यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश से निकल जाने के अमेरिकी प्रस्ताव को मानने से इनकार करते हुए कहा कि वह राजधानी कीव में ही रुकेंगे. वहीं, अधिकारियों ने बताया है कि दो दिनों के घमासान के बाद हुई झड़पों में सैकड़ों लोग हताहत हुए हैं और पुलों, विद्यालयों और अपार्टमेंट की इमारतों को भारी नुकसान हुआ है. उधर, रूस ने पश्चिमी देशों के लगाए गए प्रतिबंधों पर जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी है.
यूक्रेन में रूस की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्ज़े के बाद कम से कम 400 भारतीय छात्रों ने एक तहखाने में शरण ली है. इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं. उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं और वे लंबे समय तक वहां नहीं रह पाएंगे.
कच्चे तेल का यह दाम सितंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक है. जानकारों का कहना है कि केंद्र की एनडीए सरकार के लिए यह उछाल सरकारी तेल खुदरा विक्रेताओं पर खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव बढ़ा रहा है. इस बढ़ोतरी को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र रोक दिया गया है और मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद इनमें वृद्धि की उम्मीद है.
रूस की सेना का दावा है कि उसने यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक विमानतल को अपने कब्ज़े में ले लिया है, साथ ही रूसी सैनिक कीव में घुस चुके हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उनका कोई सैनिक हताहत नहीं है, वहीं यूक्रेन ने कहा कि क़रीब हज़ार रूसी सैनिक मारे गए हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी है कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अकारण हमले की निंदा की. भारत ने तनाव कम करने का आह्वान किया. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने रूस में अपने सैनिकों को वापस लेने की अपील की.
रूस के क़दम भू-राजनीतिक संतुलन को बुरी तरह से बिगाड़ने वाले हैं, लेकिन क्या इन्हें अप्रत्याशित कहा जा सकता है? जवाब है, नहीं. कौन-सा शक्तिशाली देश अपने पड़ोस में निरंतर किए जा रहे रणनीतिक अतिक्रमणों को स्वीकार करेगा? अतीत में अपनी कमज़ोरी की क़ीमत चुकाने के बाद रूस को लगता है कि अब मज़बूत जवाबी कार्रवाई करने का वक़्त आ गया है.
यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति की अनिश्चितताओं को देखते हुए भारतीय नागरिक, विशेष रूप से छात्रों जिनका वहां रहना आवश्यक नहीं है, वे अस्थाई तौर पर निकलने पर विचार कर सकते हैं. भारतीय नागरिकों को यूक्रेन के भीतर अनावश्यक यात्राओं से बचने की भी सलाह दी जाती है.
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से तनाव जारी है. वर्तमान में युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. यूक्रेन सीमा पर रूस एक लाख से अधिक सैनिकों की तैनाती कर चुका है. अपने सैन्य बलों को वापस बुलाने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका से सुरक्षा की कई मांगें की हैं. यूक्रेन के नाटो में प्रवेश पर प्रतिबंध और नाटो पूर्वी यूरोप के अधिकांश हिस्सों से सैनिकों और हथियारों को हटाए, रूस की प्रमुख मांग है.
कजाकिस्तान में दो जनवरी को एक प्रकार के वाहन ईंधन की क़ीमतों के लगभग दोगुने होने पर प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो तेज़ी से पूरे देश में फैल गए. इन प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में 2,200 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. देश की ख़ुफ़िया और आतंकवाद-निरोधक एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अब स्थिति ‘स्थिर और नियंत्रण में है.’
फिलीपींस की पत्रकार मारिया रसा और रूसी पत्रकार दिमित्री मुरातोव को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए किए गए उनके प्रयासों के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. विजेताओं का चुनाव करने वाली समिति ने कहा कि दोनों ही पत्रकारों ने फिलीपींस और रूस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए साहसी लड़ाई लड़ी है.
अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का टीका भारत में कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली पांचवीं वैक्सीन है. कंपनी ने अपने टीके के आपात इस्तेमाल अधिकार के लिए छह अगस्त को आवेदन दिया था और भारत के औषधि महानियंत्रक ने उसी दिन उसे मंज़ूरी दे दी.
अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना का टीका भारत में कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली चौथी वैक्सीन है. सिप्ला ने भारतीय औषधि नियामक से अमेरिकी फार्मा कंपनी की ओर से कोविड वैक्सीन के वितरण की वैश्विक पहल कोवैक्स के तहत इन टीकों के आयात और विपणन का अधिकार देने का अनुरोध किया था.
वीडियो: जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की बात की, लेकिन देश के अंदर की स्थिति कुछ और ही है. इस विषय पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
जी-7 के शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता भारत के सभ्यागत लोकाचार का हिस्सा हैं. यह बयान ऐसे समय आया है जब नए आईटी नियमों को लेकर भारत सरकार और ट्विटर जैसी बड़ी टेक कंपनी आमने-सामने हैं. ट्विटर ने पिछले महीने भारत स्थित अपने कार्यालयों पर पुलिस की छापेमारी को अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए संभावित ख़तरा माना है.
ग़ाज़ा में इज़रायल और हमास के बीच 11 दिन तक चले संघर्ष के दौरान कथित उल्लंघनों एवं अपराधों की जांच शुरू करने के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव पर वोट डालने से भारत समेत 14 देश अनुपस्थित रहे. प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया क्योंकि 24 देशों ने इसके पक्ष में वोट डाला और नौ ने इसका विरोध किया. इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष में ग़ाज़ा में लगभग 230 लोग और इज़रायल में 12 लोग मारे गए थे.