छत्तीसगढ़ पुलिस ने बीबीसी और अमर उजाला में वरिष्ठ पदों पर रह चुके पत्रकार विनोद वर्मा को उगाही के आरोप में शुक्रवार को सुबह साढ़े तीन बजे उनके ग़ाज़ियाबाद स्थित आवास से गिरफ़्तार कर लिया.
विनोद वर्मा ने कहा है कि उनके पास छत्तीसगढ़ के पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत की सेक्स सीडी है और यही कारण है कि छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें फंसा रही है.
झारखंड के गिरिडीह ज़िले में पुलिस द्वारा नक्सली बताकर मारे गए मोतीलाल बास्के की पत्नी पार्वती मुर्मू इंसाफ़ के लिए संघर्ष कर रही हैं.
रैपिड एक्शन फोर्स की रजत जयंती समारोह पर जवानों को संबोधित करते केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दंगे और प्रदर्शनों जैसी चुनौतीपूर्ण हालात से निपटते वक्त वे धैर्य रखें.
गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन चल रहा है.
हाईकोर्ट ने यह आदेश फगवाड़ा के रहने वाले सुरेंद्र मित्तल की याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिया है.
कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सेना के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है.
जब एक आतंकवादी मारा जाता है, तो उसे भी उसके हिस्से का सम्मान मिलता है, उसके परिवार को खुलकर मातम मनाने की आजादी मिलती है. लेकिन, पुलिसकर्मियों की मातमपुर्सी में बहुत कम लोग आते हैं.
सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई इस महिला का कहना है कि पुलिसकर्मी की अनुचित मांगें न मानने पर उसने मामले को बंद करने के लिए क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की है.
पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने करीब तीन महीने पहले तब भड़काऊ भाषण दिए थे जब वे हत्या के आरोपी चार दलितों की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे थे.
झारखंड के गिरिडीह ज़िले में पुलिस ने जिस व्यक्ति को नक्सली बताकर मार डाला था, उसे निर्दोष बताते हुए आदिवासी और मज़दूर संगठन प्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं.
झारखंड के गिरिडीह में मारे गए व्यक्ति को मज़दूर संगठन समिति व आदिवासी समाज ने बताया निर्दोष, नौ जून को हुई थी मुठभेड़.
गोवा के सोनशी गांव के लोगों के मुताबिक, लौह अयस्क के खनन से साफ हवा और स्वच्छ पानी की गांव में दिक्कत हो गई है.
सरकार के हिंसा पर एकाधिकार को तब ही स्वीकार किया जा सकता है जब वह क़ानून के दायरे में हो; अगर ऐसा नहीं है तब कोई उसके इस एकाधिकार को तोड़ता है तो उसे ग़लत नहीं ठहराया जा सकता.