विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 11 स्थान फिसला, 180 देशों में 161वें स्थान पर

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023 में भारत के संदर्भ में कहा गया है कि सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ मानहानि, राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरे में डालने के आरोप बढ़ रहे हैं. पिछले साल इस सूचकांक में भारत 150वें पायदान पर था.

आईटी नियम ‘प्रेस स्वतंत्रता की स्वतंत्रता का गंभीर रूप से उल्लंघन’ करेंगे: इंटरनेट कोअलिशन

एशिया इंटरनेट कोअलिशन के अलावा इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित विभिन्न प्रेस निकायों ने कानून और स्वतंत्र प्रेस पर इसके प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त की है. इनकी ओर से कहा गया था कि आईटी नियम सरकार या उसकी नामित एजेंसी को कोई ख़बर फ़र्जी है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए ‘पूर्ण’ और ‘मनमानी’ शक्ति प्रदान करेंगे.

पत्रकार को अधिकारों से वंचित किया, पीएसए लगाते वक़्त दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया: कोर्ट

जम्मू कश्मीर की समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा क़ानून के तहत कार्यवाही को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने इसके तहत उनके हिरासत के आधार को ‘केवल संदेह के आधार पर’ और ‘मामूली दावा’ क़रार दिया. फरवरी 2022 में फ़हद को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और जनता को भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

सत्यपाल मलिक के ख़ुलासों पर भाजपा की चुप्पी के बीच कांग्रेस ने पुलवामा पर श्वेतपत्र की मांग की

कांग्रेस ने केंद्र से 2019 के पुलवामा हमले को लेकर श्वेतपत्र की मांग करते हुए कहा कि 'वह बताए कि हमला कैसे हुआ, इंटेलिजेंस की क्या विफलताएं थीं, जवानों को ले जाने के लिए विमान क्यों नहीं दिया गया, सुरक्षा में क्या चूक हुईं और सीआरपीएफ, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पीएमओ की क्या भूमिका थी.'

आजकल के नेता आलोचना को लेकर असहिष्णु होते जा रहे हैं: वेंकैया नायडू

पूर्व उपराष्ट्रपति और एम. वेंकैया नायडू ने एक समारोह में कहा कि नेता पत्रकारों के सभी दृष्टिकोणों से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन उन्हें आलोचना को अपने पक्ष में लेना चाहिए. पत्रकारों को नेताओं और हस्तियों की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए, अन्यथा लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.

सत्यपाल मलिक के आरोप पर थरूर ने कहा- मीडिया ऐसी ख़बर की अनदेखी कैसे कर सकता है

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र और प्रधानमंत्री मोदी पर पुलवामा आतंकी हमले को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों को भारतीय मीडिया ने क़रीब-क़रीब अनदेखा कर दिया है. इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि ख़बर को दबाने में कोई राष्ट्रीय सुरक्षा हित नहीं है. ऐसी अनदेखी केवल सत्तारूढ़ भाजपा के हित पूरे करती है.

मीडिया वन पर बैन रद्द, कोर्ट ने कहा- हक़ से वंचित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को इस्तेमाल किया

गृह मंत्रालय ने 2021 में मलयालम न्यूज़ चैनल ‘मीडिया वन’ को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार के बाद जनवरी 2022 में इसके प्रसारण पर रोक लगाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के निर्णय को रद्द करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को अधिकारों से वंचित करने की आलोचना की है.

अगर आप आज़ाद सोच रखते हैं, तो उसके नतीजे भी भुगतने ही होंगे: महेश भट्ट

इराक़ी पत्रकार मुंतज़र अल ज़ैदी की आत्मकथा ‘द लास्ट सैल्यूट टू प्रेसिडेंट बुश’ पर आधारित, फिल्मकार महेश भट्ट का नाटक ‘द लास्ट सैल्यूट’ अब किताब की शक्ल में सामने आया है. इस पर बात करते हुए भट्ट ने कहा कि कुछ ही लोग होंगे जो हिम्मत करके सच लिखेंगे और कुछ ही लोग होंगे जो थिएटर के ज़रिये इसे पेश करेंगे.

हमारा अस्तित्व दासता, झूठ और बुद्धिहीनता में बिकने-खरीदने की दुकान से बना है!

गुजरात दंगों के बाद अरुण पुरी ने अपनी ‘इंडिया टुडे’ दुकान में नरेंद्र मोदी को विभाजक, घृणा-नफरत का क्राफ्ट्समैन, ध्वंस के बीच का सम्राट आदि लिखा था. अब इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में वही नरेंद्र मोदी 'उनकी दुकान चलाने' की बात कह रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ से निकाला गया एक पत्रकार आख़िर क्यों हुआ पोहा बेचने पर मजबूर?

वीडियो: क़रीब तीन महीने पहले तक ज़ी न्यूज़ में बतौर असिस्टेंट न्यूज़ एडिटर काम करने वाले ददन विश्वकर्मा ने नोएडा फिल्मसिटी में कई मीडिया संस्थानों के दफ्तरों के बीच स्टॉल लगाकर पोहा बेचने का काम शुरू किया है और इसे ‘पत्रकार पोहा वाला’ नाम दिया है. उनका कहना है कि काफ़ी समय तक जब किसी ने नौकरी नहीं दी, तब आख़िर में ख़ुद का काम शुरू करने की सोची. उनकी कहानी.

साहित्य को राजनीति की अधीनता से बहुत कुछ मुक्त रखने की कोशिश लगातार करते रहना चाहिए

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: राजनीति अपने आधिपत्य को फैलाने-बचाने के लिए हर दिन कोई नई तरक़ीब इस्तेमाल करती है, वैसे ही साहित्य को नवाचार में संलग्न होना चाहिए. यह कठिन है पर फिर सच्चा और ईमानदार साहित्य लिखना तो हमेशा ही कठिन रहा है. कठिनाई से निपटना साहित्य-धर्म है, उससे भागना नहीं.

‘भीड़’ समाज में अदृश्य लोगों की कहानी बयां करती है: अनुभव सिन्हा

वीडियो: कोविड-19 महामारी, अचानक देश में लगाए गए लॉकडाउन और इस दौरान हाशिये के वर्ग के लोगों के सामने पेश आई मुश्किलें निर्देशक अनुभव सिन्हा की नई फिल्म 'भीड़' का विषय हैं. इस बारे में उनसे और फिल्म की टीम से बातचीत.

मीडिया ट्रायल अदालती फैसले से पहले ही व्यक्ति को दोषी ठहरा देती है: सीजेआई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रेस राज्य की अवधारणा में चौथा स्तंभ है. एक स्वस्थ लोकतंत्र को पत्रकारिता को एक ऐसी संस्था के रूप में प्रोत्साहित करना चाहिए, जो सत्ता से कठिन सवाल पूछ सके. जब प्रेस को ऐसा करने से रोका जाता है तो किसी भी लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है.

अमेरिका ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकार के हालात की निंदा की

अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 में भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में मनमानी गिरफ़्तारियों, यूएपीए के इस्तेमाल और 'बुलडोज़र न्याय' जैसी विभिन्न घटनाओं का ज़िक्र करते हुए देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है.

हरियाणा: भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत पर पत्रकार गिरफ़्तार, पत्रकार संगठनों ने विरोध जताया

हरियाणा के रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे सुमित कुमार ने पत्रकार जसपाल सिंह के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जुए के एक मामले में उनके पिता के नाम का कथित उल्लेख करते हुए वॉट्सऐप ग्रुप में और फेसबुक पर ख़बर पोस्ट की थी.

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