आरोप है कि अमरोहा के हिल्टन कॉन्वेंट स्कूल में एक सात वर्षीय मुस्लिम छात्र को टिफिन में कथित तौर पर मांसाहारी भोजन (बिरयानी) मिलने पर स्कूल से निकाल दिया. आक्रोश के बाद अमरोहा के सबमजिस्ट्रेट ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
आईआईटी बॉम्बे द्वारा छात्रों को भेजे गए ईमेल के अनुसार, 12, 13 और 14 नंबर हॉस्टल के वार्डन और मेस काउंसलर्स के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें एक ‘सर्वसम्मत’ निर्णय लिया गया, जिसमें केवल शाकाहारी भोजन खाने वाले लोगों के लिए मेस में छह टेबल आरक्षित करने का नया नियम बनाया गया है.
पिछले हफ्ते आईआईटी बॉम्बे के हॉस्टल 12 की कैंटीन की दीवारों पर ‘केवल शाकाहारियों को यहां बैठने की अनुमति है’ वाले पोस्टर लगाए गए थे, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई थी. इसे लेकर छात्रों ने भोजन के आधार पर भेदभाव बरतने का मुद्दा उठाया है.
घटना अहमदाबाद के चाणक्यपुरी की है, जहां एक फूड जॉइंट पर काम करने वाले दो युवकों का आरोप है कि रविवार को करीब दस लोगों ने उनसे मारपीट की और कहा कि वे 'हिंदु बहुल गुजरात जैसी जगह में मांसाहारी खाद्य पदार्थ और नॉर्थईस्टर्न खाना नहीं बेच सकते.'
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्रावास में मांसाहारी भोजन बंद करने लेकर विवाद शुरू हो गया है. यहां की प्रिंसिपल का कहना है कि हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से ‘हवन’ करते हैं. इस फैसले के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
तीन धार्मिक परमार्थ न्यासों और मुंबई के एक जैन शख़्स ने एक याचिका में मांसाहारी पदार्थों के विज्ञापनों को प्रतिबंधित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग करते हुए दावा किया था कि उनके बच्चों और परिजनों को इस तरह के विज्ञापन देखने के लिए बाध्य किया जा रहा है. कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी जे. नंदकुमार ने कहा कि आम लोग मांसाहार का सेवन करते हैं. आप यह नहीं कह सकते कि यह भारत में प्रतिबंधित है. जलवायु संबंधी परस्थितियों और भौगोलिक स्थितियों के अनुसार लोग इस तरह का भोजन करते हैं.
राजौरी ज़िले में सहायक आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने सहकर्मियों के साथ खाना खाते हुए पूछा था कि जब ऋग्वेद में मांसाहार की अनुमति दी गई है तो वो इससे असहमत क्यों हैं. इसे लेकर एक सहकर्मी ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई. ज़िला प्रशासन का कहना है कि इस बयान से क़ानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती थी.
एक स्त्री निर्देशक जब काली की छवि को अपनी बात कहने के लिए चुनती है तो वह लैंगिक न्याय और स्वतंत्रता में उसकी आस्था का प्रतीक है. क्या इंटरनेट पर आग उगल रहे तमाम ‘आस्थावान’ स्त्री स्वतंत्रता के इस उन्मुक्त चित्रण से भयभीत हो गए हैं? या उन्हें काली की स्वतंत्रता के पक्ष में स्त्रियों का बोलना असहज कर रहा है?
कहा जाता है कि मनुष्य अपनी छवि में अपने देवताओं को गढ़ता है. अज्ञेय ने लिखा है कि अगर आदमी की शक्ल घोड़े की होती तो उसके देवता भी अश्वमुख होते. इसलिए यदि वह शाकाहारी है तो उसके आराध्य को भी शाकाहारी होना होगा और दूषित आदतें छोड़नी होंगी.
हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने भगवा जेएनयू के पोस्टर लगाए थे. वॉट्सऐप पर वायरल कथित वीडियो में गुप्ता को कहते सुना जा सकता है कि जेएनयू परिसर में 'भगवा का नियमित अपमान किया जा रहा है. हमारी चेतावनी है कि आप सुधर जाइए. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
आरोप है कि विश्वविद्यालय के कावेरी छात्रावास में रविवार को एबीवीपी के सदस्यों ने मेस में मांसाहार बनाने से रोकने के बाद हुई हिंसा में छह छात्र घायल हो गए. एबीवीपी ने दावा किया है कि वामपंथी छात्रों ने उनकी रामनवमी पूजा बाधित की. जेएनयू छात्रसंघ समेत कई छात्र संगठनों की शिकायत पर अज्ञात एबीवीपी सदस्यों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली के महापौरों ने अपने-अपने नगर निगम के अधिकारक्षेत्र में मांस की दुकानों को नवरात्रि के दौरान बंद रखने का आह्वान किया था. हालांकि आधिकारिक आदेश न होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के इन क्षेत्रों में कई मीट दुकान मालिकों ने अधिकारियों द्वारा कार्रवाई के डर से अपनी दुकानें बंद रखीं.
गुजरात के चार नगर निकायों द्वारा सड़कों पर मांसाहार के स्टॉल/ठेलों आदि पर पाबंदी के बाद भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने कहा कि देश में सभी को यह तय करने की आज़ादी है कि उन्हें क्या खाना है. अगर लोग ठेले से मांसाहार खरीद रहे हैं तो उसे हटाना उचित नहीं है. क़ानून में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. लोग कुछ भी बेचने के लिए स्वतंत्र है, बेशक वह वर्जित नहीं हो.
अहमदाबाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग एंड एस्टेट मैनेजमेंट कमेटी के प्रमुख देवांग दानी ने बताया कि अंडे सहित सभी मांसाहारी भोजन बेचने वाले स्टॉल को मुख्य सड़कों के अलावा धार्मिक स्थलों, उद्यानों, सार्वजनिक स्थानों, स्कूल और कॉलेजों की सौ मीटर की सीमा के भीतर भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.