टोक्यो पैरालंपिक खेलों में निशानेबाज़ी की पी-4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में शीर्ष दोनों स्थान भारत के नाम रहे. निशानेबाज़ मनीष नरवाल ने स्वर्ण पदक पर निशाना साधा और सिंहराज अडाना ने रजत पदक अपने नाम किया. इनके अलावा बैडमिंटन में मौजूदा विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता, जबकि मनोज सरकार के हाथ कांस्य पदक लगा. इसके साथ ही भारत शनिवार तक पैरालंपिक खेलों में कुल 17 पदक जीत चुका है.
निशानेबाज़ अवनि लेखरा के अलावा शुक्रवार को भारत के प्रवीण कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा का रजत पदक जीता, जिससे देश ने इन खेलों में 12 पदक अपने नाम कर लिए हैं. प्रवीण कुमार भारतीय दल के सबसे युवा पदक विजेता भी बन गए हैं. देश ने अभी तक दो स्वर्ण, छह रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं.
भारत का यह वर्तमान खेलों में निशानेबाज़ी में दूसरा पदक है. बीते सोमवार को अवनि लेखरा ने आर-2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच-1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. अडाना के इस पदक से भारत की टोक्यो पैरालंपिक में पदकों की संख्या आठ पहुंच गई है.
यह भारत का निशानेबाज़ी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है. टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है. अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं. निशानेबाज़ अवनि के अलावा पहली बार पैरालंपिक खेल रहे सुमित अंतिल ने भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण अपने नाम किया है. भारत ने अब तक एथलेटिक्स में एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य से कुल पांच पदक जीत लिए हैं. यह पिछले 2016 रियो पैरालंपिक (चार पदक)
भारत की टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं. भारतीय पैरालंपिक समिति की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक के गोला फेंक स्पर्धा में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं.
टोक्यो ओलंपिक में यह भारत का पांचवां पदक है. इससे पहले गुरुवार सुबह ही जर्मनी को हराकर भारत ने कांस्य पदक जीता, जो हॉकी में 41 साल बाद जीता गया कोई ओलंपिक पदक है. इसके अलावा भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने रजत, जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधु और मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक जीता है.
मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक मीराबाई चानू ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय भारोत्तोलक हैं. उन्होंने कुल 202 किलोग्राम (87 किलोग्राम + 115 किलोग्राम) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया.
ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए ट्रायल कराने की मांग करने वाली पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन निखत ज़रीन का समर्थन करते हुए ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा कि मैरी कॉम का मैं पूरा सम्मान करता हूं लेकिन खिलाड़ी को अपने करिअर में बार बार सबूत देने पड़ते हैं. यह सबूत कि हम आज भी कल की तरह खेल सकते हैं.
भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ की नीति थी कि महिला वर्ग में ओलंपिक क्वालीफायर में जाने का नियम सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं पर लागू होता है. आरोप है विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली मैरीकॉम को बीएफआई ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए भेजना चाहता है.
विश्व महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के फाइनल में 20 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज मंजू रानी एकमात्र भारतीय थीं. वहीं, हार के बावजूद एमसी मैरीकॉम ने महिला विश्व चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकार्ड अपने नाम किया.