पुणे की एक कंपनी में काम करने वाली सीए एना सेबेस्टियन की 20 जून को हृदयाघात से मौत हो गई. उनकी मां का दावा है कि लंबे समय तक काम के अत्यधिक दबाव के चलते ऐसा हुआ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ज़िक्र करते हुए कहा है कि कॉलेजों को छात्रों को स्ट्रेस मैनेजमेंट सिखाना चाहिए.
वीडियो: विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में लगभग सात करोड़ लोग विभिन्न मानसिक विकारों से पीड़ित हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाती और इसलिए इनका निदान नहीं होता. हालांकि ये समस्याएं उनके जीवन को व्यापक तौर पर प्रभावित करती हैं. सवाल सेहत का की इस कड़ी में बात मानसिक स्वास्थ्य और उससे जुड़ी वर्जनाओं की.
एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई एक रिपोर्ट बताती है कि कुल आत्महत्या की संख्या में सालाना 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं छात्र आत्महत्या के मामलों में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया और उसकी पहल डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा संयुक्त रूप से किए गए सर्वेक्षण का प्रमुख निष्कर्ष मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है, जिससे पता चलता है कि चिंता या एंग्जायटी अब केवल 'शहरी' लोगों की समस्या नहीं रह गई है.
गुजरात सरकार द्वारा विधानसभा में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, आत्महत्या करने वालों में 495 छात्र थे. सबसे अधिक आत्महत्या के 3,280 मामले अहमदाबाद शहर में, इसके बाद सूरत शहर में 2,862 और राजकोट शहर में 1,287 मामले दर्ज किए गए. आत्महत्या के प्रमुख कारणों में मानसिक स्वास्थ्य, प्रेम संबंध, गंभीर बीमारी आदि शामिल हैं.
कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों में कोचिंग की गुणवत्ता, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों और फीस को लेकर नियम बनाए गए हैं. इनका अनुपालन सुनिश्चित करने और संस्थानों से जवाबदेही का ज़िम्मा राज्य सरकारों का होगा.
वीडियो: भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पहले एपिसोड में भारत में किन बीमारियों का बोझ सर्वाधिक है और उनसे कैसे निपटा जा सकता है, इस बारे में एम्स, दिल्ली के डॉ. आनंद कृष्णन और द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर से बात कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के 33 राज्यों ने इंस्टाग्राम और फेसबुक की मूल कंपनी मेटा पर मुक़दमा दायर करते हुए आरोप लगाया है कि मेटा जानबूझकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के ज़रिये युवाओं को इनकी लत लगा रहा है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं.
दिल्ली स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने नए शैक्षणिक सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों को दिए दिशानिर्देशों में यह भी कहा है कि वे यह घोषित करें कि वे किसी मनोरोग या मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित नहीं हैं.
केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 और 2023 के बीच उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या करने वाले इन 98 छात्रों में से सबसे ज्यादा 39 आईआईटी से, 25 एनआईटी से और 25 केंद्रीय विश्वविद्यालयों से, चार आईआईएम से, तीन आईआईएसईआर से और दो आईआईआईटी से थे.
शिक्षा मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 और 2023 के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों में लगभग आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से संबंधित थे.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक परामर्श जारी करते हुए इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि हाल के वर्षों में भारत की जेलों में बड़ी संख्या में हुई मौतें आत्महत्या के चलते हुईं. बताया गया है कि जेलों में होने वाली अप्राकृतिक मौतों में से 80 प्रतिशत की वजह आत्महत्या थी.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न विरोधी क़ानून को पेश किए जाने के एक दशक बाद भी ‘स्थिति चिंताजनक’ है, जबकि यह केंद्र और राज्यों के लिए सकारात्मक कार्रवाई करने का समय था. अदालत ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि जब महिलाएं कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का सामना करती हैं, तो वे शिकायत करने से हिचकती हैं. उनमें से कई तो अपनी नौकरी छोड़ भी देती हैं.
गुरुवार को एक समाचार चैनल के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक 'चुटकुला' सुनाने की बात कहते हुए एक महिला की आत्महत्या करने का प्रसंग बताया था. विपक्षी नेताओं समेत कई लोगों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आत्महत्या के बारे में चुटकुला सुनाना बेहद असंवेदनशील है.
पुलिस ने कहा कि आईआईटी मद्रास में पिछले तीन महीने के दौरान यह इस तरह की चौथी घटना है. 31 मार्च को यहां से पढ़ाई कर रहे एक पीएचडी छात्र ने, 14 मार्च को आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने और 13 फरवरी को स्नातकोत्तर के एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.