भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में मौजूद जातीय समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने गृह मंत्रालय से यह भी आग्रह किया कि वह म्यांमार की सीमा से लगे चार पूर्वोत्तर राज्यों- मिज़ोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश को उस देश से आने वाले लोगों को रोकने का अपना आदेश वापस ले.
ये मामला तीन जुलाई 2020 को किए गए एक फेसबुक पोस्ट से जुड़ा हुआ है, जिसमें शिलॉन्ग टाइम्स की संपादक पैट्रिशिया मुखीम ने ग़ैर-आदिवासी युवाओं पर हुए हमले को लेकर सवाल उठाया था. राज्य सरकार का कहना था कि ऐसा करके मुखीम ने मामले को सांप्रदायिक रंग दिया है.
बीते 23 मार्च पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट के गिरफ़्तारी की शक्ति देने वाला विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद सदन में अराजकता की स्थिति देखने को मिली थी. विधानसभा में पुलिस बुला ली गई थी. कई विपक्षी विधायकों ने पुलिस पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने की शिकायत की थी.
दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा से पास हो गया. इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘सरकार’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा. राज्यसभा में कम से कम 12 दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है.
इस संबंध में याचिका दायर करने वाली ग़ैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से कहा गया कि इस तरह के गोपनीय चुनावी बॉन्ड के चलते ‘भ्रष्टाचार को क़ानूनी मान्यता’ मिल रही है और चूंकि सरकार फायदा पहुंचा सकती है, इसलिए कंपनियां सत्ताधारी दल को ही इसके ज़रिये फंड करेंगी.
सीएए प्रदर्शन संबंधी मामलों में 2019 से जेल में बंद कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने एक पत्र में एनआईए पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें असम में धर्मांतरण के ख़िलाफ़ काम करने पर एक एनजीओ शुरू करने के लिए 20 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया.
बीते सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले की ऋषिगंगा घाटी पर ग्लेशियर टूटने से अचानक भीषण बाढ़ आ गई थी. इससे ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई थी, जबकि धौलीगंगा के साथ लगती एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को व्यापक नुकसान पहुंचा था. आपदा में 204 व्यक्ति लापता हुए थे.
हरियाणा के सोनीपत में स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने हाल ही में संस्थान से इस्तीफ़ा देने वाले प्रतिष्ठित राजनीतिक विश्लेषक और टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के समर्थन में दो दिन के लिए कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया था. जिसके बाद बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का बयान आया है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह के झूठे आपराधिक मामलों में शिकायतकर्ता के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. अदालत में दायर याचिकाओं में कहा है कि फ़र्ज़ी दुर्भावनापूर्ण मुकदमों और उत्पीड़न के शिकार निर्दोष लोगों को मुआवज़ा देने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है. बिना किसी ग़लती के जेल में बंद करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
बीते चार फरवरी को दो पुलिसवाले एटा ज़िले में आगरा रोड पर स्थित ढाबे पर खाना खाने गए थे, लेकिन उन्होंने उसका भुगतान करने से इनकार कर दिया था. जब ढाबा मालिक ने उनसे पैसे मांगे तब उन्होंने उनकी पिटाई कर दी और लूट के आरोप में ढाबे पर मौजूद ग्राहकों सहित 10 लोगों को फंसा दिया था.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में बताया कि लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधायी समितियों ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के नियमों को तय करने के लिए क्रमश: नौ अप्रैल और नौ जुलाई का समय दिया है.
सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि ये नियम दमनकारी और प्रेस की आज़ादी के प्रतिकूल हैं.
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ़्तार करने का उसे अधिकार देता है. राजद नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य लोगों का आरोप है कि सदन में पुलिस ने विपक्षी विधायकों पर हाथ उठाया गया और महिला विधायकों के साथ बदसलूकी की गई.
ये याचिकाएं नेटफ्लिक्स, अमेज़ॉन प्राइम वीडियो, हॉटस्टार जैसे ओटीटी मंचों के नियमन और कामकाम को लेकर दाखिल की गई हैं. याचिकाओं में विभिन्न ओटीटी, स्ट्रीमिंग और डिजिटल मीडिया मंचों पर सामग्री की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक उचित बोर्ड, संस्था और एसोसिएशन बनाने की मांग की गई थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फ़ीसदी करने से इस क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ती पूंजी ज़रूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी. विपक्ष के कुछ सदस्यों के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि कोई हमारे पैसे को बाहर लेकर नहीं जाएगा, पैसा हमारे यहां ही रहेगा और तो और मुनाफ़े का एक हिस्सा भी यहीं रहेगा.