घटना कुशीनगर ज़िले की है, जहां सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान एक व्यक्ति अंदर फंस गए थे. उन्हें बचाने चार लोग गए और वे भी फंस गए. बताया गया है कि पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पांचों को बाहर निकाला. इनमें से चार की मौत हो गई और एक गंभीर अवस्था में इलाजरत हैं.
घटना बहादुरगढ़ ज़िले के झकोड़ा गांव की है. इस हादसे में मकान के मालिक समेत एक राजमिस्त्री और दो मज़दूरों की मौत हुई है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते अक्टूबर में डीडीए को मुंडका इलाके में सीवर सफाई के दौरान जान गंवाने वाले दो लोगों के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवज़ा देने को कहा था. ऐसा न किए जाने पर कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि हम ऐसे लोगों से यह बर्ताव कर रहे हैं जो हमारे लिए काम कर रहे हैं ताकि हमारी ज़िंदगी आसान हो.
दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को बीते नौ सितंबर को बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में सीवर सफाई के दौरान मारे गए दो लोगों के परिजनों को मुआवज़ा देने का निर्देश देते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज़ादी के 75 साल बाद भी गरीब हाथ से मैला ढोने का काम करने को मजबूर हैं.
पुलिस ने बताया कि घटना रविवार रात तब हुई जब खनिक असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया ज़िले में एक सुदूर पहाड़ी पर अवैध रूप से चलाई जा रही ‘रैट होल’ खदान में कोयला निकालने के लिए घुसे थे. ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.
घटना कानपुर ज़िले के बर्रा इलाके में हुई. एक निर्माणाधीन मकान में बन रहे सेप्टिक टैंक के अंदर गए तीन मज़दूर ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से बेहोश हो गए थे. उन्हें अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
घटना बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में हुई, जहां एक सफाईकर्मी अपार्टमेंट में सीवर बंद होने पर उसे जांचने के लिए उसमें उतरा और बेहोश हो गया. उनकी मदद के लिए एक सिक्योरिटी गार्ड अंदर गया और वो भी अचेत हो गया. पुलिस के अनुसार, अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
गिरिडीह ज़िले के देवरी थानाक्षेत्र की घटना है. पुलिस ने बताया कि बरबाबाद गांव में एक गहरे कुंए की सफाई की जा रही थी, तभी ज़हरीली गैस के रिसाव से वहां काम कर रहे सभी चार मज़दूर बेहोश हो गए. तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
गुजरात के भरूच ज़िले का मामला है. तीन श्रमिक टैंक के अंदर द्रव से ठोस अपशिष्ट अलग कर रहे थे, तब यह घटना घटी. वे ज़हरीली गैस के कारण अचानक बेहोश हो गए.
मेहसाणा ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि श्रमिक तरल सोडियम ब्रोमाइड को एक टैंक में भर रहे थे, तब ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ. कारखाने के मालिक और उनके कारोबारी साथी के ख़िलाफ़ एफआईर दर्ज की गई है.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा संचालित राउरकेला के इस प्लांट में यह हादसा बुधवार को हुआ, जिसके बाद दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. अधिकारियों में बताया कि शुरुआती जांच के हिसाब से श्रमिकों की मौत इकाई में कार्बन मोनोक्साइड के रिसाव की वजह से हुई.
गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने कहा कि भोपाल में कोविड-19 से त्रासदी पीड़ितों की मृत्यु दर अन्य लोगों से करीब 6.5 गुना ज्यादा है. हालांकि भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास निदेशक ने इस दावे को ख़ारिज किया है.
यह घटना उत्तर पश्चिम दिल्ली के आज़ादपुर इलाके में हुई. पुलिस ने बताया कि मज़दूर सुरक्षा उपकरण नहीं पहने अंदर गए थे. फैक्टरी मालिक और ठेकेदार के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है.
उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले की शहर कोतवाली स्थित महाराजगंज मोहल्ले का मामला. पांच मृतकों में से चार एक ही परिवार के सदस्य थे.
घटना हमीरपुर ज़िले की है. दो श्रमिक कई दिनों से बंद शटरिंग खोलने के लिए सेप्टिक टैंक में उतरे थे. कुछ देर बाद एक अन्य मज़दूर के अंदर झांककर देखने पर वे दोनों अचेत मिले. अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.