उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में पुलिस ने कुछ माह पूर्व हिंदू धर्म अपनाने वाले वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ़्तार किया है. वहीं, यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को आईपीसी की धारा 14 के तहत पेश होने के नोटिस भेजे गए हैं.
सिख धर्म को देश की रक्षा से बांधकर और यह कहकर कि गुरुओं का काम देश की रक्षा था, नरेंद्र मोदी आज की अपनी राष्ट्रीय असुरक्षा की राजनीति को ही रेखांकित कर रहे हैं. सावरकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे हिंदू धर्म का राष्ट्रीयकरण करते रहे हैं, वैसे ही वे सिख और बौद्ध धर्म का भी राष्ट्रीयकरण करना चाहते रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों हरिद्वार और दिल्ली में हुए ‘धर्म संसद’ में कथित रूप से मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने और उनके नरसंहार का आह्वान करने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहा है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को भविष्य में इसी तरह के कार्यक्रमों को लेकर अपनी चिंताओं के संबंध में प्रतिवेदन स्थानीय प्राधिकरण को देने की भी अनुमति दी.
उत्तराखंड के विपक्षी नेताओं, सौ से अधिक पूर्व सेना, पुलिस और प्रशासनिक अफसरों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) गुरमीत सिंह को एक ज्ञापन भेजकर उनसे 'राज्य में हो रही हिंसक गतिविधियों और देश विरोधी कार्यों' पर रोक लगाने की गुज़ारिश की है.
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा दायर याचिका में बीते दिसंबर महीने में हरिद्वार में हुए ‘धर्म संसद’ के दौरान मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषणों की एक विशेष जांच दल द्वारा स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है.
विभिन्न वैश्विक संगठनों के एक समूह द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर भड़काऊ भाषणों पर दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड, फिनलैंड और न्यूज़ीलैंड में प्रवासी समूहों ने अपना रोष जताया है.
‘स्कूल की पाठ्यपुस्तकों की सामग्री और डिज़ाइन में सुधार’ विषय पर स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कई ऐतिहासिक शख़्सियतों और स्वतंत्रता सेनानियों को अपराधियों के रूप में ग़लत तरीके से चित्रित किया गया है, इसे ठीक किया जाना चाहिए और उन्हें हमारी इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में उचित सम्मान दिया जाना चाहिए.
क्या सिंघू बॉर्डर पर हुई हत्या का समूचा प्रसंग निहित स्वार्थी तबकों की बड़ी साज़िश का हिस्सा था ताकि काले कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ खड़े हुए ऐतिहासिक किसान आंदोलन को बदनाम किया जा सके या तोड़ा जा सके? क्या निहंग नेता का केंद्रीय मंत्री से पूर्व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में मिलना इस उद्देश्य के लिए चल रही क़वायद का इशारा तो नहीं है?
पंजाब के तरन तारन ज़िले के दलित मज़दूर लखबीर सिंह का शव बीते 15 अक्टूबर को दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर एक बैरिकेड से बंधा हुआ पाया गया था. एक वीडियो में सिखों के धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में निहंग सिखों के एक समूह ने उनकी हत्या किए जाने की बात स्वीकार की थी.
निहंगों ने मांग की है कि पुलिस इस मामले की जांच कर पता लगाए कि वे भाजपा नेताओं के साथ क्या कर रहे थे. हाल ही में एक निहंग धड़े के प्रमुख बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ तस्वीर वायरल हुई थी, जिसके बाद से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की साज़िश के कयास लगाए जा रहे हैं.
हरियाणा के कुंडली थाने में सिखों के पवित्र पुस्तक का कथित तौर पर अपमान करने के आरोप में दलित श्रमिक लखबीर सिंह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. बीते दिनों सिंघू बॉर्डर पर सिंह की हत्या कर दी गई थी, जिसकी ज़िम्मेदारी निहंगों ने ली है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ तस्वीर में नज़र आए निहंग धड़े के एक प्रमुख बाबा अमन सिंह ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने निहंग सिखों को किसान प्रदर्शन स्थल से हटने के लिए पैसे की पेशकश की थी, लेकिन उन्हें ख़रीदा नहीं जा सकता है. अमन सिंह धड़े के लोग ही सिंघू बॉर्डर पर पिछले हफ़्ते एक दलित मज़दूर की बर्बर तरीके से हत्या करने के मामले में आरोपी हैं.
वीडियो: दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास 15 अक्टूबर की सुबह एक दलित खेतिहर मज़दूर का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था. निहंग सिखों ने पवित्र धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में उनकी हत्या किए जाने की बात कही है. इस मुद्दे पर किसान नेता योगेंद्र यादव और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल के साथ आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
दिल्ली हरियाणा के सिंघू बॉर्डर स्थित किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. हरियाणा पुलिस ने कहा कि आरोपी नारायण सिंह के नेतृत्व में तीनों आरोपियों ने अदालत के सामने हत्या करने की बात क़बूल की है.
दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास 15 अक्टूबर की सुबह एक दलित खेतिहर मज़दूर का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था. उनकी कलाई कटी हुई थी और उसके टखने और पैर टूटे हुए थे. निहंग सिखों ने पवित्र धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में उनकी हत्या किए जाने की बात कही है.