निरस्त हो चुके तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि संगठन अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करता है और उनसे शांतिपूर्वक विरोध करने की अपील करता है. मोर्चा ने योजना का विरोध करने के लिए 24 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
वाराणसी के ज़िलाधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दौरान उपद्रवी तत्वों ने यहां कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.
एक तरफ जहां सरकार ‘अग्निपथ’ योजना के तहत नौकरी पाने वाले अग्निवीरों को चार साल की सेवा समाप्ति के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की बात कह रही है, वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों और उन पर हुईं नियुक्तियों की संख्या में बड़ा अंतर है.
असम जातीय परिषद ने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद की समस्या ख़तरनाक रूप में है. इस साल ही ढाई सौ से अधिक युवा प्रतिबंधित विद्रोही समूह उल्फा में शामिल हुए हैं. ऐसे में डर है कि चार साल की सेवा के अंत में रोजगार नहीं मिला तो कुछ अग्निवीर उग्रवादी संगठनों में शामिल हो जाएंगे.
अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों के बीच रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हुआ, सरकार ने साल 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया के लिए आयु सीमा पूर्व में घोषित 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी है.
संशोधित नियमों के अनुसार, नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ अन्य अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा सकता है. दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद रिक्त है.
रिपब्लिकन सांसद डेविड नुनेस ने कहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले सप्ताह भारत की सीमा के पास तिब्बत का दौरा किया है. भारत के लिए यह ख़तरे की बात है कि वह एक बड़ी जल परियोजना विकसित करने वाले हैं, जिससे भारत की जलापूर्ति बाधित हो सकती है.
डेमचोक में पहले भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हो चुका है. 1990 के दशक में भारत-चीन संयुक्त कार्य समूहों (जेडब्ल्यूजी) की बैठकों के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि डेमचोक और ट्रिग हाइट्स वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवादित बिंदु थे.
बिज़नेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर स्थित कई स्थानों पर फिर से कब्ज़ा कर लिया है, जिसे उन्होंने पहले पीछे हटने संबंधी समझौते के अनुसार खाली कर दिया था. रिपोर्ट के दावे को भारतीय सेना ने ख़ारिज किया है.
आयुध निर्माणी बोर्ड से जुड़े कई बड़े संघों ने हाल ही में सरकार के बोर्ड को निगम बनाने के निर्णय के ख़िलाफ़ जुलाई में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी. अब नए आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 के मुताबिक, हड़ताल शुरू करने या इसमें भाग लेने वाले को एक साल की क़ैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
भारतीय सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी घुसपैठ का पता लगाए जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई की शुरुआत से ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई बार झड़प हुई थीं.
बीते साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. झड़प में चीनी सेना को नुकसान होने की बात भी कही गई थी, लेकिन चीन ने आधिकारिक तौर पर शुक्रवार से पहले ये स्वीकार नहीं किया था कि इस घटना में उसके भी सैनिक मारे गए थे.
एएनआई ने एक छेड़छाड़ किए गए वीडियो के आधार पर कहा कि पूर्व पाक राजनयिक ज़फर हिलाली ने भारत द्वारा की गई बालाकोट एयरस्ट्राइक में 300 मौतों की बात स्वीकारी है. हालांकि कई फैक्ट-चेक में सामने आए असली वीडियो में हिलाली को भारत के इस दावे को ग़लत कहते हुए सुना जा सकता है.
6 नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर रज़ामंदी हुई है कि सीमा पर तैनात बल संयम बरतें एवं ग़लतफ़हमी से बचें.
बालाकोट एयरस्ट्राइक के अगले दिन 27 फरवरी 2019 की सुबह भारत और पाकिस्तान के बीच नौशेरा सेक्टर में हवाई संघर्ष के दौरान बड़गाम में भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान का समझकर मार गिराया गया था. इस हादसे में वायुसेना के छह जवानों सहित सात लोगों की जान गई थी.