हिरासत में लेने से कुछ मिनट पहले ही यूपी पुलिस ने रोहित रंजन पर एफ़आईआर दर्ज की थी: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट बताती है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को ‘ग़लत संदर्भ’ में प्रसारित करने के मामले में  ज़ी न्यूज़ के दो पूर्व कर्मचारियों के ख़िलाफ़ दर्ज एक एफ़आईआर में यूपी पुलिस ने उसी सुबह एंकर रोहित रंजन का नाम जोड़ा था, जिस दिन उन्हें हिरासत में लिया गया था और उसी दिन उनकी ज़मानत भी हो गई थी.

सपोर्ट रोहित रंजन का हैशटैग चलाने वाले ज़ी न्यूज़ ने थाने में शिकायत क्यों दर्ज करवाई

ज़ी न्यूज़ के डीएनए कार्यक्रम में राहुल गांधी के ग़लत वीडियो पर कांग्रेस की आपत्ति के बाद ज़ी न्यूज़ ने तुरंत ही माफ़ी मांगी और इसे मानवीय भूल बताया. फिर ज़ी न्यूज़ ने पुलिस शिकायत क्यों दर्ज कराई कि वीडियो का मामला मानवीय भूल से आगे का है और पुलिस जांच करे? क्या माफ़ी मांगने से पहले जांच नहीं हुई होगी?

ज़ुबैर की ज़मानत ख़ारिज होने पर क़ानूनविदों ने उठाए सवाल, कहा- और कितना नीचे गिरेगी न्याय व्यवस्था

दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए फैक्ट-चेकर मोहम्मद ज़ुबैर पर दर्ज मामले और उनकी हिरासत को लेकर नज़र आ रहीं स्पष्ट ख़ामियों पर सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश, एक उच्च न्यायालय के जज और वकीलों ने सवाल उठाए हैं.

‘मोहम्मद ज़ुबैर जैसे पत्रकार रास्ते से हट जाएं तो भाजपा बेरोक-टोक झूठ फैला सकती है’

वीडियो: फैक्ट-चेक वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को बीते 27 जून को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. उनके ख़िलाफ़ एक अज्ञात ट्विटर एकाउंट के ज़रिये शिकायत दर्ज कराई गई थी. द वायर की पड़ताल में सामने आया है कि उस एकाउंट का संबंध भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी और टेक फॉग नेटवर्क से है. इस पड़ताल को अंजाम देने वाले देवेश कुमार और नाओमी बार्टन से दीपक

पत्रकारों ने कहा- मीडियाकर्मियों पर एफ़आईआर और छापे प्रेस को बुरी तरह प्रभावित करेंगे

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी का उल्लेख करते हुए दिल्ली के सात मीडिया संगठनों ने कहा कि सरकार का पत्रकारों को निशाना बनाना पूरे पेशे के भविष्य के लिए ख़तरनाक है.

हिंदुत्ववादी नेताओं को ‘घृणा फैलाने वाला’ बताने पर मोहम्मद ज़ुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर ने अपने एक ​ट्वीट में कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था, जिसे लेकर बीते एक जून को उत्तर प्रदेश में सीतापुर ज़िले के ​खैराबाद में उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. ऐसे ही एक अन्य मामले में ​दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद वह पहले से ही 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं.

मोहम्मद ज़ुबैर की ज़मानत याचिका खारिज़, दिल्ली पुलिस ने नए आरोप जोड़े

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर को पांच दिन तक हिरासत में लेकर पूछताछ की अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया था. पुलिस के और पूछताछ करने के अनुरोध के बाद कोर्ट ने उन्हें चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

जानबूझकर फैलाई जा रहीं फ़र्ज़ी ख़बरों से मीडिया के प्रति विश्वास घटता है: पत्रकार मारिया रेसा

साक्षात्कार: हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा की वेबसाइट रैपलर को वहां की सरकार ने बंद करने का आदेश दिया है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में मारिया ने कहा कि पत्रकारों को लोगों को यह बताने की ज़रूरत है कि अगर वे आज अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ते हैं, तो वे इन्हें हमेशा के लिए गंवा देंगे.

ज़ुबैर गिरफ़्तारी: पत्रकार जो लिखते या कहते हैं उसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए- यूएन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा कि दुनिया में कहीं पर भी यह बेहद ज़रूरी है कि लोगों को खुलकर अपनी बात कहने की अनुमति दी जाए. पत्रकारों को मुक्त होकर और किसी भय के बिना अपनी बात कहने की छूट होनी चाहिए.

एफआईआर आधारित ख़बर पर मानहानि का मुक़दमा पत्रकार की आवाज़ को दबाना है: कोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक मीडिया संस्थान के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि के मुक़दमे की सुनवाई में कहा कि एफआईआर पर आधारित ख़बर पर मानहानि की शिकायत दर्ज कराना रिपोर्टर को चुप कराने और आरोपियों के ख़िलाफ़ छपी ख़बर को जबरन वापस लेने का प्रयास करवाने के अलावा और कुछ नहीं है.

रांची हिंसा: राज्य सरकार ने आरोपियों के पोस्टर जारी करने पर एसएसपी से जवाब तलब किया

रांची में पुलिस ने मंगलवार को 10 जून की हिंसा में वांछित लोगों के पोस्टर जारी किए थे. बाद में तकनीकी त्रुटि का हवाला देते हुए इन्हें सुधार कर दोबारा जारी करने की बात कही गई. सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा इसके विरोध के बीच गृह सचिव ने रांची एसएसपी से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है.  

एनबीडीएसए ने ‘मीडिया ट्रायल’ बताते हुए ज़ी समेत कई चैनलों से उमर ख़ालिद के वीडियो हटाने को कहा

न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने इस सप्ताह की शुरुआत में दिए गए चार आदेशों में ज़ी न्यूज़, ज़ी हिंदुस्तान, इंडिया टीवी, आज तक और न्यूज़18 के दिल्ली दंगों, किसान आंदोलन, मुस्लिम आबादी और 'थूक जिहाद' संबंधी प्रसारणों को ग़लत बताते हुए इनके वीडियो हटाने का निर्देश दिया है.

पैगंबर पर टिप्पणी: जमीयत ने गिरफ़्तारियों, बुलडोज़र का इस्तेमाल और पुलिस गोलीबारी की निंदा की

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी का विरोध करना मु​सलमानों का संवैधानिक अधिकार है. पुलिस गोलीबारी, बुलडोज़र का इस्तेमाल और ‘अंधाधुंध तरीके से लोगों को गिरफ़्तार करके’ इस अधिकार का हनन करना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए ‘शर्म की बात’ है.

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