अमेरिकी मीडिया कंपनी वाइस के पत्रकार अंगद सिंह को बुधवार रात दिल्ली में उतरने के तीन घंटे के अंदर वापस भेज दिया गया. उनके परिजनों के अनुसार, वे एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने आए थे, न कि काम के सिलसिले में.
दिल्ली हाईकोर्ट माकपा नेता वृंदा करात और केएम तिवारी द्वारा दिल्ली दंगों से पहले हेट स्पीच के आरोप में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की मांग ख़ारिज करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है.इस दौरान कोर्ट ने कहा कि चुनावी भाषण में नेताओं द्वारा कई बातें कही जाती हैं, लेकिन हमें किसी भी घटनाक्रम की आपराधिकता को देखना होगा.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध, जामिया में पुलिस की बर्बरता और दिल्ली दंगों की वास्तविकता को दर्शाने वाली तस्वीरों को एक फोटो बुक में प्रकाशित किया गया है, जिसका नाम ‘हम देखेंगे’ हैं. इस फोटो बुक में शामिल अधिकांश तस्वीरें जामिया के छात्रों द्वारा ली गई हैं.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में हुए आंदोलन को दो साल हो गए हैं. इस क़ानून को निरस्त करने की मांगों के साथ ताज़ा विरोध प्रदर्शन तेज होने लगे हैं. इस आंदोलन आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: सीएए विरोध के तहत हुए शाहीन बाग़ आंदोलन के दो साल पूरे होने पर प्रगतिशील महिला संगठन, राष्ट्रीय महिला संघ और कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वुमेन की ओर से दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आंदोलन में भाग लेने के लिए क़ैद किए गए लोगों की रिहाई की मांग के लिए छात्रों, नागरिक समाज के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अपने फैसले में सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से अधिक समय तक हुए प्रदर्शन को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था, जिसके ख़िलाफ़ कुछ कार्यकर्ताओं ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
चाहे शाहीन बाग़ हो या दिल्ली की विभिन्न सीमाओं की सड़कें, भारतीय नागरिक अपनी अस्मिता और अधिकारों के लिए खड़े हो रहे हैं.
इस साल फरवरी में दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन के दौरान कपिल गुज्जर ने हवा में फायरिंग की थी. बुधवार को कपिल ग़ाज़ियाबाद में भाजपा में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी ने उनकी सदस्यता निरस्त करते हुए कहा कि उसे कपिल के फायरिंग के मामले से जुड़े होने की जानकारी नहीं थी.
चुनाव आयोग ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि वे अन्य सरकारी विभागों के साथ मतदाता सूची और फोटो परिचय पत्र साझा करने के साल 2008 के अपने दिशा-निर्देशों से किसी भी तरह नहीं भटका है.
फरवरी महीने में हुए दंगे और उसके बाद हुई 'जांच' का मक़सद सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराना है, जिससे उनके आंदोलन को बदनाम किया जा सके. साथ ही भविष्य में ऐसा कोई प्रदर्शन करने के बारे में आम नागरिकों में डर बैठाया जा सके.
दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों में दिल्ली पुलिस के पक्षपाती रवैये को लेकर लगातार उंगलियां उठीं. इस धारणा को इसलिए भी बल मिला क्योंकि पुलिस ने गिरफ़्तार किए गए लोगों के बारे में अधिक जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया.
बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल होने की बात स्वीकार ली है. हुसैन के वकील जावेद अली का कहना है कि उनके मुवक्किल ने कभी इस तरह का कोई बयान नहीं दिया. पुलिस के पास अपने दावों की पुष्टि के लिए कोई साक्ष्य नहीं हैं.
दिल्ली पुलिस द्वारा आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों के मुख्य साज़िशकर्ता के रूप में पेश किया गया है. हालांकि इस पूरे मामले में हुसैन की भूमिका से जुड़े तथ्य किसी और तरफ ही इशारा करते हैं.
फरवरी के आख़िरी हफ्ते में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उसकी प्रमुख वजहों में से एक केंद्रीय बलों को तैनात करने में हुई देरी है. साथ ही गृह मंत्री का यह दावा कि हिंसा 25 फरवरी को रात 11 बजे तक ख़त्म हो गई थी, तथ्यों पर खरा नहीं उतरता.
अहमदाबाद में सीएए के ख़िलाफ़ धरना-प्रदर्शन आयोजित करने वाले कलीम सिद्दीक़ी को पुलिस ने नोटिस भेजकर पूछा है कि आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण उन्हें दो साल के लिए अहमदाबाद सिटी सहित चार नज़दीकी ज़िलों से निर्वासित क्यों नहीं किया जाना चाहिए.