लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर बीते सोमवार को असम और मिज़ोरम पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष में असम के कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि क़रीब 50 अन्य घायल हो गए. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही है.
सीमा विवाद को लेकर असम और मिज़ोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच सार्वजनिक रूप से कहासुनी हुई. दोनों मुख्यमंत्रियों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमंता बिस्वा शर्मा और ज़ोरमथांगा से बात कर शांति बनाए रखने की अपील की है.
हाईवे डकैती मामले में केरल स्थित थ्रिसूर की अदालत में दायर चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इस साल अप्रैल में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने कर्नाटक से अवैध रूप से 40 करोड़ रुपये मंगवाए थे और कथित तौर पर हवाला के रास्ते से पार्टी की केरल इकाई के विभिन्न पदाधिकारियों के बीच वितरित किए थे. आरोप है कि चुनाव से तीन दिन पहले थ्रिशूर ज़िले में 3.50 करोड़ रुपये की हाईवे डकैती उस काले धन का हिस्सा
घटना देवरिया के संवरेजी खर्ग गांव की है. आरोप है कि 17 साल की युवती ने जींस- टॉप पहनने की ज़िद की थी, जिसके बाद परिजनों ने उसे बेरहमी से पीटा और सिर पर गहरी चोट लगने से लड़की की मौत हो गई. मृतका की मां की शिकायत परलड़की के दादा-दादी सहित दस लोगों के पर मामला दर्ज किया गया है.
ऐसा लगातार दूसरी बार हुआ है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर सीधे नियमित कमिश्नर की तैनाती न करके किसी वरिष्ठ अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. ऐसा लगता है कि सत्ताधारी नेता जानबूझकर ही शायद ऐसा कर रहे हैं, जिससे उनके हिसाब से न चलने पर उन्हें आसानी से हटाया जा सके.
जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग़ सिंह को लिखे अपने पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि शिकायत मिलने के बाद वीडियो का संज्ञान लिया गया है. यह ट्विटर पर किए गए एक वीडियो पोस्ट से संबंधित है, जिसमें एक छोटा बच्चा बंदूक चलाते हुए दिख रहा है. नए आईटी कानून लागू होने के बाद से ट्विटर इंडिया और उसके प्रबंध निदेशक पहले से ही अलग-अलग मामलों में कम से कम पांच मामलों का सामना कर रहे
केंद्र के नए आईटी नियमों का पालन न करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल एक याचिका के जवाब में हलफ़नामा दाख़िल कर ट्विटर ने बताया कि वह नए नियमों के तहत एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी और एक अंतरिम स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति के ‘अंतिम चरण’ में है. कंपनी ने यह भी कहा कि वह अपने प्लेटफॉर्म के ज़रिये प्रसारित होने वाली सामग्रियों को न तो शुरू करने वाला है और न ही उनका प्रकाशक है.
शिकायतकर्ता वकील आदित्य सिंह देशवाल ने ‘एथिस्ट रिपब्लिक’ नाम के ट्विटर हैंडल द्वारा साझा की गई देवी काली की एक तस्वीर पर सवाल उठाया है और ट्विटर द्वारा इसे नहीं हटाने का आरोप लगाया है. बीते कुछ दिनों में ट्विटर के ख़िलाफ़ दर्ज यह पांचवीं एफ़आईआर है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस को ग़रीब, दलित एवं आदिवासियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. पुलिस की छवि में सुधार के लिए ‘संवाद और संवेदना’ दोनों जरूरी है. जनसंपर्क के बग़ैर अपराध के बारे में सूचना जुटाना मुश्किल है, इसलिए एसपी-डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को तहसील तथा गांवों में जाना चाहिए और लोगों से मिलना चाहिए.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर ट्विटर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. ट्विटर पर कथित तौर पर अपने प्लेटफॉर्म पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के लिंक उपलब्ध कराने का आरोप है.
मामला बलरामपुर जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र का है. पुलिस के मुताबिक, बीते 15 जून को गांव के एक तालाब से मछलियां चुराने का आरोप लगाते हुए सात आदिवासी युवकों को जबरन गांव के सरपंच के पति सत्यम यादव के फार्महाउस ले जाया गया. जहां उन्हें पेड़ से बांध कर पिटाई की गई और उन पर 35-35 हज़ार रुपया जुर्माना लगाया गया. इस मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच के पति समेत दस लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया
बीते दिनों सामने आए एक वीडियो में दरोगा नीरज कठैत मसूरी में कथित तौर पर कोविड कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए रुड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा का चालान काटते नज़र आ रहे थे और बत्रा जुर्माने की राशि फेंककर जाते दिखते हैं. कठैत के तबादले को 'दंडात्मक कार्रवाई' कहा जा रहा है.
भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी नेता तथा जनाधिपत्य राष्ट्रीय पार्टी की अध्यक्ष सीके जानू को अप्रैल में विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में वापस लाने के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया था. इससे पहले सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ मंजेश्वरम क्षेत्र से अपना नामांकन वापस लेने के लिए बसपा उम्मीदवार के. सुंदर को रिश्वत देने के आरोप में केस दर्ज किया था.
यह भारत का सामाजिक स्वभाव बनता जा रहा है कि मुसलमानों को खुलेआम मारा जा सकता है, उनके ख़िलाफ़ हिंसक प्रचार किया जा सकता है और पुलिस-प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों तक कोई भी इसे गंभीर मामला मानने को तैयार नहीं.
बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरने वाले के. सुंदर ने हाल में आरोप लगाया था कि भाजपा द्वारा नामांकन वापस लेने के लिए उन्हें शुरू में तो धमकी दी गई, लेकिन बाद में 2.5 लाख रुपये की रिश्वत दी गई. हालांकि सुंदर के नामांकन वापस लेने के बावजूद प्रदेश भाजपा प्रमुख के. सुरेंद्रन मंजेश्वर सीट से हार गए थे.