नोटबंदी के बाद जारी नए नोटों से दृष्टिबाधितों को हो रही हैं दिक्कतें: दिल्ली हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिज़र्व बैंक को नोटिस जारी करते हुए कहा कि नए नोटों की पहचान में दृष्टिबाधितों को हो रही है परेशानी.

नोटबंदी: नोट जमा करने संबंधी मामला ​सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ को भेजा गया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र के नोटबंदी के फ़ैसले की वैधता के साथ जमा कराने से संबंधित पहलू पर भी पांच सदस्यीय पीठ विचार करेगी.

मोदी अब अच्छे दिन के बारे में बात नहीं करते, उन्हें पता है कि लोग हंसेंगे: पी.चिदंबरम

साक्षात्कार: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से नरेंद्र मोदी सरकार, जीएसटी, रॉबर्ट वाड्रा, कार्ति चिदंबरम, विपक्ष, गुजरात चुनाव समेत विविध विषयों पर विस्तृत बातचीत.

नोटबंदी पर मोदी जनता को और मूर्ख नहीं बना सकते

नोटबंदी से अमीरों का काला धन गरीबों को देने का प्रधानमंत्री मोदी का महान वादा एक डरावने मज़ाक में बदल चुका है क्योंकि पिछले साल भर में देश के कमज़ोर तबके पर नोटबंदी की सबसे ज़्यादा मार पड़ी है.

आधार मामले पर ममता सरकार से सुप्रीम कोर्ट का सवाल, संसद के जनादेश को कैसे चुनौती दे सकता है राज्य

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के क़दम को कोई व्यक्ति चुनौती दे सकता है, लेकिन राज्य नहीं, यह संघीय व्यवस्था के ख़िलाफ़ है.

नोटबंदी के एक साल बाद भी नहीं हो पाई नोटों की गिनती

योजना आयोग के पूर्व सदस्य ने कहा, नोटबंदी से ग़रीब प्रभावित हुए लेकिन उन्होंने मोदी को माफ़ कर दिया क्योंकि वे मानते हैं कि यह क़दम अमीरों के ख़िलाफ़ था.

जय शाह और खंडवाला के कारोबारी रिश्ते पर कुछ सवाल

सरकार न सिर्फ़ शाह का गवाह बनकर कूद पड़ी, बल्कि न्यायिक मदद का पूर्वानुमान लगाते हुए स्टोरी छपने के पहले ही इसके लिए एडिशनल साॅलिसिटर जनरल को इजाज़त भी दे दी.

आरबीआई ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, घटाया आर्थिक विकास का अनुमान

मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 6 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा है तो वहीं आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.3% से घटाकर 6.7 % कर दिया.

जन गण मन की बात, एपिसोड 115: पत्रकारों की हत्या और रघुराम राजन

जन गण मन की बात की 115वीं कड़ी में विनोद दुआ पत्रकारों की हत्या व उन पर हो रहे हमले और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की किताब पर चर्चा कर रहे हैं.

अमान्य नोट जमा नहीं करा पाने के उचित कारण हैं तो अब भी मिले मौका: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने वैध कारणों के चलते अमान्य नोटों को जमा नहीं करा सके लोगों को मौका उपलब्ध कराने पर विचार के लिये केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया.