लखीमपुर हिंसा मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व कर रहे डीजीपी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पुलिस के सवालों का उचित जवाब नहीं दे रहे थे, इसलिए उन्हें गिरफ़्तार किया गया है. आशीष मिश्रा पर आरोप लगा कि वह उन वाहनों में से एक में सवार थे, जिसने बीते तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों के संगठन ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच और जांच आयोग को ख़ारिज करता है. मोर्चा ने मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और इसकी निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा किए जाने की मांग उठाई.
जहां दिल्ली पुलिस का दावा है कि गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली में शामिल किसानों ने लाल क़िले पर कब्ज़ा करने की साज़िश रची थी, वहीं इस मामले को लेकर गठित पंजाब विधानसभा की समिति का कहना है कि उस रोज़ हुई हिंसा पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को बदनाम करने के षड्यंत्र का नतीजा थी.
पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारी मांगें माने जाने तक किसान आंदोलन मजबूती के साथ शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा. राजनीतिक दलों की आंतरिक कलह या दूसरे दलों के साथ झगड़े से आंदोलन प्रभावित नहीं होगा.
चालीस से अधिक किसान संघों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसान अपनी मर्ज़ी से विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें अलग-अलग राज्यों की पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वहां रहने के लिए मजबूर किया है.
विवादित कृषि क़ानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस साल 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.
तीन कृषि क़ानूनों के मुद्दे पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पत्र लिखा था. इसी पत्र का जवाब देते हुए मलिक ने उन्हें लिखे एक पत्र में ये बातें कहीं हैं.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रीवा में एक किसान रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भूख से फायदा उठाने का एक तरह का नया व्यापार आजकल दुनिया में चल रहा है. भूख का कारोबार तब होगा, जब अनाज क़ब्ज़े में होगा.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलनरत किसानों का समर्थन करते हुए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि आज की तारीख़ में किसानों के पक्ष में कोई भी क़ानून लागू नहीं है. इस स्थिति को ठीक करना चाहिए. जिस देश का किसान और जवान असंतुष्ट होगा, वह देश आगे बढ़ ही नहीं सकता. उस देश को कोई बचा नहीं सकता.
वीडियो: किसान आंदोलन के सौ दिन पूरे होने और इसे आगे ले जाने की रणनीति पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से विशाल जायसवाल की बातचीत.
दो कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में कहा कि अब तक हरियाणा से मृत प्रदर्शनकारियों के परिजनों को नौकरी और वित्तीय सहायता देने के लिए राज्य सरकार के विचारार्थ कोई प्रस्ताव नहीं है.
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने पर खिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि अगर सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तो पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में इसका असर देखने को मिलेगा.
विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हज़ारों किसान क़रीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.
केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे. इसके बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
75 वर्षीय किसान जोरावर सिंह पंजाब में पिछले साल एक अक्टूबर से शुरू हुए रेल रोको अभियान के बाद से ही किसान आंदोलन से जुड़े हुए थे. नवंबर से वह दिल्ली आ गए थे. जोरावर भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के सदस्य थे और प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए लोगों को इकट्ठा करते थे.