लोकसभा में पहले भाषण में प्रियंका गांधी का सरकार पर निशाना, कहा- देश का संविधान संघ का विधान नहीं

लोकसभा में अपने पहले भाषण में प्रियंका गांधी वाड्रा ने संविधान, आरक्षण और जाति जनगणना के मुद्दों पर सरकार को घेरा. प्रियंका ने 1975 के आपातकाल का ज़िक्र करते हुए सबक लेने की बात कही और संविधान की रक्षा का आह्वान किया.

मंत्रालयों में आरक्षण नीति के अमल की निगरानी के लिए कोई शक्ति नहीं: कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग

अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण के लिए बनी संसदीय स्थायी समिति द्वारा संसद में पेश कार्रवाई रिपोर्ट में कहा गया है कि आरक्षण को लागू करने की निगरानी के लिए एक तंत्र तैयार किया जाना चाहिए, जो डीओपीटी के प्रति जवाबदेह हो.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने भाजपा द्वारा पेश आरक्षण नीति के पुनर्मूल्यांकन के लिए समिति गठित की

उमर अब्दुल्ला सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में बढ़ते गुस्से के मद्देनज़र भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर की आरक्षण नीति में किए गए बदलावों पर फिर से विचार करने के लिए एक उप-समिति का गठन किया है.

ओबीसी वर्गीकरण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं हो सकता

सुप्रीम कोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उच्च न्यायालय ने मई 2023 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 77 समुदायों, जिसमें ज़्यादातर मुस्लिम थे, को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले को रद्द किया था.

आरएसएस का जाति जनगणना को समर्थन, कहा- कल्याण के लिए सही, राजनीतिकरण न हो

आरएसएस के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा है कि सभी कल्याणकारी गतिविधियों के लिए अगर सरकार को संख्या की ज़रूरत है, तो जाति जनगणना की जा सकती है लेकिन इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार में राजनीतिक औजार के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.

भारत बंद को विपक्षी दलों का मिला समर्थन, बिहार में लाठीचार्ज और गुजरात में ट्रेन रोकी

दलित एवं आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर दिए गए फैसले के प्रति विरोधाभासी रुख़ अपनाया है. इसने मांग की है कि सरकार एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर एक नया क़ानून बनाए और इस क़ानून की सुरक्षा के लिए इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करे.

केंद्र ने सहयोगी दलों और विपक्ष के दबाव के बीच लैटरल एंट्री पर यू-टर्न लिया

मंत्रालयों में लैटरल एंट्री को लेकर विपक्ष के साथ एनडीए के सहयोगी दलों के विरोध के बीच केंद्र सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है. विपक्ष ने इस निर्णय को आरक्षण विरोधी बताया था.

मोदी सरकार के मंत्री चिराग पासवान ने मंत्रालयों में लैटरल एंट्री से भर्ती को ग़लत बताया

एनडीए गठबंधन में शामिल लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान ने लैटरल एंट्री को ग़लत बताते हुए कहा है कि उनकी पार्टी ऐसी नियुक्तियों के बिल्कुल पक्ष में नहीं है.

केंद्रीय मंत्रालयों में 45 पदों पर सीधी भर्ती का विज्ञापन, विपक्ष ने क़दम आरक्षण विरोधी बताया

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 24 केंद्रीय मंत्रालयों में लैटरल एंट्री योजना के माध्यम से संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक के 45 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है. योजना के तहत सरकारी विभागों में अनुबंध के आधार पर विशेषज्ञों की नियुक्ति इंटरव्यू के जरिए सीधी भर्ती के माध्यम से की जाती है.

आरक्षण वर्गीकरण पर शीर्ष अदालत का निर्णय नए प्रश्नों को जन्म देता है

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दलित-आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर प्रश्नचिह्न लगाया है, साथ ही यह महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रस्तुत कर दिया हैं कि आरक्षण के प्रावधान के बावजूद जो जातियां और वर्ग अब तक पिछड़े हैं, उनकी उन्नति का उत्तरदायित्व कौन लेगा?

आरक्षण पर अदालत का फैसला: कार्यकर्ताओं ने किया उप-वर्गीकरण का स्वागत, पर नेता विरोध में

एक ओर योगेंद्र यादव और बेला भाटिया का कहना है कि इससे आरक्षण का लाभ सर्वाधिक वंचित समुदाय तक पहुंच सकेगा, वहीं, कुछ नेता इसे 'फूट डालो राज करो' की संज्ञा देते हैं.

सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन कमेटी में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की कार्यकारी समिति में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित कर दीं. इसके अनुसार, कार्यकारी समिति में 9 में से न्यूनतम 3 पद और 6 वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य पदों में से 2 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे.

महाराष्ट्र: मराठा समुदाय को 10% आरक्षण, फिर भी मनोज जरांगे ने आंदोलन का ऐलान क्यों किया

वीडियो: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक विधेयक पारित किया है. हालांकि मराठा समुदाय के नेताओं ने तर्क दिया है कि विधेयक एक चुनावी चाल है. अदालतों में क़ानूनी जांच में नहीं टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इसे ठीक से तैयार नहीं किया गया है.

मराठा आरक्षण विधेयक महाराष्ट्र सरकार की चुनावी चाल है, कोर्ट में टिक नहीं पाएगा: एक्टिवि​स्ट

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक विधेयक पारित किया है. मराठा समुदाय के नेताओं ने तर्क दिया है कि विधेयक एक चुनावी चाल है और अदालतों में क़ानूनी जांच में नहीं टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इसे ठीक से तैयार नहीं किया गया है.

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