मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह में हुए यौन उत्पीड़न मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक के पटना हाईकोर्ट के आदेश को एक स्थानीय पत्रकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
समाचार एजेंसी भाषा को बिहार के पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुडे़ कुल 15,784 मामले सामने आए थे. वहीं साल 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले सामने आए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम कोई निर्देश देते हैं तो उसे 'न्यायिक सक्रियतावाद' करार दे दिया जाता है. यदि अधिकारियों ने ठीक से अपना काम किया होता तो बिहार में मुजफ्फरपुर जैसी घटनाएं नहीं होतीं.
मीडिया बोल की 64वीं कड़ी में उर्मिलेश मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक और अनिल अंबानी द्वारा नेशनल हेराल्ड पर किए गए मानहानि के मुक़दमे पर स्वतंत्र पत्रकार नेहा दीक्षित और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से चर्चा कर रहे हैं.
अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर नाराज़गी जताते हुए मीडिया को इसके प्रकाशन से परहेज करने को कहा है. साथ ही सीबीआई को अगली सुनवाई में जांच अधिकारी के तबादले का कारण बताने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सभी राज्यों के बाल आश्रय गृहों के सोशल ऑडिट का आदेश दिया था. बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, केरल, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और दिल्ली भी सोशल ऑडिट का विरोध कर रहे हैं.
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा कुशवाहा समाज से आती हैं, जिसका बिहार में ओबीसी समुदाय के वोटबैंक में आठ प्रतिशत का योगदान है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव नज़दीक होने की वजह से उन्हें हटाकर राजग अपने वोटबैंक का नुकसान नहीं करना चाह रहा था.
महिला अधिकार सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा में अन्य संगठन भी हैं जहां महिलाएं हैं लेकिन आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों के प्रभुत्व वाला संगठन है जो महिलाओं को जगह देने में विश्वास नहीं रखता.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन को बताया राजनीतिक हित साधने की कोशिश, राज्य के सभी ज़िलाधिकारियों को बाल एवं महिला शेल्टर होम की जांच करने का निर्देश दिया.
मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह से कथित रूप से भागी चार में से एक लड़की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिली है. वह उन चार लड़कियों में शामिल थी जो भागने में कामयाब रहीं जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है.
एक जून से 14 जून तक बिहार के सूचना व जनसंपर्क विभाग की ओर से मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के अख़बार ‘प्रातः कमल’ के नाम 14 विज्ञापन जारी किए गए. सूचना व जनसंपर्क विभाग ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संभालते हैं.
मुज़फ़्फ़रपुर स्थित एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के बलात्कार और यौन उत्पीड़न मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों को न बख्शने की बात कही.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया द्वारा पीड़िताओं का साक्षात्कार लेकर उन्हें बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. साथ ही, अदालत ने मामले में केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले अख़बार 'प्रात: कमल' की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रसारण संख्या 60,862 प्रति रोजाना दिखाकर बिहार सरकार से हर वर्ष क़रीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन लिए जाते थे.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले एक हिंदी दैनिक की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रतिदिन 60,862 प्रतियां छपीं दिखाकर बिहार सरकार से प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन मिलते थे. आरोपी राज्य जनसंपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार था.