केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना के संचालन पर करदाताओं के 14 करोड़ रुपये ख़र्च किए: आरटीआई

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी बताती है कि कुल 30 चरणों में हुई चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर कमीशन के रूप में 12,04,59,043 रुपये का ख़र्च आया और बॉन्ड की छपाई की लागत 1,93,73,604 रुपये रही.

एसबीआई ने चुनाव आयोग को सौंपा चुनावी बॉन्ड का डेटा आरटीआई के तहत देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते माह भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ा डेटा चुनाव आयोग को सौंपा था, लेकिन अब वही डेटा जब सूचना के अधिकार के तहत मांगा गया तो बैंक ने इसे आरटीआई अधिनियम के तहत छूट प्राप्ट जानकारी बताकर देने से इनकार कर दिया.

हाईकोर्ट ने पीएम केयर्स फंड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के सीआईसी के आदेश को रद्द किया

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आयकर विभाग को कहा था कि वह सूचना के अधिकार के तहत पीएम केयर्स फंड को दी गई कर छूट संबंधी जानकारी का ख़ुलासा करे. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि आयकर अधिनियम आरटीआई अधिनियम से अधिक प्रबल होता है. संबंधित जानकारी केवल विशेष परिस्थितियों में ही प्रदान की जा सकती है.

सरकार ने साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन को सूचना के अधिकार के दायरे से बाहर किया

भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) हैकिंग और फिशिंग जैसे साइबर सुरक्षा ख़तरों से निपटने का काम करती है. यह क़दम एप्पल के सिक्योरिटी नोटिफिकेशन और लगातार रिपोर्ट किए जा रहे नए डेटा उल्लंघनों एवं सुरक्षा संबंधी घटनाओं के बीच उठाया गया है. विशेषज्ञों ने कहा कि अब इस संगठन से पारदर्शिता की मांग करना और कठिन हो जाएगा.

देशभर के सूचना आयोगों के पास तीन लाख से अधिक अपीलें और शिकायतें लंबित: रिपोर्ट

12 अक्टूबर, 2023 को भारत में आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन के 18 वर्ष पूरे हुए हैं. इससे पहले सूचना आयोगों के प्रदर्शन पर जारी एक रिपोर्ट बताती है कि देश के सूचना आयोगों में लंबित अपीलों की सबसे अधिक संख्या महाराष्ट्र (1,15,524)  और उसके बाद कर्नाटक (41,047) में है.

डेटा संरक्षण क़ानून की ख़ामियों पर विचार करना ज़रूरी है

डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा (डीपीडीपी) विधेयक का वह संस्करण जिसे कैबिनेट की मंज़ूरी मिली है, सार्वजनिक डोमेन में नहीं है. फिर भी यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि क़ानून में वो ख़ामियां न हों, जो पिछले मसौदे में थीं.

कांग्रेस का सवाल- पीएम केयर्स फंड ऑडिट के अधीन या आरटीआई के तहत क्यों नहीं है

कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि पीएम केयर्स फंड में 60 प्रतिशत धन सरकार स्वामित्व वाले उपक्रमों से आने के बावजूद इसमें कोई पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं है. यह किसी ऑडिट या आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं आता. पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है, तो पीएम केयर्स फंड का कैग ऑडिट कराएगी.

सवाल नरेंद्र मोदी की पढ़ाई लिखाई का नहीं, बल्कि फ़र्ज़ी डिग्री के आरोप का है

भारत में सांसद और विधायक बनने के लिए किसी भी तरह की डिग्री की ज़रूरत नहीं है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि सांसद और विधायक अपने चुनावी हलफ़नामे में अगर फ़र्ज़ी डिग्री पेश करें तो यह कोई ग़लती नहीं है. नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात हाईकोर्ट का फैसला इस तरह के संशय को बढ़ाता ही है.

गुजरात: सीआईसी का पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी केजरीवाल को देने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द किया

अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एमए डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी दें. विश्वविद्यालय ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब कोर्ट ने सीआईसी का आदेश रद्द करते हुए केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है.

अमेरिकी रिपोर्ट में 2022 में भारत को ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ देश माना गया

अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित थिंक-टैंक 'फ्रीडम हाउस' ने 'फ्रीडम इन द वर्ल्ड' 2023 संस्करण में भारत को सौ में से 66 अंकों के साथ 'आंशिक रूप से स्वतंत्र' देश मानते हुए कहा है कि भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों को ख़तरा बना हुआ है, आरटीआई क़ानून कमज़ोर हुआ है, लोकायुक्त संस्थाएं निष्क्रिय हैं और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी का डिग्री विवाद: विश्वविद्यालय ने आरटीआई के तहत जवाब नहीं देने का बचाव किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की जानकारी से संबंधित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें. जुलाई 2016 में हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.

केंद्र ने कोर्ट से कहा- पीएम केयर्स फंड धर्मार्थ ट्रस्ट है, सरकारों का इस पर नियंत्रण नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ‘पीएम केयर्स फंड’ को संविधान के अनुच्छेद-12 के तहत ‘सरकारी फंड’ घोषित करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसे लेकर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया गया था. जुलाई 2022 में केंद्र की ओर से इस बारे में एक पेज का जवाब दाख़िल किया गया था, जिस पर नाराज़ होते हुए अदालत ने विस्तृत जवाब मांगा था.

हाईकोर्ट जज के वेतन-भत्ते का आरटीआई के तहत खुलासा नहीं किया जा सकता: गुजरात हाईकोर्ट

याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत गुजरात हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश की नियुक्ति और वेतन-भत्तों से संबंधित जानकारी मांगी थी. गुजरात सूचना आयोग ने जानकारी को उपलब्ध कराए जाने योग्य माना था, लेकिन हाईकोर्ट ने आयोग के फैसले को रद्द कर दिया.

नागरिकों को विरोध करने की अनुमति देने संबंधी पुलिस नियम जानने का अधिकार: गुजरात हाईकोर्ट

एक याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, जिससे गुजरात पुलिस ने इनकार कर दिया. तब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत उन नियमों को प्रकाशित करने के लिए कहा, जो पुलिस को प्रदर्शन या रैलियां करने की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार देते हैं. हालांकि उनके आवेदन को गुजरात पुलिस द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था.

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