पंजाब में जालंधर का रहने वाला 46 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर सक्रिय रूप से खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और वित्तपोषण में शामिल था. वह भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक था. उसने कनाडा के ब्रैम्पटन में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी.
घटना रविवार शाम पटियाला के दुखनिवारण साहिब गुरुद्वारे में हुई. कथित तौर पर शराब पीने से नाराज़ एक व्यक्ति ने महिला पर कई गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौत हो गई. घटना में एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना है.
अफ़ग़ानिस्तान के सूफ़ी धर्मगुरु ख़्वाजा अहमद ज़रीफ़ चिश्ती उर्फ़ ज़रीफ़ बाबा पिछले चार साल से शरणार्थी के तौर पर भारत में रह रहे थे. पुलिस ने बताया कि ऐसा लगता है कि हत्या का कारण ज़मीन या पैसों से संबंधित विवाद है. पुलिस ने इस संबंध में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है, जबकि तीन अन्य फ़रार हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला मनसा सीट से खड़े हुए थे, उन्हें आम आदमी पार्टी के डॉ. विजय सिंगला ने हराया था. रविवार को मनसा में ही उन पर अज्ञात हमलावरों ने गोलियां चलाईं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
आरोप है कि गोरखपुर ज़िले की एक अदालत के गेट के सामने सेवानिवृत्त जवान भागवत निषाद ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से दिलशाद नामक व्यक्ति के सिर में गोली मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. फरवरी 2020 में भागवत ने दिलशाद के ख़िलाफ़ बेटी के अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था.
उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के एक गांव में राशन की दुकान के आवंटन को लेकर हुए विवाद के दौरान बृहस्पतिवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में एक स्थानीय भाजपा नेता ने एक व्यक्ति को गोली मारकर हत्या कर दी थी. बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि गोली आत्मरक्षा में चलाई गई.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि ऑनर किलिंग का मामला है. चचेरे भाई से अवैध संबंधों के चलते की गई महिला की हत्या. मृतक महिला का नाम उसके पति की हत्या में सामने आया था.
आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने एलआईसी घोटाला, इंदिरा आवास योजना के अलावा शिक्षक व पुलिस विभाग में नियुक्ति घोटाले का खुलासा किया था. दो महीने में दूसरे आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या.
बंद के दौरान झड़पों में 11 घायल, एडिटर्स गिल्ड ने कहा, दो पत्रकारों की हत्या यह संकेत है कि त्रिपुरा में पत्रकारों पर गंभीर खतरा है, सरकार सुरक्षा दे.
हत्या के विरोध में भाजपा, कांग्रेस ने किया त्रिपुरा बंद का ऐलान, सत्तारूढ़ माकपा ने कहा सरकार की उचित कार्रवाई के बावजूद हत्या का राजनीतिकरण कर रही हैं पार्टियां.
संपादक का आरोप है कि सुदीप की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने कमांडेंट का पर्दाफ़ाश करने के लिए 11 ख़बरें लिखी थीं.
बीते 20 सितंबर को एक राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन को कवर करने गए टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की भी हत्या कर दी गयी थी.