कर्नाटक चुनाव में देवगौड़ा को लेकर मोदी के सुर क्यों बदल रहे हैं?

तुमकुर में हुई एक रैली में नरेंद्र मोदी ने देवगौड़ा की तारीफ़ तो की लेकिन कहा कि जनता उन पर वोट बर्बाद न करें. शायद भाजपा को इस बात का डर है कि राज्य में एंटी-इंकम्बेंसी का फायदा कहीं जेडीएस को न मिल जाए, इसलिए वे उसकी कांग्रेस से नज़दीकी बताने में लगी हुई है.

चुनाव आयोग को पता है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्या चल रहा है?

कर्नाटक चुनाव के समय वहां के मीडिया में राज्य के सत्ता पक्ष और केंद्र के सत्ता पक्ष के बीच कैसा संतुलन है, इसकी समीक्षा रोज़ होनी चाहिए थी. चुनाव आयोग कब सीखेगा कि मीडिया कवरेज और बयानों पर कार्रवाई करने और नज़र रखने का काम चुनाव के दौरान होना चाहिए न कि चुनाव बीत जाने के तीन साल बाद.

भाजपा अगर कर्नाटक हारी तो क्या नवंबर में ही आम चुनाव हो जाएंगे?

कर्नाटक की बाज़ी अगर हाथ से छूटी तो इससे पैदा माहौल से राजस्थान व मध्यप्रदेश जैसे मुश्किल राज्यों में भाजपा के लिए अपनी सरकारें बचा पाना मुश्किल होगा. अगर राज्यों में सरकारें गिरने का सिलसिला आगे बढ़ा तो 2019 में मोदी अकेले दम पर हालात बेकाबू होने से नहीं बचा पाएंगे.

मोदी सरकार ने चार साल में दलितों के लिए कुछ नहीं किया: भाजपा सांसद

उत्तर प्रदेश के नगीना क्षेत्र से भाजपा के दलित सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अदालतों में दलित समाज का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिस कारण अदालतें उनके अधिकारों को ख़त्म कर रही हैं.

झारखंड: विस्थापित महिलाओं ने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को अर्द्धनग्न तस्वीरें भेज इच्छामृत्यु मांगी

धनबाद में दामोदर घाटी निगम द्वारा कथित तौर पर विस्थापन के एवज में नौकरी में न मिलने के विरोध में आदिवासी महिलाओं ने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया.

मोदी को माफ़ी मांगने से दिक्कत है तो कह दें कि गुजरात चुनाव जीतने के लिए स्टंट किया था: कांग्रेस

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से साज़िश के आरोप पर कांग्रेस ने कहा कि मोदी की जगह अटल बिहारी वाजपेयी होते तो दस बार माफ़ी मांगते.

हार्दिक ने गुजरात में भाजपा पर बेईमानी और धनबल से चुनाव जीतने का आरोप लगाया

हार्दिक ने दावा किया, मतदान के दौरान कई जगह वाई-फाई नेटवर्क पकड़ा गया. कई स्थानों पर मतगणना से पहले ईवीएम की सील टूटी मिली.

गुजरात विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के बड़े चेहरे हारे, भाजपा के ज़्यादातर दिग्गजों को मिली जीत

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया, सिद्धार्थ चिमनभाई पटेल और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल को क़रारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.

क्या गुजरात में मोदी की चमक फीकी पड़ गई ​है?

गुजरात में अपनी कमज़ोरियों के कारण कांग्रेस भले ही बाज़ी नहीं पलट पायी, लेकिन मतदाताओं ने पिछली बार से डेढ़ दर्जन ज़्यादा सीटें देकर साफ कर दिया है कि वे ‘अपने’ प्रधानमंत्री के ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ के आह्वान को कान नहीं दे रहे.

गुजरात चुनाव में भाजपा की जीत विपक्ष के लिए सुखद संदेश लाई है

अगर हिंदुत्ववादी आख्यान का जादू इस देश में चलेगा तो इससे यही प्रमाणित होता है कि भारत की राजनीति में विचारधारा की मौत नहीं हुई है. वह अगर दक्षिणपंथ के रूप में जिंदा है तो उसके वामपंथी या मध्यमार्गी होने की संभावना भी है.