कृषि एवं पोषण के लिए टाटा कोर्नेल इंस्टिट्यूट द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े चार ज़िलों- उत्तर प्रदेश के महराजगंज, बिहार के मुंगेर, ओडिशा के कंधमाल और कालाहांडी में किए गए अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने कहा है कि देश की खाद्य प्रणाली में विविधता लाने और यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधारों की आवश्यकता है कि महिलाओं और अन्य हाशिये के समूहों के पास महामारी के दौरान और उसके बाद भी पौष्टिक आहार तक पहुंच हो.
ओडिशा के मयूरभंज ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान बालीभोल गांव की 62 वर्षीय जमुना हंसदा के रूप में हुई है. इस संबंधमें दो युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
कुछ क़ानून विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय को सेवा विस्तार देने का बाद उनका तबादला करने का आदेश बिल्कुल ग़लत है. उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस दर्शाता है कि भारतीय नौकरशाही किस हाल में है. बताया जा रहा है कि केंद्र के आदेश का पालन न करने से आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51बी का उल्लंघन होता है. दोष सिद्ध होने पर उन्हें एक साल तक क़ैद हो सकती है.
चक्रवाती तूफान यास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने के बाद केंद्र ने मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय का दिल्ली तबादला कर दिया था. केंद्र की मोदी सरकार की ओर से उन्हें 31 मई को दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था. बंद्योपाध्याय के वहां नहीं पहुंचने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि यह एकतरफ़ा आदेश क़ानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, यह पूरी तरह से असंवैधानिक है. यास तूफान को लेकर मोदी की बैठक में बनर्जी के शामिल नहीं होने के बाद केंद्र ने मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय का दिल्ली तबादला कर दिया था.
चक्रवाती तूफान ‘यास’ पर प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल न होने और इसके कुछ देर बाद प्रदेश के मुख्य सचिव के तबादले के बाद केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच एक बार फ़िर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. इसी माह के मध्य में पश्चिमी तट ने चक्रवात ताउते का प्रकोप झेला. ताउते अति भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में गुजरात तट से टकराया और उसने कई राज्यों में तबाही मचाई और क़रीब 50 लोगों की जान चली गई थी.
वीडियो: कोरोना वायरस महामारी और ब्लैक फंगस से जूझ रहे देश में ह्वाइट फंगस ने दस्तक दे दी है. जानकारों का कहना है कि यह ब्लैक फंगस से भी ख़तरनाक है. ह्वाइट फंगस के पहले चार मामले बिहार के राजधानी पटना में सामने आए हैं.
देशभर में कोरोना संक्रमितों या इससे उबर चुके लोगों में ब्लैक फंगस संक्रमण देखा जा रहा है, पर मध्य प्रदेश में स्थिति बेहद ख़राब है. लगातार कई शहरों में बढ़ते मामलों और मौत की ख़बरों के बीच दवा और इंजेक्शन का अभाव तो बना ही है, वहीं सरकार को अब तक राज्य में आए ऐसे कुल मामलों की जानकारी तक नहीं है.
कोविड-19 से जूझ रहे मरीज़ों में पाए जा रहे ब्लैक फंगस संक्रमण अथवा म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से इसे महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूच्य बीमारी बनाकर सभी मामलों की सूचना देने को कहा है.
देश जब कोविड- 19 से जूझ रहा है तब ओडिशा के माली पहाड़ के लोग कंपनी और सरकार से जूझ रहे हैं. वे सरकार से पूछ रहे हैं कि महामारी में लोगों की आवाजाही तो प्रतिबंधित हो गई है, पर कंपनियों का आदिवासी इलाकों में प्रवेश कब बंद किया जाएगा?
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ओडिशा ने अपनी ड्यूटी करते हुए कोविड-19 से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिवार को 15 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा. वैश्विक महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक ओडिशा में 11 पत्रकारों की जान जा चुकी है.
ओडिशा सरकार ने केंद्र से अपील की है कि तत्काल राज्य को कम से कम 25 लाख कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों की आपूर्ति की जाए. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, तीन अप्रैल तक राज्य में 1,476 टीकाकरण केंद्र संचालित किए जा रहे थे लेकिन टीकों की कमी के कारण लगभग 700 केंद्रों को बंद करना पड़ा है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना टीकाकरण में कोई राजनीति नहीं है, पर तथ्यों से स्पष्ट कि अनेक राज्यों में टीके की कमी है. गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में टीके की और 30 लाख खुराक उपलब्ध करवाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में टीके का मौजूदा भंडार अगले दो दिन में ख़त्म हो जाएगा.
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना ने राज्य में वैक्सीन की कमी की शिकायत की है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि टीकों की कमी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. केंद्र किसी भी राज्य को वैक्सीन की कमी का सामना नहीं करने देगा.