मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हार के बाद भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया को ज़िम्मेदार ठहराया था. भाजपा ने मलैया को कारण बताओ नोटिस भेजते हुए उनके बेटे और पांच मंडल अध्यक्षों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित दो श्मशान घाटों और एक क़ब्रिस्तान के रिकॉर्ड के अनुसार, एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुल 3,811 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें से 2,557 शवों को अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया. इस पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कोविड से हुईं मौतों को छिपाया नहीं जा रहा है.
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार अदालत के सवाल पर हलफ़नामा देगी और मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र को अधिक ऑक्सीजन देने का कारण बताएगी. इस बीच केंद्र ने राज्यों से शुक्रवार को कहा कि वे उपलब्ध ऑक्सीजन को महत्वपूर्ण वस्तु की तरह लें और निजी अस्पतालों समेत सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत की समीक्षा करवाएं.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. बीते 21 अप्रैल को राज्य के रायसेन ज़िले में एक महिला ने संक्रमण के कारण अपनी मां की मौत से दुखी होकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी. इसी दिन देवास में छह दिन के अंदर वायरस से 75 वर्षीय एक महिला एवं उनके दो बेटों की मौत से दुखी होकर महिला की छोटी बहू ने जान दे दी थी.
गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल मध्य प्रदेश के दमोह में एक युवक के बीमार मां के लिए ऑक्सीजन की मांग करने पर उसे 'दो थप्पड़ मारने' की बात कहते नज़र आए थे. इस युवक की कोरोना संक्रमित मां अस्पताल में भर्ती थीं.
सोशल मीडिया पर सुमित्रा महाजन के निधन की अफ़वाह के संबंध में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अज्ञात आरोपी के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी महाजन के निधन की ग़लत ख़बर अपने ट्विटर खाते पर साझा कर दी थी. बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर माफ़ी मांगी है.
घटना जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल की है. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीज़ों की जान गई, वहीं अस्पताल प्रबंधन और ज़िला प्रशासन ने ऑक्सीजन कमी के आरोपों से इनकार किया है.
मध्य प्रदेश के रायसेन और देवास ज़िले का मामला. रायसेन में एक महिला ने कोरोना वायरस के कारण अपनी मां की मौत से दुखी होकर कथित रूप से चौथी मंज़िल से कूदकर आत्महत्या कर ली. वहीं, देवास में छह दिन के अंदर संक्रमण से एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत से दुखी होकर एक महिला ने कथित रूप से फ़ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि महामारी के मुश्किल दौर में ऐसी ख़बरें भी दिखाई जानी चाहिए, जिनसे समाज में सकारात्मक माहौल बन सके. हर 100 साल में एक बार महामारी आती है. ऐसे समय में आप यह भी दिखाएं कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ किस तरह लगातार काम कर रहे हैं.
प्रवासी मज़दूरों से भरी यह बस ग्वालियर-झांसी राजमार्ग के जौरासी घाटी मोड़ पर पलट गई. दिल्ली में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनज़र एक हफ़्ते के लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद बस मज़दूरों को लेकर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ होते हुए छतरपुर जा रही थी.
कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच भोपाल में भाजपा के स्थानीय नेता कुछ नये ‘मुक्ति वाहनों’ को समारोहपूर्वक फोटो खिंचवाकर रवाना करते हुए नज़र आए. कांग्रेस ने इस पर तंज़ कसते हुए कहा कि 'फोटोबाज़ी' करके आपदा में भी अवसर तलाशा जा रहा है. इससे पहले इंदौर में भाजपा नेताओं द्वारा ऑक्सीजन लेकर पहुंचे टैंकर के सामने पूजा-पाठ करने पर भी विवाद हुआ था.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा एवं देशव्यापी समस्या होने के कारण केंद्र सरकार को औद्योगिक उपयोग की ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए और यदि फ़िर भी यह ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं होती है तो इसका आयात करना चाहिए.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कई निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य, मौलिक अधिकार होने के अलावा बुनियादी मानवाधिकार भी है, जिसे कोई भी लोकप्रिय सरकार नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती है. सामाजिक न्याय एवं समानता में स्वास्थ्य का अपना एक स्थान है और यह सभी के लिए सुलभ होना चाहिए.
मध्य प्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज की घटना. कॉलेज के डीन का कहना है कि कोरोना मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई की कमी की वजह से हुई है या नहीं, अभी इसका पता नहीं लगाया जा सका है. मेडिकल शिक्षा मंत्री और शहडोल के ज़िलाधिकारी ने ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात से इनकार किया है.
भोपाल शहर के सारे विश्राम घाट इन दिनों मृत देहों से पटे पड़े हैं. ढेर सारी एंबुलेंस मृत शरीरों को रखे अपनी बारी का इंतजार करती रहती हैं, चाहे भदभदा विश्राम घाट हो या सुभाष विश्राम घाट सब जगह इतनी देह आ रही हैं कि प्रबंधकों के चेहरे पर पसीना ही दिखता है.