ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की डॉक्यूमेंट्री में कथित तौर पर भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों के ज़रिये ऑस्ट्रेलिया में रह रहे प्रवासी भारतीयों को निशाना बनाने से जुड़ी है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई इंटेलिजेंस की जासूसी को लेकर मोदी सरकार की कथित भूमिका के बारे में भी बताया गया है.
मोदी सरकार द्वारा विकास के तमाम दावों के बीच विश्व में सबसे ज्यादा 19.5 करोड़ कुपोषित लोग भारत में रहते है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के आधे से अधिक लोग (79 करोड़) अभी भी 'स्वस्थ आहार' का ख़र्च उठाने में असमर्थ हैं, जबकि 53 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं.
भारत में तैनात विदेशी संवाददाताओं के एक समूह ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने चुनाव से ठीक पहले एबीसी की दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख अवनि डियाज़ को देश छोड़ने को मजबूर कर दिया, जबकि भारत सरकार इन चुनावों को दुनिया में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया बताती है.
ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय प्रसारक एबीसी न्यूज़ के दक्षिण एशिया ब्यूरो की प्रमुख अवनि डियाज़ ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें इतना असहज महसूस कराया कि उन्हें भारत छोड़ने का फैसला लेना पड़ा. उनका कहना है कि भारत सरकार ने कहा कि उनकी 'रिपोर्टिंग हद पार कर चुकी है.'
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट बताती है कि भारत में मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ बोलने वाले भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों की वीज़ा/ओसीआई सुविधाएं रद्द की जा रही हैं. संगठन के एशिया निदेशक इलेन पियर्सन का कहना है कि भारत सरकार का यह क़दम आलोचना के प्रति उसका रुख़ दर्शाता है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आयुष चिकित्सकों और संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान तक पहुंच रखने वाले लोगों के लिए एफईबीएस प्रावधान को हटा दिया है और स्थानीय समुदायों को उनके संसाधनों से होने वाले व्यावसायिक लाभों से वंचित करने के लिए पतंजलि जैसी कंपनियों के लिए द्वार खोल दिए हैं.
लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी की प्रमुख निताशा कौल को कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. कौल का कहना है कि जब वह 23 फरवरी को बेंगलुरु हवाई अड्डे पहुंचीं, तो उन्हें ‘होल्डिंग सेल’ में 24 घंटे रखने के बाद बिना कारण बताए लंदन भेज दिया गया.
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में मोदी जी का प्रचार और विज्ञापन दिखा, पूरा भाषण राजनीतिक था. भाषण में कोई दूरदर्शिता नहीं थी. दलितों, वंचित वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकार क्या करने जा रही है, इसका कोई ज़िक्र नहीं किया गया था. बेरोज़गारी, महंगाई पर भी राष्ट्रपति जी कुछ नहीं बोलीं.
चीन के ‘ग्लोबल टाइम्स’ अख़बार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक, सामाजिक शासन और विदेश नीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है. इस पर कांग्रेस का कहना है कि चीन के सरकारी मीडिया ने प्रधानमंत्री की प्रशंसा इसलिए की है क्योंकि चीनी घुसपैठ के जवाब में उन्होंने अपनी आंखें मूंद ली हैं.
लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला बिल सोच और ड्राफ्ट के स्तर पर न भाजपा का है न कांग्रेस का, बल्कि विशुद्ध रूप से महिला संगठनों का है. लेकिन विडंबना ही है कि प्रधानमंत्री द्वारा लाए गए बिल में महिला संगठनों की भूमिका का प्रस्तावना तक में कोई ज़िक्र तक नहीं है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33%आरक्षण लाने के लिए 128वां संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है. विधेयक कहता है कि इसके पारित होने के बाद आयोजित पहली जनगणना के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी.
लगभग 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बिहार के पटना में आयोजित जी-20 देशों की ट्रेड यूनियनों की एल-20 बैठकों का बहिष्कार किया है. वे आरएसएस समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ को बैठक का अध्यक्ष नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले से नाखुश हैं.
फैक्ट-चेक: मीडिया में प्रसारित की जा रही ख़बरों में कहा गया कि 'सेंगोल' के परिचय विवरण में इसे 'नेहरू की टहलने वाली छड़ी' कहा गया था. हालांकि, एक सामान्य पड़ताल में सामने आ जाता है कि यह दावा फ़र्ज़ी है.
कांग्रेस समेत करीब 21 विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था. विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को 'आत्ममुग्ध तानाशाह' बताते हुए 'लोकशाही को राजशाही की ओर ले जाने' का आरोप लगाया है.
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन किए जाने के कार्यक्रम में 21 विपक्षी दल शामिल नहीं हुए. इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद नहीं रहे.