लिव-इन रिलेशनशिप भारतीय संस्कृति पर एक कलंक है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि वैवाहिक कर्तव्यों के प्रति उदासीनता ने संभवतः लिव-इन रिश्तों को जन्म दिया है. यह भारतीय सिद्धांतों के विपरीत एक आयातित सोच है.

समलैंगिक विवाह को कोर्ट ने नहीं दी मान्यता, दो जजों ने कहा- क्वीर जोड़ों को मिलें क़ानूनी हक़

पांच जजों की पीठ द्वारा 3:2 से यह प्रस्ताव भी ख़ारिज कर दिया गया कि समलैंगिक जोड़े बच्चों को गोद ले सकते हैं.

समलैंगिक विवाह मामले पर अदालत को नहीं, लोगों को फैसला करना चाहिए: किरेन रिजिजू

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मंज़ूरी देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जो भारत के प्रत्येक नागरिक से संबंधित है. यह लोगों की इच्छा का सवाल है. लोगों की इच्छा संसद या विधायिका या विधानसभाओं में परिलक्षित होती है

समलैंगिक विवाह: सुप्रीम कोर्ट बोला- विशेष विवाह अधिनियम के तहत 30 दिन का नोटिस ‘पितृसत्तात्मक’

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. इस दौरान विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत सार्वजनिक आपत्ति आमंत्रित करने वाले 30 दिनी नोटिस पर हुई चर्चा के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि यह अनिवार्य नोटिस ‘पितृसत्तात्मक’ है और ‘समाज के खुले हस्तक्षेप’ को बढ़ावा देता है.

समलैंगिक विवाह अभिजात्य वर्ग का विचार, अदालत को विवाह व्यवस्था में दख़ल का अधिकार नहीं: केंद्र

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं के औचित्य पर सवाल उठाते हुए केंद्र ने कहा है कि ‘विवाह’ जैसे मानवीय संबंधों की मान्यता अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, अदालतें न्यायिक व्याख्या के माध्यम से या मौजूदा क़ानूनी ढांचे को ख़त्म करके ‘विवाह’ नामक किसी भी संस्था को बना या मान्यता नहीं दे सकती हैं.

समलैंगिक विवाह पर रिजिजू बोले- लोगों की निजी ज़िंदगी में दख़ल नहीं, लेकिन शादी नीतिगत मसला

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे में केंद्र ने समलैंगिक विवाह का विरोध किया है. वहीं, एलजीबीटीक्यू+ कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों के लिए समानता का अधिकार बनाए रखने की संवैधानिक प्रतिबद्धता को नज़रअंदाज़ करते हुए भेदभावपूर्ण विवाह क़ानून बनाए रखने पर अड़ी हुई है.

सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह पर उच्च न्यायालयों में लंबित सभी याचिकाओं की ख़ुद करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए उन्हें अपने पास स्थानांतरित कर लिया है. केंद्र से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब दाख़िल करने को कहा और निर्देश दिया कि 13 मार्च तक सभी याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाए.

समलैंगिक विवाह को क़ानूनी मान्यता देने की एक और याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

इससे पहले नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने दो समलैंगिक जोड़ों के विवाह करने और विशेष विवाह अधिनियम के तहत इसे मान्यता देने की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था. उस याचिका में कहा गया है कि एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों को भी उनकी पसंद के व्यक्ति से विवाह का अधिकार मिलना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट में दर्ज एक याचिका में दो समलैंगिक जोड़ों ने विवाह करने और विशेष विवाह अधिनियम के तहत इसे मान्यता देने की अनुमति मांगी है. याचिका में कहा गया है कि अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों को भी मिलना चाहिए.

सरकार किसी भी अंतरधार्मिक जोड़े को शादी करने से नहीं रोक सकती है: दिल्ली हाईकोर्ट

यह मामला दो अंतरधार्मिक विदेशी नागरिकों से जुड़ा है, जिन्होंने अपने इच्छित विवाह को विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख़ किया है. 

आर्य समाज का काम विवाह प्रमाण-पत्र जारी करना नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट एक नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के मामले में आरोपी की ओर से पेश की गई ज़मानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. आरोपी ने अपने बचाव में पीड़िता को बालिग और अपनी पत्नी बताते हुए आर्य समाज मंदिर का विवाह प्रमाण-पत्र पेश किया था, जिसे शीर्ष अदालत ने क़ानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया.

केरल हाईकोर्ट ने ईसाई महिला और डीवाईएफआई के मुस्लिम नेता के विवाह में हस्तक्षेप से इनकार किया

केरल में एक ईसाई महिला के माकपा की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक मुस्लिम नेता के साथ विवाह करने से उस समय राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था, जब महिला के ​परिवारवालों के अलावा माकपा के एक नेता ने भी ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया था.

समलैंगिक विवाह को मान्यता की मांग पर केंद्र ने कहा, सिर्फ जैविक महिला-पुरुष के बीच विवाह मान्य

दिल्ली हाईकोर्ट में विशेष, हिंदू और विदेशी विवाह क़ानूनों के तहत समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने के अनुरोध वाली कई याचिकाएं लंबित हैं, जिन पर 30 नवंबर को अंतिम सुनवाई होगी. इस साल फरवरी में केंद्र ने इन याचिकाओं को ख़ारिज करने की मांग करते हुए अदालत में तर्क दिया था कि भारत में विवाह 'पुराने रीति-रिवाजों, प्रथाओं, सांस्कृतिक लोकाचार और सामाजिक मूल्यों' पर निर्भर करता है.

समलैंगिक विवाह के लिए दायर याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर एक ओसीआई कार्डधारक के विदेशी मूल के जीवनसाथी को उसकी लैंगिकता की परवाह किए बिना ओसीआई पंजीकरण की अनुमति देने की मांग की गई है. उन्होंने तमाम विवाह क़ानूनों के तहत समलैंगिक शादी को मान्यता प्रदान करने की गुज़ारिश की है.

स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत नोटिस का अनिवार्य प्रकाशन निजता के अधिकार का उल्लंघन: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए 30 दिन पहले नोटिस का अनिवार्य प्रकाशन कराना स्वतंत्रता और निजता के मूल अधिकार का उल्लंघन है. अब से नोटिस का प्रकाशन विवाह के इच्छुक पक्षों के लिए वैकल्पिक होगा.