वीडियो: कर्नाटक में भाजपा के ख़िलाफ़ कांग्रेस की जीत के मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लक्ष्मण यादव से याक़ूत अली की बातचीत.
सिद्धारमैया दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए हैं. उनके और डीके शिवकुमार के अलावा आठ मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा अपने घोषणा-पत्र में किए गए 5 गारंटियों के वादे को पहली कैबिनेट मीटिंग में मंज़ूरी दे दी गई.
वीडियो: हाल ही में संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव और ट्विटर पर झूठ परोसे जाने के संबंध में राजनीतिक विश्लेषक मनीषा प्रियम का नज़रिया.
चिन-कुकी-मिज़ो-ज़ोमी-हमार समुदायों से आने वाले मणिपुर के 10 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिए गए एक ज्ञापन में कहा है कि हिंसा के बाद उनके लोगों ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में ‘विश्वास खो दिया है’. इन विधायकों में भाजपा के सात विधायक शामिल है. कांग्रेस ने हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
वीडियो: कर्नाटक में भाजपा की हार के बाद क्या ये कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है? क्या हिंदुत्व की राजनीति हारती हुई नज़र आ रही है. ऐसे ही सवालों को लेकर इतिहासकार और राजनीतिक टिप्पणीकार रामचंद्र गुहा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: कर्नाटक चुनाव में भाजपा के ख़िलाफ़ कांग्रेस को मिली जीत पर वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: कर्नाटक चुनाव में भाजपा के ख़िलाफ़ कांग्रेस को मिली जीत पर वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी, राजनीतिक विश्लेषक मनीषा प्रियम और लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुबीर सिन्हा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को औपचारिक रूप से सिद्धारमैया को सीएम और शिवकुमार को एकमात्र डिप्टी सीएम नियुक्त करने के फैसले की घोषणा की.
वीडियो: कर्नाटक में भाजपा की हार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बस शुरुआत बताया. उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया किया कि कैसे 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने में कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल ज़रूरी भूमिका निभा सकते हैं. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कांग्रेस की सामाजिक न्याय की राजनीति ने भाजपा की ब्राह्मणवादी हिंदुत्व की राजनीति पर ब्रेक लगा दिया है. ज़ाहिर तौर पर इसका दूरगामी असर होगा.
मोदी-शाह की जोड़ी राज्य स्तर पर पार्टी संगठनों पर कड़ा नियंत्रण चाहती है और सभी मुख्यमंत्रियों को अपने अधीन रखना चाहती है. हालांकि, हाल के चुनावों में कांग्रेस ने विकेंद्रीकरण को अपनाते हुए राज्य के नेताओं को आगे रखा है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आई तो बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेगी. इस पर 'हिंदू सुरक्षा परिषद' नामक इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंजाब में एक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है.
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत ने 2015 के दिल्ली और 2020 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की याद दिलाई है, जहां किसी एक दल ने मोदी-शाह के रुतबे को चुनावी मैदान में पछाड़ दिया था. लेकिन फिर भी ऐसा नहीं है कि ऐसी जीत के साथ भारत के लोकतंत्र में अचानक सब ठीक हो गया हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह कर्नाटक विधानसभा चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर समूचे प्रचार में अपने पद की गरिमा तक से समझौता किए रखा और मतदाताओं ने जिस तरह उनकी बातों की अनसुनी की, उसका साफ़ संदेश है कि भाजपा के ‘मोदी नाम केवलम्’ वाले सुनहरे दिन बीत गए हैं.
वीडियो: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है. कांग्रेस को जहां 224 सीटों में 135 सीटें मिलीं हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक प्रचार-प्रसार के बावजूद भाजपा के खाते में सिर्फ़ 66 सीटें ही आई हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 104 सीटों को अपने नाम किया था.