एनजीटी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि नैनीताल शहर से सटे लुप्तप्राय प्रजातियों के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है, जिससे वन क्षेत्र को बहुत नुकसान हो रहा है. साथ ही, वनों की कटाई से नैनी झील के जलग्रहण क्षेत्र को नुकसान हो रहा है.
जम्मू कश्मीर के बडगाम ज़िले के शालिगंगा नाले के तीन ब्लॉक में खनन की मंज़ूरी जम्मू-कश्मीर पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण द्वारा दी गई थी, जिसके ख़िलाफ़ पर्यावरण कार्यकर्ता राजा मुज़फ़्फ़र भट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण में अपील दायर की थी.
एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के तीन लैंडफिल स्थल ग़ाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला में क़रीब 80 फीसदी कचरा पुराना है और इसका अब तक निपटान नहीं किया गया है. नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है और संबंधित अधिकारी पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय करने में नाकाम रहे हैं.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने राजस्थान सरकार को ठोस और तरल कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए पर्यावरण संबंधी मुआवजे के रूप में 3,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार को तरल कचरे के अपर्याप्त प्रबंधन के लिए सौ करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.
विशेष रिपोर्ट: द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की पड़ताल बताती है कि गोवा के दो गांवों- अमोना और नवेलिम में वेदांता के लौह अयस्क से कच्चा लोहा बनाने वाले दो संयंत्रों के संचालन में कई पर्यावरणीय क़ानूनों का उल्लंघन किया गया है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अपशिष्ट प्रबंधन में कमियों के कारण पर्यावरण को लगातार हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए महाराष्ट्र सरकार को मुआवज़ा देने का आदेश देते हुए कहा है कि यदि उल्लंघन जारी रहा तो राज्य के ख़िलाफ़ अतिरिक्त हर्जाना लगाने पर विचार किया जा सकता है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के ख़तरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है. पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लंबे समय के लिए टाला नहीं जा सकता. प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करना राज्य और स्थानीय निकायों की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है. पश्चिम बंगाल सरकार सीवेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं की स्थापना को प्राथमिकता देती नज़र नहीं आ रही है.
22 मई 2018 को तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के ख़िलाफ़ जारी प्रदर्शन हिंसक हो गया था. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी थी, जिसमें लगभग 13 लोगों की मौत हो गई थी. प्रदर्शनकारी प्लांट पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाकर इसे बंद करने की मांग कर रहे थे. मद्रास हाईकोर्ट ने सभी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ दर्ज केस वापस लेने का आदेश भी दिया है.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इलाहाबाद में 2019 कुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रबंधन में कई खामियां पाई हैं. इनमें ठोस कचरे के खराब निपटान से लेकर भीड़ प्रबंधन में खामी और मुहैया कराए धन के उपयोग में विसंगतियां शामिल हैं. कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि कुंभ मेले में प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए 32.5 लाख रुपये के ड्रोन कैमरों का उपयोग नहीं किया गया और वे निष्क्रिय रहे.
हरियाणा के सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध स्कूलों के संघ हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस ने अपनी याचिका में एनजीटी के आदेशों में संशोधन करने का अनुरोध किया गया था. एनजीटी ने साल 2015 में दस साल पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश दिया था.
मई 2020 में तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में गैस रिसाव के बाद लगी को क़रीब पांच महीने बाद बुझाया जा सका था. एनजीटी द्वारा इसके लिए गठित जांच समिति में कंपनी के प्रबंध निदेशक को शामिल किया गया था, जिस पर हैरानी जताते हुए शीर्ष अदालत ने इस निर्णय पर रोक लगा दी है.
बुंदेलखंड क्षेत्र में हीरा खनन के लिए छतरपुर ज़िले के बक्सवाहा जंगल के एक बड़े हिस्से में लगे दो लाख से अधिक पेड़ काटे जाने की योजना है. एनजीटी में दायर याचिका में कहा गया है कि इस परियोजना से जैविक पर्यावरण को क्षति पहुंचने की आशंका है. मांग की गई कि बक्सवाहा जंगल में हीरा खनन के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस न दिया जाए.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट तौर पर यह कहने के बावजूद कि खोरी गांव के रहवासियों को बिना पुनर्वास किए बेदख़ल नहीं किया जा सकता, हरियाणा सरकार ने यहां की बस्ती के घरों को तोड़ डाला.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर चीनी मिलों के कारण अत्यधिक वायु प्रदूषण होने की वजह से पर्यावरण का अनियंत्रित क्षरण होने के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसके समाधान के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है.