अयोध्या में मीडिया के एक हिस्से द्वारा ‘नकारात्मक’ ख़बरों को नकारने का सिलसिला राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अगले दिन ही शुरू हो गया था. तभी, जब रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ की धक्का-मुक्की में कुछ घायल हो गए और इनमें से एक की मौत हो गई तो मीडिया ने इसे प्रसारित करने से परहेज़ किया था.
जब भी अपने भक्तों के अहंकार की परीक्षा लेनी होती है, रामलला ऐसी नरलीला करते ही करते हैं. कभी भक्त समझ जाते हैं और कभी नहीं समझ पाते. नहीं समझ पाते तो अपना अहंकार बढ़ाते जाते हैं. फिर एक दिन अचानक रामलला उसे तोड़ देते हैं तो वे पछताते हैं. अहंकार दरअसल, रामलला का आहार है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े भारत अंतरिक्ष सप्ताह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘राम अंतरिक्ष वेदशाला’ के हिस्से के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था.
मेहसाणा ज़िले की घटना. मुस्लिम समुदाय के लोगों का आरोप है कि 21 जनवरी को हिंदुत्व समूहों ने राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की पूर्व संध्या पर एक शोभा यात्रा निकाली थी, जो निर्धारित रूट से हटकर उनके इलाके से गुज़री. तब दोनों पक्षों के बीच झड़प होने के बाद दो नाबालिगों समेत 15 मुस्लिमों को गिरफ़्तार किया गया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें कहा गया है कि उन्होंने सदियों पुराना सपना पूरा किया. राम मंदिर आंदोलन स्वतंत्र भारत का एकमात्र आंदोलन था, जो सभी को एक साथ लाया. करोड़ों भारतीय इससे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे.
वीडियो: राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर विभिन्न राज्यों में निकाली गई शोभायात्राओं में हुई झड़पों और यूपी में कम से कम दो मस्जिदों में जबरन घुसकर भगवा झंडे लगाने की घटनाओं पर बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्रों के एक समूह ने मंगलवार रात को राम मंदिर आंदोलन पर आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' की स्क्रीनिंग आयोजित की थी. छात्रों के अनुसार, दोपहर में कुछ 25 लोग परिसर में घुसे और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए छात्रों को गालियां देना और मारपीट शुरू कर दी.
आगरा ज़िले में दीवान जी की बेगम शाही मस्जिद के मुतवल्ली का आरोप है कि 22 जनवरी को 1,000-1,500 लोग लाठी-डंडे लेकर जबरन मस्जिद में घुस गए, वहां भगवा झंडे लगाए और धार्मिक नारे भी लगाए गए. पुलिस का कहना है कि मामले में अब तक 11 लोगों गिरफ़्तार किया गया है. हालांकि उनकी पहचान नहीं बताई गई है.
वीडियो: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
अयोध्या में बीते 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जेएस खेहर, पूर्व सीजेआई जस्टिस वीएन खरे, पूर्व सीजेआई एनवी रमना और पूर्व सीजेआई यूयू ललित शामिल हुए. इसके अलावा जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा समेत एक दर्जन से अधिक पूर्व न्यायाधीश भी मौजूद थे.
राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण हिंदुत्व की राजनीति करने वाले व्यक्ति का संबोधन था. वो, जिसने धर्म की भावुकता और राजसत्ता की बेईमानी से एक ऐसा मिश्रण किया है जिसके ज़रिये वह आम आस्थावान जनता को छल सके.
गुजरात दंगों के मुस्लिम गवाहों का कहना है कि कैसे अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निकट आने के साथ उनकी सुरक्षा वापस ले लेने की कार्रवाई ने उनके डर को फिर से जगा दिया है. उनका कहना है कि राम मंदिर की मांग ने ही इस पूरे अध्याय को जन्म दिया था और बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी.
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर पिनराई विजयन ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि सभी को स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, उसका अभ्यास और प्रचार करने का समान अधिकार है. वहीं ममता बनर्जी ने भाजपा को 'महिला विरोधी' क़रार दिया. सिद्धारमैया ने कहा कि 'हम महात्मा गांधी के राम की पूजा करते हैं, भाजपा के राम की नहीं.'
क्या हुआ जब राम स्वप्न में आए?
वीडियो: राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रोफेसर अपूर्वानंद, लेखक धीरेंद्र के. झा, वलय सिंह, द वायर के संपादकों- सिद्धार्थ वरदराजन और सीमा चिश्ती के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.