कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदुत्व के प्रतिपादक और उसके अनुयायी किसी हिंदू अध्यात्म या चिंतन परंपरा का कभी उल्लेख नहीं करते. असल में तो हिंदुत्व एक शुद्ध राजनीतिक विचारधारा है जो धर्म में घुसपैठ कर रही है.
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पहले ही मुस्लिम विरोधी अभियान चला रही है. पीएम-ईएसी की रिपोर्ट आने के बाद मीडिया इसके कुछ हिस्सों का हवाला देकर सनसनीख़ेज़ ख़बरें चला रहा है, जो भाजपा की झूठी कहानी को आगे बढ़ाने जैसा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने एक चुनावी रैली में मुसलमानों को 'ज़्यादा बच्चा पैदा करने वाले' कहा था.
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उपधारा 3 और 3(ए) कहती हैं कि धर्म के आधार पर और धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल करते हुए वोट के लिए अपील करना भ्रष्ट आचरण है. लेकिन मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान संबंधित क़ानून का बार-बार उल्लंघन होते हुए देखा जा रहा है.
दरभंगा लोकसभा क्षेत्र और निकटवर्ती लोकसभा सीटों- झंझारपुर, मधुबनी और समस्तीपुर- यानी मिथिलांचल में 55 पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों के मतदाता जिन्हें ‘पचपनिया’ कहा जाता है, की भूमिका निर्णायक मानी जाती है. पिछले चुनाव में एनडीए की जीत में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान बताया जाता है.
नरेंद्र मोदी के मन में कांग्रेस को लेकर ऐसा भय समा गया है कि वे अपनी बात कहने की बजाय सिर्फ़ कांग्रेस और उनके नेताओं के ख़िलाफ़ भाषण देते हैं. वे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को लेकर गहरे सदमे में हैं. राहुल गांधी उनका दु:स्वप्न बन गए हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी कहा था कि ‘अरबों की जिस ज़मीन पर इज़रायल क़ब्ज़ा करके बैठा है वह उसे खाली करनी होगी.’ उस विवेक से हम ऐसी संस्कृति तक आ पहुंचे हैं, जहां अमानवीय इज़रायली हिंसा के बावजूद भारतीय जनमानस का एक बड़ा हिस्सा उसके प्रति चुप्पी या समर्थन का भाव रखे हुए है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे विद्यार्थियों के प्रदर्शन में कुछ फैकल्टी सदस्य भी शामिल थे, जो प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए वहां मौजूद थे. न्यूयॉर्क पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया था. उनमें से एक प्रोफेसर डेविड लडन ने अपना अनुभव साझा किया है.
जिस वक़्त हमारा चुनावी लोकतंत्र पूरे देश, ख़ासकर हिंदी प्रदेश में कठिन रास्ते से गुज़र रहा है, प्रस्तुत है यह नया स्तंभ जो हिंदी कविता में लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपस्थिति की याद दिलाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते हफ्ते 21 से 25 अप्रैल के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में ली गईं चुनाव सभाओं में जो भाषण दिए गए, उनको लेकर स्क्रॉल ने एक फैक्ट-चेक में पाया है कि इस दौरान उन्होंने लगातार कांग्रेस के ख़िलाफ़ झूठ फैलाने का काम किया है.
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार अभियान में पार्टी के स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिमों पर निशाना साध रहे है और कांग्रेस के घोषणा पत्र का नाम लेते हुए भ्रामक और फ़र्ज़ी दावे कर रहे हैं. क्या उनके चुनावी भाषणों का स्तर और नीचे गिरेगा, इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनके दल के नेताओं की हेट स्पीच पर चुनाव आयोग की ख़ामोशी से अंदाज़ मिलता है कि भाजपा नेताओं को माहौल सांप्रदायिक बनाने के लिए उसने पूरी छूट दी है.
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को हज़ारों नागरिकों ने ‘ख़तरनाक और भारत के मुसलमानों पर सीधा हमला’ बताते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है. नागरिकों ने कहा है कि इस भाषण के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई न करने से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और स्वायत्तता कमज़ोर होगी.
वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बंसवाड़ा, राजस्थान में बांसवाड़ा में हुई एक चुनावी रैली में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक कथित बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आई तो संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमों का ही होगा. लेकिन क्या मनमोहन सिंह ने सच में ऐसा कहा था?
राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन सत्ता में आया तो जनता की मेहनत की कमाई को 'घुसपैठियों' और 'ज़्यादा बच्चे पैदा करने वालों' को दे दिया जाएगा.
हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार के. माधवी लता को बीते सप्ताह रामनवमी के जुलूस के दौरान एक मस्जिद की ओर तीर मारने का इशारा करते हुए देखा गया था.