क्या नरेंद्र मोदी का आदेश योगी आदित्यनाथ के लिए मुसीबत बन गया है?

वीडियो: योगी आदित्यनाथ द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार में सुभासपा के ओपी राजभर समेत दल-बदलू इतिहास वाले नेताओं को शामिल करना क्या किसी मज़बूरी के चलते हुए है? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान. 

ओबीसी नेता ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली एसबीएसपी फिर एनडीए में शामिल

साल 2002 में गठित एसबीएसपी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय से काफी समर्थन प्राप्त है. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के समय यह पार्टी सपा के साथ गठबंधन में थी. उससे पहले एसबीएसपी ने एनडीए के तहत भाजपा के साथ गठबंधन में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.

उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी अपनी लगातार हार से कोई सबक क्यों नहीं सीख रही है

अखिलेश यादव का कहना सही है कि अब भाजपा हर हाल में जीतने के लिए चुनावों में लोकतंत्र को ही हराने पर उतर आती है. लेकिन इसी के साथ बेहतर होगा कि वे समझें कि उनकी व पार्टी की अपील का विस्तार किए बिना वे उसे यह सब करने से कतई नहीं रोक सकते.

उत्तर प्रदेश: सुभासपा उपाध्‍यक्ष महेंद्र राजभर ने पार्टी से इस्तीफ़ा दिया

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य और उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर आरोप लगाया कि वह पार्टी के अभियान से भटक चुके हैं और अपने व्यक्तिगत अभियान के तहत धन बटोरने के चक्कर में लगे हुए हैं.

राष्ट्रपति चुनाव: झामुमो के बाद सपा सहयोगी सुभासपा ने राजग प्रत्याशी मुर्मू को समर्थन दिया

सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर स्पष्ट किया कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरक़रार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं. सपा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है. सिन्हा की सात जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा द्वारा उन्हें आमंत्रित नहीं करने पर राजभर ने निराशा भी व्यक्त की है.

यूपी: गोरखपुर में कई प्रत्याशियों के आंसुओं ने मतदाताओं में पैदा की सहानुभूति

गोरखपुर और बस्ती मंडल की कई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के प्रति मतदाताओं में उमड़ी हमदर्दी ने राजनीतिक दलों के बने-बनाए समीकरण उलट दिए हैं.

उत्तर प्रदेश: दलित-ओबीसी समुदायों की बेरुख़ी क्या भाजपा के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है

दलित, पिछड़ी और कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां, जिन्होंने 2014 के बाद 2017 और 2019 में भाजपा की हिंदुत्व की लहर में बहकर उसे समर्थन दिया, 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम आबादी के साथ इन समुदायों का गठजोड़ भाजपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है.

योगी के नेतृत्व में भाजपा विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो हम कतई गठबंधन नहीं करेंगे: राजभर

उत्तर प्रदेश में भाजपा के पूर्व सहयोगी और सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जहां की जनता कोरोना काल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा और बिस्तर के लिए तरस रही थी और वहां के मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल में वोट मांग रहे थे.

लोगों के लिए आस्था का प्रतीक होगा, भाजपा-संघ के लिए कारोबार का ज़रिया राम मंदिर: सुभासपा अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई या ईडी से करवाने की मांग की है.

ओम प्रकाश राजभर की राजनीति क्या है?

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. बीते दिनों उन्हें पद से बर्ख़ास्त कर दिया गया.

चंदौली लोकसभा सीट: वाराणसी की इस पड़ोसन की तो दास्तान ही अलग

पिछले 21 वर्षों में चंदौली सीट के मतदाताओं ने किसी भी पार्टी या प्रत्याशी को लगातार दो बार नहीं चुना है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे दोबारा जीत दर्ज कर अपनी प्रतिष्ठा बचा पाते हैं या नहीं.

घोसी में मोदी के ‘कटप्पा’ ने भाजपा प्रत्याशी को ही ‘बाहुबली’ बनाया

पूर्वांचल की घोसी लोकसभा सीट अरसे तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, फिर कांग्रेस और सपा-बसपा का गढ़ रही है, इस बार यहां से भाजपा से नाराज़ उसकी सहयोगी सुभासपा ने अपना उम्मीदवार उतारकर 'कमल न खिलने देने' की ठान ली है.

नामांकन रद्द होने के ख़िलाफ़ दाख़िल तेज बहादुर यादव की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने वाले बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन चुनाव आयोग ने तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया था.

वाराणसी से नामांकन रद्द होने पर तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल की याचिका

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरने वाले बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन 1 मई को चुनाव आयोग ने तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया था.

वाराणसी: नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ सपा से मैदान में उतरे तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द

नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा कि मेरा नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है. मुझे सबूत देने के लिए कहा गया था, मैंने सबूत दिए भी. इसके बावजूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. हम इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.