राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्हें मिली कुल 30,957 शिकायतों में से 9,710 गरिमा से जीने के अधिकार से संबंधित थीं, इसके बाद 6,970 घरेलू हिंसा और 4,600 शिकायतें दहेज उत्पीड़न से संबंधित थीं. आयोग को मिली लगभग 54.5 प्रतिशत शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई थीं.
मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बीते हफ्ते कॉलेज परिसर में आत्महत्या का प्रयास किया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मामले में एक छात्र को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, वह कॉलेज स्टाफ की भूमिका की जांच रही है क्योंकि उन्होंने घटना के बारे में पुलिस को सूचित नहीं किया था.
केरल के एक कार्यकर्ता को यौन उत्पीड़न के मामले में अग्रिम ज़मानत देते हुए सत्र अदालत ने कहा था कि केस में आईपीसी की धारा 354 ए मान्य नहीं है क्योंकि महिला ने 'यौन रूप से भड़काऊ कपड़े' पहने थे. हाईकोर्ट ने अग्रिम ज़मानत के निर्णय को बरक़रार रखते हुए इस टिप्पणी को अदालत के आदेश से हटाने को कहा है.
मध्य प्रदेश के कोतमा से कांग्रेस विधायक सुनील सराफ और सतना के विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पर एक महिला ने रीवा से भोपाल जा रही ट्रेन में उनका हाथ पकड़ने और अभद्रता करने का आरोप लगाया है. दोनों विधायकों का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं.
हरियाणा के फतेहाबाद में टोहाना स्टेशन के पास छेड़छाड़ का विरोध पर एक व्यक्ति ने 32 वर्षीय महिला को कथित तौर पर चलती ट्रेन से धक्का दे दिया, जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया है.
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, बीते साढ़े छह महीनों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस अवधि में हर दिन बलात्कार के कम से कम छह और छेड़छाड़ के सात मामले दर्ज किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले का मामला है. इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. आरोप है कि पुलिस भी नाबालिग के परिजनों पर समझौता करने का दबाव बना रही थी. घटना के 13 दिन बाद एसपी के हस्तक्षेप करने से छह मई को ज़िले के गजरौला थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई. इस संबंध में लापरवाही के आरोप में थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.
इस महीने की शुरुआत में लूट के एक आरोपी के शरीर पर चोटों के निशान देखने के बाद एक जज ने बेगमपुर पुलिस थाने के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ जांच शुरू करने का आदेश दिए थे. अब अदालत ने आरोपी को हिरासत में प्रताड़ित करने, उनके परिवार की महिलाओं से छेड़छाड़ के लिए कई पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
घटना मुज़फ़्फ़रनगर की है. आरोप है कि सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षा के बहाने दसवीं कक्षा की छात्राओं को एक अन्य स्कूल ले जाया गया था और 17 नवंबर की रात नशीला पदार्थ देने के बाद उनसे छेड़छाड़ की गई. पुलिस ने बताया कि दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया है. परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई न करने के लिए संबंधित थाना प्रभारी को लाइन हाज़िर किया गया है.
एक विशेष अदालत ने सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति समेत तीन अभियुक्तों को एक महिला के सामूहिक बलात्कार और उनकी नाबालिग बेटी के रेप के प्रयास का दोषी ठहराया है. फरवरी, 2017 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और तब से वह जेल में हैं.
घटना छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में विशेष रूप से सक्षम लड़कियों के लिए बने सरकारी आश्रय गृह में बीते 22 सितंबर को हुई. मामले के आरोपी आश्रय गृह के केयरटेकर और चौकीदार को गिरफ़्तार कर लिया गया है. यहां रहने वाली मूक और बधिर लड़कियां आदिवासी समुदाय से हैं.
उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले का मामला. 30 वर्षीय महिला ने 14 अगस्त को अपने पड़ोसी विपिन यादव के ख़िलाफ़ घर में घुसकर मारपीट करने और छेड़खानी करने का मामला दर्ज करवाया था. पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया था. आरोप है कि इसी से नाराज़ होकर उसके मां-बाप ने महिला पर किरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 161 (3) के प्रावधानों के तहत बलात्कार और यौन शोषण पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दर्ज करना अनिवार्य है और अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं होता. अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को दो महीने के भीतर सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुपालन संबंधी दिशानिर्देश जारी करने को कहा है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के बर्रा इलाके का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ लोग एक मुस्लिम रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए नज़र आ रहे हैं और उससे कथित रूप से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कह रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़ित रिक्शा चालक के एक रिश्तेदार का उसके पड़ोसियों के ख़िलाफ़ ज़मीन को लेकर मुक़दमा चल रहा है और जुलाई में इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के
उत्तर प्रदेश में बीते 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली थी. प्रतापगढ़ ज़िले की थाना आसपुर देवसरा पुलिस ने क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में कथित फ़र्ज़ी मतदान को लेकर पुलिस पर किए गए पथराव, गोलीबारी और तोड़फोड़ के आरोप में बीते 10 जुलाई की रात सपा के एक पूर्व विधायक सहित 161 लोगों के ख़िलाफ़ नामजद और 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या के प्रयास