राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कहा कि वह अपना इस्तीफा अपने पिता को सौंपेंगे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किस पद से इस्तीफ़ा देने का ज़िक्र कर रहे हैं. उनका यह बयान हाल ही में राजद की युवा इकाई के एक नेता द्वारा उन पर कथित दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के बाद आया है.
इमैनुएल मैक्रों ने अपनी प्रतिद्वंद्वी धुर दक्षिणपंथी नेता मरिन ले पेन को मात दी. देश में 20 वर्षों में दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने वाले मैक्रों पहले नेता हैं. उन्होंने जीत पर लोगों का आभार जताते हुए कहा कि कई लोगों ने उन्हें सिर्फ़ ले पेन को सत्ता से बाहर रखने के लिए वोट किया.
भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले हम सभी लोगों के सामने यह चुनने का रास्ता है कि या तो हम इंसाफ़ की एक साझी सोच की दिशा में काम करें, उस दर्द और नफ़रत को दूर करने के लिए, जो हमारी सारी सामूहिक स्मृतियों को निगल रहे हैं, या फिर इन हालात को और बिगड़ने दें.
कांग्रेस की कार्यशैली से नाख़ुशी ज़ाहिर करने के हफ्तेभर बाद पार्टी नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि वे किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि राज्य इकाई के नेतृत्व से नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी लोगों की आवाज़ नहीं बन सकेगी, उनके हितों को प्राथमिकता नहीं देगी तो वे लोग अन्य विकल्प तलाशना शुरू कर देंगे.
झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन सहयोगियों ने भाजपा के कांके से विधायक समरी लाल को अयोग्य घोषित करने की मांग की है. उनका दावा है कि समरी लाल का जाति प्रमाण पत्र राज्य सरकार ने हाल में अवैध पाया है.
केरल में पिछले हफ़्ते हुईं दो राजनीतिक हत्याओं पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के स्थानीय स्वशासन और उत्पाद शुल्क मंत्री एमवी गोविंदन ने कहा कि अल्पसंख्यक कट्टरवाद और बहुसंख्यक कट्टरवाद को एक चश्मे से नहीं देख सकते. बहुसंख्यक कट्टरवाद अधिक ख़तरनाक है, वह हिंदू राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है. अल्पसंख्यक कट्टरवाद, बहुसंख्यक कट्टरवाद का विरोध करने के लिए पनपता है.
सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी समेत विपक्ष के नेताओं की ओर से कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर स्तब्ध हैं, जो कि ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कुछ भी बोलने में नाकाम रहे, जो अपने शब्दों और कृत्यों से कट्टरता फैलाने और समाज को भड़काने का काम कर रहे हैं. यह चुप्पी इस बात का तथ्यात्मक प्रमाण है कि इस तरह की निजी सशस्त्र भीड़ को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है.
पुस्तक समीक्षा: गौरीनाथ के ‘कर्बला दर कर्बला’ की दुनिया से गुज़रने के बाद भी गुज़र जाना आसान नहीं है. 1989 के भागलपुर दंगों पर आधारित इस उपन्यास के सत्य को चीख़-ओ-पुकार की तरह सुनना और सहसा उससे भर जाना ऐसा ही है मानो किसी ने अपने समय का ‘मर्सिया’ तहरीर कर दिया हो.
हार्दिक पटेल ने 2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन की अगुवाई की थी. पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व पूरी तरह से बेकार काम कर रहा है. गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. सारी स्थिति के बारे में राहुल जी को कई बार बताया, लेकिन कोई निर्णय नहीं होता है. इसलिए ज़्यादा दुख होता है.
एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के ख़िलाफ़ ये मामले 2013 में दर्ज किए गए थे. उन पर एक समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काऊ और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप था. अदालत ने कहा कि आरोपी के ख़िलाफ़ मामलों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं और उन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
एक टीएमसी नेता के 21 वर्षीय बेटे पर नदिया ज़िले के हंसखली में कक्षा 9 की छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या का आरोप है. हाईकोर्ट ने मामले की जांच तत्काल सीबीआई को सौंपते हुए कहा कि वह इस सच से आंखें नहीं मूंद सकते कि आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी के एक प्रभावशाली नेता का बेटा है और केस डायरी से संकेत मिला है कि पीड़ित परिवार को धमकाया गया है.
बीते पांच अप्रैल को पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले के हंसखली में हुई घटना पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि क्या 14 वर्षीय कथित हत्या और सामूहिक बलात्कार पीड़िता का वास्तव में बलात्कार हुआ था या क्या वह गर्भवती थी या उसका ‘प्रेम संबंध’ था.
अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ज़िक्र करते हुए पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा कि वे हर मंच पर कश्मीरी भाई-बहनों के लिए आवाज़ उठाएंगे, कूटनीतिक कोशिश करेंगे और उन्हें नैतिक समर्थन देंगे.
पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ को संसद ने निर्विरोध रूप से पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुना. 1947 में अपने गठन के बाद से देश कई शासन परिवर्तन और सैन्य तख़्तापलट के साथ राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. वहां किसी भी प्रधानमंत्री ने अब तक पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है.
शनिवार को पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजों में संयुक्त विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो मौजूदा प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा. बताया जा रहा है कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ अगले प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं.