'मुख्यधारा' का मीडिया जहां चुनिंदा मसलों पर चुप्पी का रास्ता अपना रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया यह काम मुखरता से कर रहा है. जिन जटिल और महत्वपूर्ण मुद्दों को बड़े मीडिया संस्थान नज़रअंदाज़ कर देते हैं, वो अब मीम्स, वीडियो क्लिप्स की शक्ल में सरल और चुटीले स्वरूप में व्यापक दर्शकों तक पहुंच रहे हैं.
इस सिफ़ारिश को वापस लेने का सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का फैसला केंद्र सरकार के जवाब का छह महीने से अधिक समय तक इंतज़ार करने के बाद आया है. कॉलेजियम ने सितंबर 2022 को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर की सिफ़ारिश की थी, तब से यह बिना किसी प्रतिक्रिया के सरकार के पास लंबित है.
भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता के बेटे सूरज की शादी गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी की बेटी से हुई है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर मेहता को देश से भगाने का आरोप लगाया है. मेहता पर कई शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी समूह के साथ व्यापार करने का आरोप है. कांग्रेस ने सवाल किया कि इस बड़े खुलासे के बाद सीबीआई और ईडी ने क्या किया है?
मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने बहादुरी से पुलवामा का पर्दाफाश किया. किसान उनके साथ हैं. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने द वायर के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि पुलवामा आतंकी हमला सरकारी ग़लती के चलते हुआ था.
कांग्रेस ने केंद्र से 2019 के पुलवामा हमले को लेकर श्वेतपत्र की मांग करते हुए कहा कि 'वह बताए कि हमला कैसे हुआ, इंटेलिजेंस की क्या विफलताएं थीं, जवानों को ले जाने के लिए विमान क्यों नहीं दिया गया, सुरक्षा में क्या चूक हुईं और सीआरपीएफ, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पीएमओ की क्या भूमिका थी.'
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा द वायर को दिए एक साक्षात्कार में 'पुलवामा हमले को सरकारी ग़लती का नतीजा' बताने वाले बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि वैसे तो देश में कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इनकी सच्चाई सामने नहीं आई.
पत्रकार करण थापर से बातचीत में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी के घनिष्ठ संबंधों से जुड़े आरोपों पर कहा, 'मालूम नहीं कि मोदी साहब को कोई सलाह देता है या नहीं, मैं दे रहा हूं कि मेहरबानी करके अडानी से हाथ छुड़ा लीजिए. लोग ये मानने लगे हैं कि अडानी के आर्थिक मामलों में इनकी दिलचस्पी है.'
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर की समस्या सिर्फ कश्मीरियों ने पैदा नहीं की है, पचास फीसदी दिल्ली ने पैदा की है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने कभी इस सूबे में निष्पक्ष चुनाव नहीं करवाए, एक बार तो नतीजे ही बदल दिए थे.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा पुलवामा हमले को लेकर मोदी सरकार पर लगाए आरोपों के संबंध में पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी ने कहा है कि पुलवामा में जानमाल के नुकसान की प्राथमिक ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा सलाह दी जाती है.
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं के औचित्य पर सवाल उठाते हुए केंद्र ने कहा है कि ‘विवाह’ जैसे मानवीय संबंधों की मान्यता अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, अदालतें न्यायिक व्याख्या के माध्यम से या मौजूदा क़ानूनी ढांचे को ख़त्म करके ‘विवाह’ नामक किसी भी संस्था को बना या मान्यता नहीं दे सकती हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति मनमाना और संस्थागत अखंडता और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. गोयल को 19 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र और प्रधानमंत्री मोदी पर पुलवामा आतंकी हमले को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों को भारतीय मीडिया ने क़रीब-क़रीब अनदेखा कर दिया है. इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि ख़बर को दबाने में कोई राष्ट्रीय सुरक्षा हित नहीं है. ऐसी अनदेखी केवल सत्तारूढ़ भाजपा के हित पूरे करती है.
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उनके एक मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे, जिन पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बजाय आनन-फानन में उनका तबादला करके मेघालय भेज दिया.
द वायर को दिए एक साक्षात्कार में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए है. इस संबंध में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री के जिम कॉर्बेट पार्क में एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग में व्यस्त होने पर सवाल उठाए हैं.
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पुलवामा हमला केंद्रीय गृह मंत्रालय की अक्षमता और लापरवाही का नतीजा था.