए तथा प्रधानमंत्री के विदेश दौरों के बाद दूसरे देशों में भी इस उद्योगपति को कई व्यावसायिक ठेके मिले.
‘परीक्षा पे चर्चा’ एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं. छात्रों के साथ प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम पहली बार 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था.
विपक्षी दलों ने अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र पर हमला तेज़ कर दिया है. संसद के दोनों सदनों में गतिरोध क़ायम है. विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच पर ज़ोर दे रहा है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के परिसर में प्रदर्शन भी किया.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक इज़ाफ़ा कर्नाटक के भाजपा सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी की संपत्ति में हुई है. उनकी संपत्ति में इस अवधि में 4,189 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कर्नाटक से ही भाजपा सांसद पीसी मोहन उन शीर्ष 10 सांसदों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं, जिनकी संपत्ति में 2009 और 2019 के बीच में वृद्धि हुई.
विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में सर्वाधिक 1,926 भारतीय क़ैदी हैं. इसके बाद सऊदी अरब में 1,362 और नेपाल में 1,222 क़ैदी हैं. मुरलीधरन ने कहा कि भारत ने 31 देशों के साथ सज़ायाफ़्ता क़ैदियों के स्थानांतरण पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
केंद्र सरकार ने मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप, अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद कर दी थी, साथ ही विदेश में पढ़ाई हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज में सब्सिडी देने वाली 'पढ़ो परदेस' योजना भी बंद कर दी गई थी. इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीति का ख़ुलेआम प्रदर्शन कर रही है, मानो कि वह कोई सम्मान की बात हो.
क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में बताया कि देशभर की विभिन्न अदालतों में चार लाख से अधिक ऐसे मामले है, जो 25 वर्षों से भी अधिक समय से लंबित हैं. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार उच्च न्यायालय और ज़िला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 25 वर्षों से अधिक समय से लंबित वादों की संख्या क्रमशः 1,24,810 और 2,76,208 है.
गृह मंत्रालय ने 2022 की अपनी समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि बीते तीन सालों में मोदी सरकार के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर में 56,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, लेकिन इससे पहले दिसंबर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में समान अवधि में 1,084 करोड़ रुपये का निवेश होने की बात कही थी.
वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से विनिवेश और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की रणनीतिक बिक्री से 4.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए हैं. सबसे ज़्यादा 1.07 लाख करोड़ रुपये की राशि 59 मामलों में बिक्री पेशकश के ज़रिये जुटाई गई है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि देश में ‘सिटिज़न फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ अमल में आने के बाद से 12 दिसंबर, 2022 तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं.
देश भर के 23 आईआईटी और 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को 5 सितंबर 2021 से 5 सितंबर 2022 के बीच अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रिक्त फैकल्टी पदों को मिशन मोड पर भरने के निर्देश दिए गए थे. इस अवधि में 1,439 रिक्त पदों की पहचान की गई, लेकिन भर्तियां सिर्फ 449 हुईं.
लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 23,179 गृहणियों, 15,870 पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से जुड़े 2,541 कर्मचारियों ने आत्महत्या की. इसी अवधि में 42,004 दिहाड़ी मज़दूरों, 5,563 खेतिहर मज़दूरों और व्यवसाय क्षेत्र के 12,055 लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं.
भाजपा सांसद रमा देवी की अध्यक्षता वाली सामाजिक न्याय और अधिकारिता संबंधी संसद की स्थायी समिति ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए मुआवज़े के भुगतान में देरी पर नाराज़गी व्यक्त की और कहा कि नीतिगत फैसलों को लागू करने का दायित्व केंद्र सरकार का है.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को बताया कि इन 15 मामलों में से 6 मामलों की जांच चल रही है, जबकि 9 मामलों में 28 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ 28 आरोप-पत्र दायर किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये पोस्ट वर्ष 2019 से लेकर 30 नवंबर तक सरकार और संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के ख़िलाफ़ किए गए थे.