लोकसभा चुनाव से पहले तक विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी की राह कठिन दिखाई दे रही थी, लेकिन नतीजों ने राज्य के राजनीतिक समीकरण बदल डाले. सदन में लगभग 20% विधायकों वाले एमवीए ने ‘इंडिया’ गठबंधन के तले क़रीब दो-तिहाई लोकसभा सीटें (30) जीतकर सत्तारूढ़ महायुति को चिंता में डाल दिया है.
महायुति सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता तानाजी सावंत ने एक कार्यक्रम में कहा कि उनका एनसीपी नेतृत्व के साथ कभी तालमेल नहीं रहा और उनके करीब आने से ही उल्टी जैसा महसूस होता है. कैबिनेट में साथ बैठते हैं तो बाहर आने के बाद उल्टी कर देते हैं. एनसीपी ने उनकी टिप्पणी की निंदा करते हुए उन्हें बर्ख़ास्त करने की मांग की.
शिवसेना नेता रामदास कदम ने भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण को मुंबई-गोवा राजमार्ग की बदहाल स्थिति के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफ़े की मांग की है. इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूछा है कि कदम ऐसे बयान देते समय किस गठबंधन सिद्धांत का पालन कर रहे हैं.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजित पवार ने कहा है कि राजनीति को घर में नहीं घुसने देना चाहिए. मैंने अपनी बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ पत्नी सुनेत्रा को चुनावी मैदान में उतारकर ग़लती की थी. ऐसा नहीं होना चाहिए था.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उनके दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) की उपेक्षा की बात कहते हुए जोड़ा कि उन्होंने गठबंधन छोड़ने का फैसला नहीं किया है, लेकिन अगर आगामी चुनावों के लिए कम से कम एक सीट की उनकी मांग अगले तीन दिनों में पूरी नहीं हुई तो वे अलग रुख़ अपना सकते हैं.
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के मुंबई उत्तर पश्चिम से लोकसभा उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को ईडी ने 'खिचड़ी' घोटाले को लेकर समन जारी किया है. इस मामले में बीएमसी द्वारा कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बेघर और प्रवासी श्रमिकों को भोजन के रूप में खिचड़ी वितरण में एक करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया गया है.
मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे और अविभाजित शिवसेना से राज्य में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले नेता थे. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे. बाद में वह केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी बने थे.
अजीत पवार और एनसीपी के आठ विधायक पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए थे. कुछ ही समय बाद पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे द्वारा जून 2022 में संविधान की 10वीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी क़ानून) के तहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के ख़िलाफ़ अयोग्यता याचिका दायर करने के लगभग दो साल बाद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का शिंदे गुट को ‘असली शिवसेना’ बताने का निर्णय बीते 10 जनवरी को आया था.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वह ठाणे ज़िले में स्थित हाजी मलंग दरगाह की मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं. बीते कुछ दशकों से हिंदू पक्ष इस दरगाह को मंदिर बताता आ रहा है. हालांकि, इस दरगाह का प्रबंधन संभालने वाले हिंदू ट्रस्टी सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के हवाले से कहते हैं कि दरगाह एक मिश्रित संरचना है, जिसे हिंदू या मुस्लिम क़ानून से शासित नहीं किया जा सकता है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि देश में जाति के नाम पर फूट पड़ती है. यदि जाति समाज में असमानता की जड़ है, तो आरएसएस का मानना है कि जाति-आधारित जनगणना जैसे कार्यों से इसे और अधिक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए.
यूजीसी ने पूरे महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों से छात्रों को संघ नेता और एबीवीपी के संस्थापक सदस्य दत्ताजी डिडोलकर के जन्मशती वर्ष पर होने वाले समारोहों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है. शिवसेना (यूबीटी) की युवा शाखा ने यूजीसी के पत्र पर आपत्ति जताते हुए इसे वापस लेने का आग्रह किया है.
साल 1983 में भारत को पहला एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट ख़िताब दिलाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने यह भी कहा कि यह इतना बड़ा आयोजन है और लोग ज़िम्मेदारियां संभालने में इतने व्यस्त हैं कि कभी-कभी वे भूल जाते हैं. वहीं विपक्षी नेताओं ने कहा कि महिला पहलवानों के विरोध का समर्थन करने के कारण उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके ख़िलाफ़ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा है. जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुए विद्रोह में 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार का साथ छोड़ दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ विपक्ष के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते भाषण देते हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के उन्हीं 'भ्रष्टाचारी' नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके पद, प्रतिष्ठा और सम्मान देते हैं.