उत्तर प्रदेश के खुर्जा पुलिस स्टेशन में दिसंबर 2020 में 24 वर्षीय दलित युवक की हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने ख़ुद फांसी लगा ली थी. वहीं, पीड़ित परिवार ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था. हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबी-सीआईडी मेरठ ने की और आठ पुलिसकर्मियों को दोषी पाया था.
क़ानून के छात्र ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सेक्टर बीटा-2 पुलिस थाने में बुरी तरह मारपीट करने के साथ उन्हें जबरन पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया था. साथ ही जबरन वसूली के एक झूठे मामले में उन्हें पिछले साल जेल भेज दिया गया था.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले का मामला. पुलिस का दावा था कि पांच सितंबर 2021 को पुलिस और कथित गो-तस्करों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी. जवाबी फायरिंग में गो-तस्कर जीशान हैदर नक़वी के पैर में गोली लगी, जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतक को पुलिस घर से उठाकर ले गई और उनकी हत्या कर दी थी.
केरल के विझिंजम इलाके में अडाणी समूह की अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना का पिछले कुछ समय से मछुआरे विरोध कर रहे हैं. बीते 26 और 27 नवंबर को प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झड़पें हुईं थी. अडाणी समूह ने विरोध प्रदर्शन के कारण कामकाज में आ रहीं बाधाओं को लेकर हाईकोर्ट से केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश देने का आग्रह किया गया था.
केरल के विझिंजम इलाके में अडाणी समूह की अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना का पिछले कुछ समय से मछुआरे विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शनों के कारण निर्माण कार्य में बाधा पहुंचने को लेकर अडाणी समूह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
केरल के विझिंजम इलाके में अडाणी समूह की अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना का पिछले कुछ समय से मछुआरे विरोध कर रहे हैं. पुलिस के अनुसार, रविवार को प्रदर्शनकारियों ने थाने पर हमला कर दिया, जिसमें 36 पुलिसकर्मियों के अलावा 20 अन्य लोगों के भी घायल होने की सूचना है. शनिवार को हिंदू संगठनों के तत्वावधान में परियोजना के पक्ष में कुछ स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई थी.
बलात्कार और डकैती के आरोप में गिरफ़्तार किए गए और गुड़गांव की भोंडसी जेल में बंद दो क़ैदियों को मेडिकल चेक-अप के लिए पुलिस वाहन में दिल्ली ले जाया जा रहा था, जब वे सुभाष चौक के पास फ़रार हो गए. पुलिस के अनुसार, इसमें उन्हें ले जा रहे पुलिसकर्मियों की मिलीभगत थी.
गुजरात के द्वारका ज़िले की घटना. बीते एक दिसंबर को कथित तौर पर पांच लोगों ने एक व्यक्ति का अपहरण कर उसकी पिटाई की थी और फिर निर्वस्त्र कर बाज़ार में घुमाया था. घटना को देखने के बाद भी कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
लॉकडाउन के दौरान 29 मार्च को राजू वेलु नामक युवक अपने रिश्तेदार के यहां जाने के लिए घर से निकले थे. आरोप है कि लॉकडाउन नियम तोड़ने को लेकर पुलिस ने बेरहमी से उनकी पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई.