द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
नवी मुंबई के खारघर में बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शिरकत की थी. कार्यक्रम के दौरान कई घंटों तक भीषण धूप में बैठे रहने के चलते 13 लोगों की मौत हो गई थी.
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा द वायर को दिए एक साक्षात्कार में 'पुलवामा हमले को सरकारी ग़लती का नतीजा' बताने वाले बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि वैसे तो देश में कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इनकी सच्चाई सामने नहीं आई.
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र में बीते साल उपजे राजनीतिक संकट, जिसके फलस्वरूप उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार गिर गई थी, से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की.
दिसंबर 2022 में एकनाथ शिंदे सरकार ने एक प्रस्ताव में राज्य स्तर पर 'अंतरधार्मिक विवाह- परिवार समन्वय समिति' के गठन की बात कही थी. इस विवादास्पद प्रस्ताव को वापस लेने के लिए राज्य सरकार पर दबाव डालने हेतु राज्य के विपक्षी दलों ने एक कार्य समूह (वर्किंग ग्रुप) बनाने का फैसला किया है.
हरियाणा में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (आईएनएलडी) के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने रविवार को एक रैली का आयोजन किया था, जिसमें विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं ने शिरकत की और भारतीय जनता पार्टी के ख़िलाफ़ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने का आह्वान किया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि राज्य में एक नया शब्द 'खोखा' (करोड़) लोकप्रिय हो रहा है और इसे जनप्रतिनिधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भाजपा की एक ख़ासियत यह है कि वह चुनावों के वक़्त क्षेत्रीय दल से हाथ मिलाती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी दल कम सीटें जीते.
भाजपा के इस दौर में हर काम मोदी के नाम पर होता है. राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने रूटीन फ़ैसले के पीछे माननीय प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व को श्रेय देते हैं. महाराष्ट्र के केस में भाजपा कहना क्या चाहती है. वो पहले तय कर ले कि उपमुख्यमंत्री के पद को सम्मान बताकर देवेंद्र फडणवीस का अपमान करना है या जेपी नड्डा का? क्या यह नड्डा को मज़ाक़ का पात्र बनाना नहीं है कि वे कम से कम उपमुख्यमंत्री बनाने का
महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा शिवसेना के बाग़ी विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिसों के जवाब में एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. वहीं, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था.
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार के घटक दल शिवसेना में मची अंदरूनी खींचतान के बीच केंद्र की भाजपा सरकार ने शिवसेना के 15 बाग़ी विधायकों को 'वाय प्लस' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है, तो वहीं असम सरकार के भाजपाई मंत्रियों ने गुवाहाटी के होटल में बाग़ी विधायकों से मुलाक़ात की.
भाजपा की फूहड़, हिंसक, बेहिस विभाजनकारी शासन नीति से अलग सभ्य, शालीन, ज़िम्मेदार शासन नीति और आचरण के लिए उद्धव ठाकरे की सरकार को याद किया जाएगा. कम से कम इस प्रयास के लिए कि एक अतीत के बावजूद सभ्यता का प्रयास किया जा सकता है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी पदाधिकारियों से बातचीत में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास खाली किया है, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प बरकरार है. उधर, पार्टी के बाग़ी विधायक एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को दिए बयान से पटलते हुए कहा कि कोई भी राष्ट्रीय दल उनके संपर्क में नहीं है.
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे असम के गुवाहाटी में समर्थक विधायकों के साथ एक होटल में ठहरे हैं. उनका दावा है कि उन्हें 46 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि खबरों के मुताबिक 34 विधायकों ने प्रस्ताव पारित करके उन्हें शिवसेना विधानसभा दल का नेता नियुक्त किया है. इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर बाग़ी विधायक मेरे सामने आकर कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा संसद भवन में बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति जताई. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद एक संयुक्त बयान पढ़ते हुए कहा कि हमें खेद है मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.