मामला गुना के वंदना कॉन्वेंट स्कूल का है, जहां प्रिंसिपल सिस्टर कैथरीन वॉटोली पर असेंबली में एक छात्र को संस्कृत श्लोक पढ़ने से रोकने का आरोप लगा है. स्कूल का कहना है कि उक्त कार्यक्रम में पहले से ही छात्रों को अंग्रेजी में बोलने का निर्देश दिया गया था.
नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में रिचर्ड एटनबरो की 1982 की फिल्म 'गांधी' के रिलीज़ होने तक पता नहीं था, इस पर राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस की शाखाओं में सिखाया जाने वाला दृष्टिकोण महात्मा गांधी को समझने की अनुमति नहीं देता है क्योंकि संघ उनके हत्यारे गोडसे के रास्ते पर चलता है.
क्या स्वयंसेवक उस सामाजिक स्वीकार्यता की अनदेखी कर पाएंगे जो मोदी सरकार के कारण उन्हें मिली है? क्या नाराज़ स्वयंसेवक अपने प्रचारक प्रधानमंत्री से दूरी बना पाएंगे? या वे आख़िरकार सामंजस्य कर लेंगे, यह सोचकर कि 2025 के अपने शताब्दी वर्ष में सत्ता से बाहर रहने का जोखिम उठाना बुद्धिमानी नहीं?
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस चित्तरंजन दाश ने अपने रिटायरमेंट कार्यक्रम में कहा कि अब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को अधिक समय देना चाहते हैं, जिससे वे बचपन से जुड़े हुए हैं.
केंद्र सरकार ने 2021 में देश में निजी संस्थाओं को सैनिक स्कूल चलाने की अनुमति दी थी. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव के अनुसार, ऐसे 40 निजी सैनिक स्कूलों में से कम से कम 62% ऐसे थे जो आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों, भाजपा के नेताओं, उसके राजनीतिक सहयोगियो, हिंदुत्व संगठनों, व्यक्ति और अन्य हिंदू धार्मिक संगठनों से जुड़े थे.
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने काशी और मथुरा के संदर्भ में कहा कि मामलों की सुनवाई अदालत में हो रही है, अयोध्या विवाद का समाधान भी अंततः अदालतों के माध्यम से ही निकला. अगर मामला न्यायपालिका द्वारा हल किया जा सकता है तो समान पैमाने के आंदोलन की आवश्यकता कहां है.
कहीं ऐसा तो नहीं कि ‘सांस्कृतिक मार्क्सवादी’ और ‘वोक पीपल’ (Woke People) को लेकर संघ सुप्रीमो की ललकार एक तरह से उत्पीड़ितों की दावेदारी और स्वतंत्र चिंतन के प्रति हिंदुत्व वर्चस्ववाद की बढ़ती बेचैनियों को ही बेपर्द करती है.
मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे और अविभाजित शिवसेना से राज्य में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले नेता थे. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे. बाद में वह केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी बने थे.
एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब 1925 में आरएसएस का गठन हुआ था, तब कोई नहीं जानता था कि असली एजेंडा क्या है. सभी को बताया गया कि इसका गठन हिंदुओं को एक छत के नीचे एकजुट करने के इरादे से किया गया था. रामजन्मभूमि जैसे मुद्दे हमारे पर्याप्त ताक़त हासिल करने के बाद ही सामने आए.
बीते दिनों विदर्भ क्षेत्र के सह-संघचालक श्रीधर घाडगे ने जाति जनगणना पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इससे कुछ लोगों को राजनीतिक तौर पर फायदा हो सकता है, लेकिन यह राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं है. अब आरएसएस ने ज़ोर देते हुए कहा है कि संगठन की राय थी कि इसका उपयोग समाज के समग्र विकास के लिए किया जाना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि देश में जाति के नाम पर फूट पड़ती है. यदि जाति समाज में असमानता की जड़ है, तो आरएसएस का मानना है कि जाति-आधारित जनगणना जैसे कार्यों से इसे और अधिक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट केवल आंकड़े मात्र नहीं हैं, एससी-एसटी समाज के जीवन को असुरक्षित बनाने का भाजपाई काला चिट्ठा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 57,582 और 10,064 केस दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में क्रमशः 13.1% और 14.3% अधिक है.
यूजीसी ने पूरे महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों से छात्रों को संघ नेता और एबीवीपी के संस्थापक सदस्य दत्ताजी डिडोलकर के जन्मशती वर्ष पर होने वाले समारोहों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है. शिवसेना (यूबीटी) की युवा शाखा ने यूजीसी के पत्र पर आपत्ति जताते हुए इसे वापस लेने का आग्रह किया है.
वीडियो: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ दिन पहले आरएसएस ने पथ संचलन का कार्यक्रम किया था. इस आयोजन पर कई विद्यार्थी संगठनों ने नाराज़गी जताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी. जेएनयू के बाद अब दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में भी आरएसएस ने मार्च निकाला है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने छात्रों के बीच विचारधारा के प्रचार के लिए 20 अक्टूबर को दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में एक शाखा आयोजित की थी. लक्ष्मीबाई कॉलेज के एक फैकल्टी सदस्य ने बताया है कि सितंबर से उनके परिसर में आरएसएस ने कई शाखाएं आयोजित की हैं.