न्यूज़क्लिक पर छापेमारी को पत्रकारों, कलाकारों, शिक्षाविदों ने प्रेस फ्रीडम पर हमला बताया

यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने बीते 3 अक्टूबर को समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासक अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार कर लिया था. वर्तमान एफ़आईआर की जड़ें कथित तौर पर बीते अगस्त माह में न्यूयॉर्क टाइम्स में आई एक रिपोर्ट से जुड़ी हुई है.

न्यूज़क्लिक पर हमला: क्या कहता है ‘राजदंड’ का यह निर्मम प्रहार?

देखते ही देखते संविधान व क़ानून दोनों का अनुपालन कराने की शक्तियां ऐसी राजनीति के हाथ में चली गई हैं, जिसका ख़ुद लोकतंत्र में विश्वास बहुत संदिग्ध है और जो निर्मम और अन्यायी होकर उसे अपने कुटिल मंसूबों और सुविधाओं के लिए इस्तेमाल कर रही है.

न्यूज़क्लिक केस: मोदी सरकार ‘टेरर फंडिंग’ पर गंभीर है, तो अमेरिका, चीन से संपर्क क्यों नहीं किया?

न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ दर्ज पुलिस केस के सही-गलत होने की बात न भी करें, तब भी उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कथित साज़िशकर्ताओं का पता लगाने और उन पर मुक़दमा चलाने को लेकर मोदी सरकार के रुख़ पर कई सवाल उठते हैं.

सरकार का ​मीडिया को संदेश है कि जो आवाज़ उठाएगा, यूएपीए में बंद कर दिया जाएगा: योगेंद्र यादव

वीडियो: यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने बीते 3 ​अक्टूबर को समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासक अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले को लेकर स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव से बातचीत.

क्रोनोलॉजी समझिए: पांच दिन, चार एजेंसियां और निशाने पर विपक्षी नेता, पत्रकार और एक्टिविस्ट्स

अक्टूबर के शुरुआती कुछ दिनों में ही देश के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के व्यवस्थित 'छापे', 'क़ानूनी कार्रवाइयां', नए दर्ज हुए केस और उन आवाज़ों पर दबाव बनाने के प्रयास देखे गए, जो इस सरकार से असहमत हैं या उसकी आलोचना करते हैं.

‘न्यूज़क्लिक’ को जनता को बाख़बर रखने के साथ ख़बरदार करने की सज़ा मिल रही है

सरकार के जिस कदम से देश का नुक़सान हो, उसकी आलोचना ही देशहित है. 'न्यूज़क्लिक’ की सारी रिपोर्टिंग सरकार के दावों की पड़ताल है लेकिन यही तो पत्रकारिता है. अगर सरकार के पक्ष में लिखते, बोलते रहें तो यह उसका प्रचार है. इसमें पत्रकारिता कहां है?

16 भारतीय पत्रकारों पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं, वर्तमान में 7 सलाखों के पीछे हैं

पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, छात्रों, श्रमिकों और आदिवासियों पर आरोप लगाने के लिए यूएपीए का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में जन सुरक्षा क़ानून (पीएसए) और छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) और आईपीसी में राजद्रोह जैसे अन्य कठोर अधिनियम भी लागू किए गए हैं.

न्यूज़क्लिक केस: दिल्ली पुलिस की एफआईआर में चीनी फर्म शाओमी, वीवो का नाम, अज्ञात वकील का ज़िक्र

एफआईआर में न्यूज़क्लिक के संपादक में प्रबीर पुरकायस्थ, गौतम नवलखा और अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम के ख़िलाफ़ यूएपीए की पांच धाराएं लगाई गई हैं. साथ ही शाओमी और वीवो द्वारा 'अवैध फंडिंग' और किसी 'गौतम भाटिया' द्वारा इन टेलीकॉम कंपनियों के 'क़ानूनी मामलों में बचाव' की बात कही गई है. कंपनियों से जुड़े अदालती रिकॉर्ड में किसी गौतम भाटिया के उनके वकील होने के प्रमाण नहीं हैं.

दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक के संपादक द्वारा एफआईआर कॉपी मांगने की याचिका का विरोध किया

न्यूज़क्लिक के संस्थापक व संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और पोर्टल के एचआर विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मंगलवार को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन पुलिस ने उनके वकीलों को एफआईआर की प्रति देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने अदालत का रुख़ किया है.

दिल्ली: पत्रकारों के यहां छापे-पूछताछ की आलोचना, मीडिया संगठनों ने कहा- धमकाने की कोशिश

न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों, कार्यकर्ताओं आदि के यहां छापेमारी, उनके मोबाइल, लैपटॉप आदि को ज़ब्त करने और पूछताछ की कार्रवाई की आलोचना करते हुए पत्रकार संगठनों, कार्यकर्ताओं और विपक्ष ने इसे मीडिया को डराने की कोशिश क़रार दिया है.

पत्रकार, कार्यकर्ता, कलाकारों ने कहा- न्यूज़क्लिक को निशाना बनाना स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला

द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में प्रकाशित दावों के आधार पर ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक को भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हमलों का सामना करना पड़ रहा है. इस रिपोर्ट के आधार पर बीते दिनों भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि कांग्रेस नेताओं और न्यूज़क्लिक को ‘भारत विरोधी’ माहौल बनाने के लिए चीन से धन मिला है.

दिल्ली: न्यूज़क्लिक व न्यूज़लॉन्ड्री के दफ़्तरों में ‘सर्वे’ के लिए पहुंचा आयकर विभाग

प्रवर्तन निदेशालय मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद अब आयकर विभाग ने न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ जांच शुरू की है.

न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक से हिरासत में पूछताछ की क्यों ज़रूरत है: दिल्ली हाईकोर्ट

इस साल फरवरी में ईडी ने समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक कार्यालय के साथ-साथ संगठन से जुड़े कई अधिकारियों और पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी की थी. ईडी ने कहा था कि छापे कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े थे और एजेंसी विदेश में संदिग्ध कंपनियों से संगठन को प्राप्त धन की जांच कर रही थी. अदालत ने प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ़्तारी से मिली अंतरिम सुरक्षा 17 दिसंबर तक बढ़ा दी है.

दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश, न्यूज़क्लिक के संस्थापक के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई न करे ईडी

इस साल फरवरी में ईडी ने समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के दफ़्तर के साथ संस्थान के कई अधिकारियों और पत्रकारों के घरों पर छापेमारी की थी. ईडी ने कहा था कि छापे कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े थे और एजेंसी विदेश में संदिग्ध कंपनियों से संगठन को प्राप्त धन की जांच कर रही थी.