एक अंतरराष्ट्रीय अख़बार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'म्यांमार के युवा ग्रामीणों को दिल्ली के प्रतिष्ठित अपोलो अस्पताल में ले जाया जा रहा है और उनकी किडनी बर्मा के अमीरों को डोनेट करने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं.'
सेना के पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब तक विभिन्न पुलिस थानों और अन्य स्थानों से लूटे गए 4,000 से अधिक हथियार लोगों के हाथों में हैं, मणिपुर में हिंसा ख़त्म नहीं होगी.
पिछले महीने से म्यांमार सेना को तीन जातीय सशस्त्र बलों के गठबंधन से एक बड़े समन्वित हमले का सामना करना पड़ा है. भारतीय सीमा के पास भी तीव्र संघर्ष देखा गया. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 5,000 से अधिक शरणार्थी सीमा पार कर गए हैं.
जम्मू कश्मीर के हीरानगर उप-जेल हिरासत केंद्र में महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 270 रोहिंग्या शरणार्थी दो साल से अधिक समय से बंद हैं. वे लगातार हिरासत में रखे जाने के ख़िलाफ़ अक्सर विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं. मई में भी शरणार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया था और दो मौकों पर खाना खाने से इनकार कर दिया था.
बीते 28 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने मणिपुर और मिज़ोरम की सरकारों से अवैध प्रवासियों के बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक विवरण जुटाने के लिए कहा था, जिसकी समयसीमा 30 सितंबर निर्धारित की गई थी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते दिनों एक साक्षात्कार में राज्य में जारी हिंसा के लिए म्यांमार के अवैध प्रवासियों को ज़िम्मेदार ठहराया था.
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मणिपुर मानवाधिकार आयोग ने एक आदेश में कहा है कि हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद भी राज्य की जेलों में रखे गए म्यांमार के शरणार्थियों को तत्काल रिहा किया जाए और राज्य सरकार उन्हें उनके देश निर्वासित करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष यह मामला उठाए.
आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र और नॉर्वेन रिफ्यूजी काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन युद्ध और पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली मानसूनी बाढ़ के बीच साल 2022 में रिकॉर्ड 60.9 मिलियन नए विस्थापन दर्ज किए गए. यह 2021 में हुए विस्थापन की तुलना में 60 फीसदी अधिक है.
वी-डेम संस्थान द्वारा जारी ‘अकादमिक स्वतंत्रता सूचकांक’ में कहा गया है कि भारत दुनिया के 179 देशों में से उन 22 देशों में शुमार है, जहां शिक्षण संस्थानों और शिक्षाविदों को काफी कम स्वतंत्रता प्राप्त है. भारत इस मामले में नेपाल, पाकिस्तान और भूटान जैसे अपने पड़ोसी देशों से भी पिछड़ा हुआ है.
वैश्विक डिजिटल अधिकार समूह एक्सेस नाउ और #KeepItOn द्वारा संकलित डेटा बताता है कि 2022 में दुनियाभर के 35 देशों ने कम से कम 187 बार इंटरनेट बंद किया. भारत में इस अवधि में 84 इंटरनेट शटडाउन हुए, जो दुनिया में सर्वाधिक थे.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदा प्रस्ताव में म्यांमार में तत्काल हिंसा खत्म करने और देश की प्रमुख नेता आंग सान सू ची समेत अन्य राजनीतिक क़ैदियों को रिहा करने का अनुरोध किया गया है. भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत का मानना है कि म्यांमार की जटिल स्थिति के संबंध में शांत और धैर्यपूर्ण कूटनीति का दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है.
मणिपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद एम. सनाजाउबा लेशेम्बा ने राज्यसभा में मणिपुर-म्यांमार सीमा विवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य पहले ही ज़मीन का बड़ा हिस्सा खो चुका है. अब भारत सरकार को इस मामले को म्यांमार के साथ राजनीतिक स्तर पर उठाना चाहिए.
कुकी-चिन-मिज़ो समुदाय के लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद अपने घर छोड़कर मिज़ोरम आ रहे हैं. मिज़ोरम पहले से ही म्यांमार के 30,000 से अधिक शरणार्थियों को शरण दे रहा है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार नशीली दवाओं के ख़तरे की जांच के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन ब्यूरो और राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय बनाए हुए है.
मिज़ोरम के सत्तारूढ़ दल मिज़ो नेशनल फ्रंट से राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने बताया कि फरवरी 2021 में म्यांमार में तख़्तापलट होने के बाद से राज्य सरकार ने लगभग तीस हज़ार शरणार्थियों को पंजीकृत किया है. हालांकि कई शरणार्थी अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ रह रहे हैं, इसलिए उनका पंजीकरण नहीं हुआ है.