जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल होनी चाहिए: राहुल गांधी

श्रीनगर में 'भारत जोड़ो यात्रा' के समापन से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष में मतभेद ज़रूर हैं, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और लड़ेगा.

भारत जोड़ो यात्रा ने प्रभावी तरीके से ‘पप्पू’ छवि को ध्वस्त किया है

भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस साथ आकर पूरे जी-जान से चुनाव लड़ सकेगी, यह सवाल अब भी बाकी है, मगर जिस बात को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है, वह यह है कि राहुल गांधी ने ऐसे समय में जब देश में ध्रुवीकरण बढ़ रहा है, एक वैकल्पिक विचार पेश किया- कि देश को एक बार फिर साथ जोड़ने की ज़रूरत है.

बिहार: मंदिर में प्रवेश को लेकर मुस्लिम मंत्री के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज

सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गया दौरे के समय आईटी मंत्री मोहम्मद इजराइल मंसूरी उनके साथ विष्णुपद मंदिर में गए थे. इसे लेकर विपक्षी भाजपा ने काफ़ी विरोध जताया था. अब मुज़फ़्फ़रपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज कर उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

टीवी की ज़हरीली बहसें महज़ लक्षण हैं, राजनीति और समाज को खा रही बीमारी तो कहीं और है

बीते दिनों केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कई प्राइम टाइम टीवी एंकरों और बड़े चैनलों के संपादकों को यह चर्चा करने के लिए बुलाया कि क्या समाचार चैनलों पर सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाली बहसों को कम किया जा सकता है. मंत्री जी स्पष्ट तौर पर ग़लत जगह इलाज का नुस्ख़ा आज़मा रहे हैं, जबकि असल रोग उनकी नाक के नीचे ही है.

सामाजिक ताने-बाने पर चोट और बढ़ती सांप्रदायिकता पर कॉरपोरेट वर्ग चुप क्यों है

वर्तमान परिस्थितियों को लेकर कॉरपोरेट अग्रणियों के बीच पसरे विराट मौन में शायद ही कोई अपवाद मिले. यह बात अब शीशे की तरफ साफ हो गई है कि मौजूदा निज़ाम में कॉरपोरेट समूहों और हिंदुत्व वर्चस्ववादी ताकतों की जुगलबंदी नए मुकाम पर पहुंची है.

उत्तराखंड: कॉमन सिविल कोड से पहाड़ की जनता को क्या मिलेगा

अगर पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार कोई क़ानून लाना चाहती है तो उसके बारे में आम जनता को पहले से तफ़्सील से क्यों नहीं बताया जाता कि उत्तराखंड के लिए इसके क्या फ़ायदे होंगे.

पांच साल तक सोए हुए विपक्ष ने नहीं, किसान आंदोलन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जगाया है

पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जहां किसान आंदोलन का असर दिखा था, वहां के 19 विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा सिर्फ़ छह सीटें हासिल कर पाई है. अगर इस चुनावी नतीजे से किसी एक निष्कर्ष पर पहुंचा जाए तो वह यह है कि जनता के मुद्दों पर चला सच्चा जन आंदोलन ही ध्रुवीकरण के रुझानों को पलट सकता है और आगे चलकर यही भाजपा को पराजित कर सकता है.

उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ के सांप्रदायिक एजेंडे का सपा के पास क्या जवाब है?

वीडियो: वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर भाजपा के ध्रुवीकरण की राजनीति, योगी आदित्यनाथ के एजेंडे और समाजवादी पार्टी की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.

क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करके वोट बैंक बनाना चाहती है भाजपा?

वीडियो: जब भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात आती है तो जाटों और मुसलमानों की चर्चा होती है, क्योंकि यहां दोनों की अच्छी ख़ासी आबादी है. दोनों समुदायों को कुल मिलाकर 43 फीसदी वोट है. पश्चिमी यूपी में क्या करेगी भाजपा? क्या अखिलेश का जाट-मुस्लिम फैक्टर चलेगा या भाजपा का 80 बनाम 20 का दांव काम करेगा? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.

उत्तराखंड में लैंड जिहाद के नाम पर वोट लेने का पैंतरा अपना रही बीजेपी

वीडियो: आगामी चुनावों के कारण उग्र राजनीतिक हितों के बीच उत्तराखंड में भाजपा नेतृत्व अब भूमि जिहाद के अपने सिद्धांत के नाम पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर रही है. द वायर ने इस मुद्दे और भाजपा के लिए इसके महत्व के बारे में विशेषज्ञों से बातचीत की.

पुलिस मुठभेड़ के बाद डकैती के आरोप में पकड़ा गया अख़लाक़ हत्याकांड का आरोपी

घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में सिंतबर, 2015 में मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के सभी 18 आरोपी जमानत पर हैं. इनमें से एक हरिओम लूटपाट और गाजियाबाद में चुरायी हुई संपत्ति बेईमानी से हासिल करने के कम से कम चार मामलों में वांछित था.

मायावती ने किया ऐलान, सभी चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन एक बड़ी भूल थी. सपा की कमजोरी की वजह से नतीजे सोच के अनुसार नहीं आए. यहां तक कि चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन तक नहीं किया.

विपक्ष को विनम्रता से स्वीकारना चाहिए कि वे राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर विकल्प देने में असमर्थ रहे हैं

लोकसभा चुनाव परिणाम यह बताते हैं कि तात्कालिक आर्थिक स्थितियां परिणामों को निर्धारित करनेवाला एकमात्र कारक नहीं होतीं, लोग अपने निर्णय उपलब्ध विकल्पों के आधार पर तय करते हैं.

मोदी को भय की राजनीति में संघ की भूमिका पर ध्यान देना चाहिए

क्या नरेंद्र मोदी यह कहना चाह रहे हैं कि मुस्लिमों को जिस भय की राजनीति का सामना करना पड़ रहा है, वे उसे ख़त्म करने की कोशिश करेंगे? अगर उन्हें गंभीरता के साथ इस ओर काम करना है तो इसकी शुरुआत संघ परिवार से नहीं होनी चाहिए.

‘बहुमत’ की खोज

पूर्व में बहुमत अंकगणित से हासिल होता था, जो सामाजिक समूहों को एक साथ जोड़कर होता था, यह बहुमत सिर्फ वैचारिक मंच पर ही नहीं, बल्कि सत्ता में सभी की भागीदारी का वादा करके हासिल होता था. 2014 में भाजपा ने ख़ुद को चुनावी अंकगणित से दूर कर लिया और ध्रुवीकरण की प्रक्रिया से राष्ट्रीय बहुमत हासिल किया.