सीबीएसई और यूपी बोर्ड में 12वीं की इतिहास की किताबों से मुग़ल संबंधी अध्याय हटाए गए

स्कूली शिक्षा पर केंद्र और राज्य की शीर्ष सलाहकार संस्था एनसीईआरटी ने इतिहास के पाठ्यक्रम में संशोधन किया है और सीबीएसई की 12वीं कक्षा की मध्यकालीन इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से ‘किंग्स एंड क्रॉनिकल्स’ और ‘द मुग़ल कोर्ट्स’ पर आधारित अध्यायों को हटा दिया है.

भारत के 66 फीसदी स्कूलों में इंटरनेट सुविधा नहीं: रिपोर्ट

यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई+) की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मेघालय, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा में 80 से 85 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है.

लक्षद्वीप: मिड-डे मील में छात्रों को पहले की तरह मांस उत्पाद परोसने का आदेश

स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के मेन्यू से चिकन सहित मांस उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी करके स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने के लिए कहा है.

कर्नाटक: एनईपी के तहत मिड-डे मील से अंडे-मीट बाहर रखने, मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव

कर्नाटक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा दिए गए पोजीशन पेपर में कहा गया है कि मिड-डे मील में अंडे और मांस के नियमित सेवन से स्कूली बच्चों में जीवनशैली संबंधी विकार पैदा हो सकते हैं. एक समिति के प्रस्ताव में पाइथागोरस प्रमेय को 'फ़र्ज़ी' बताते हुए कहा गया है कि न्यूटन के सिर पर सेब गिरने की 'अप्रमाणिक' बात प्रोपगैंडा है.

हरियाणा: 9वीं की किताब में बंटवारे के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार बताया, संघ-सावरकर की तारीफ़

हरियाणा के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा तैयार कक्षा 9 की इतिहास की एक नई किताब में विभाजन के लिए कांग्रेस को दोषी बताते हुए आरएसएस और इसके संस्थापकों के ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ को सराहा गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुडा का कहना है कि यह भाजपा द्वारा शिक्षा के ‘राजनीतिकरण’ का स्पष्ट प्रयास है.

सीबीएसई ने दसवीं कक्षा के नए पाठ्यक्रम से फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्में हटाईं

नए पाठ्यक्रम के मुताबिक, दसवीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति पाठ्यक्रम का हिस्सा बने रहेंगे लेकिन इसमें से पेज संख्या 46, 48, 49 पर बनी तस्वीरों को छोड़ दिया गया है. इन तस्वीरों में दो पोस्टर और एक राजनीतिक कार्टून हैं. इन पोस्टर में फ़ैज़ की नज़्में लिखी हुई थीं.

पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कार्यक्रम कार्यान्वित नहीं कर रहे कई देश: रिपोर्ट

यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व बैंक और ओईसीडी ने कोविड-19 के कारण स्कूल बंद होने से राष्ट्रीय शिक्षा पर प्रभाव का सर्वेक्षण किया था. इसके अनुसार निम्न और मध्यम आय वाले देशों ने बताया कि सभी छात्र व्यक्तिगत रूप से स्कूली शिक्षा में नहीं लौटे, जो पढ़ाई को हुए नुकसान और स्कूल छोड़ने के बढ़ते जोखिम को दिखाता है.

यूपी: ‘मैंने जो कहा उसके लिए सरकार मुझे जेल भेज दे, लेकिन स्कूल से दुश्मनी न निकाले’

23 मार्च को गोरखपुर के बांसगांव के भीमराव आंबेडकर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक दीपक कुमार कन्नौजिया ने एक वीडियो में कोरोना के मद्देनज़र स्कूल बंद करने के चलते होने वाली परेशानियों का हवाला देते हुए सरकार के निर्णय पर सवाल उठाए थे. अब इसी वीडियो के चलते उनके स्कूल की मान्यता रद्द की जा रही है.

आज गणमान्यों के सामने घुटनों पर झुके बच्चे क्या कल एक नागरिक के तौर पर खड़े हो पाएंगे

मणिपुर के मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में घुटनों पर झुके स्कूली बच्चों को देखकर विचार आता है कि आज वरिष्ठों के सामने सजदे में खड़े होने के लिए मजबूर करने वाला वातावरण उन्हें सवाल करने के लिए तैयार करेगा या सब चीज़ें चुपचाप स्वीकार करने के लिए?

क्या स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए हमारी सरकारों के पास पर्याप्त योजनाएं हैं

स्कूली शिक्षा से जुड़े कुछ अधिकारियों का कहना है कि वे दाखिले की तैयारी कर रहे हैं, कुछ पाठ्यक्रम छोटा करने पर ध्यान दे रहे हैं, तो कुछ परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं. लेकिन कोई भी बच्चों और शिक्षकों की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक ज़रूरतों पर बात करता नहीं दिखता.

बिहार: क्या डिजिटल शिक्षा की रेस में पिछड़ रहे हैं सरकारी स्कूलों के छात्र

कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने के बाद अब राज्य सरकारें मोबाइल और टीवी के ज़रिये छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. ऐसी कोशिश बिहार सरकार द्वारा भी की गई है, लेकिन आर्थिक-सामाजिक असमानता के बीच प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों तक इन माध्यमों से शिक्षा पहुंचा पाना बेहद कठिन है.

‘अगर कृश्न चंदर आज लिख रहे होते तो तिहाड़ जेल में होते’

बीते दिनों आईसीएसई ने प्रसिद्ध कहानीकार कृश्न चंदर की कहानी ‘जामुन का पेड़’ को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटा दिया था. उनकी लेखनी और ज़िंदगी की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में उनके भतीजे पवन चोपड़ा से द वायर के फ़ैयाज़ अहमद वजीह की बातचीत.

जामुन का पेड़: कृश्न चंदर की वो कहानी, जिसे आईसीएसई ने पाठ्यक्रम से हटा दिया है

आईसीएसई ने प्रसिद्ध कहानीकार कृश्न चंदर की कहानी 'जामुन का पेड़' को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटा दिया है. काउंसिल का कहना है कि यह दसवीं के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त नहीं है.

सड़कों पर नाम-पता पूछने वाला ‘जय श्रीराम’ अब भेस बदलकर स्कूलों में पांव पसार रहा है

मुल्क की सियासत अब ज़्यादा शिद्दत से पहचान की राजनीति के गिर्द नाच रही है. राम को इमाम-ए-हिंद कहने वाले इक़बाल की दुआ को मदरसे की दुआ कहकर सीमित किया जा रहा है, लेकिन देश के बच्चे शायद इक़बाल की दुआ के सबक़ के माने समझ रहे हैं.

यह प्रार्थना पर नहीं बल्कि हिंदू समाज के दिलो-दिमाग के सिकुड़ने पर दुख मनाने का वक़्त है

विश्व हिंदू परिषद ने पीलीभीत के एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर राष्ट्रगान की जगह इक़बाल की प्रार्थना गवाने का आरोप लगाया. उनसे शिकायत नहीं पर जिलाधीश से है. उन्होंने जिस प्रार्थना के लिए हेडमास्टर को दंडित किया, क्या उसके बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं? क्या अब हम ऐसे प्रशासकों की मेहरबानी पर हैं जो विश्व हिंदू परिषद का हुक्म बजाने के अलावा अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल भूल चुके हैं?