तीस्ता सीतलवाड़ के केस करने से पहले ही एनएचआरसी और सुप्रीम कोर्ट ने मोदी की छवि ‘ख़राब’ कर दी थी

नरेंद्र मोदी की छवि को ख़राब करने वालीं तीस्ता सीतलवाड़ अकेली नहीं हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और भारतीय चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों ने भी अतीत में गुजरात हिंसा और मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा चलाई गई सरकार की भूमिका पर कड़ी टिप्पणियां की थीं.

नफ़रत फैलाने वाले भाषण के लिए असम के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के ख़िलाफ़ कथित तौर पर सब्ज़ियों की आसमान छूती कीमतों के लिए ‘मिया’ मुस्लिम समुदाय के किसानों और व्यापारियों के एकाधिकार को ज़िम्मेदार ठहराने वाले बयान को लेकर विभिन्न दलों और संगठनों ने कई शिकायतें दर्ज कराई हैं.

पहलवानों का आरोप, ‘पक्षपाती’ जांच समिति बृजभूषण शरण सिंह को बचाने की कोशिश कर रही है

महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति की मंशा पर सवाल उठाया है.कुछ ने आरोप लगाया है कि आरोपी को बचाने के लिए जांच समिति उनके बयानों से छेड़छाड़ कर सकती है. समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है.

स्टैंड-अप कॉमेडियन बस्सी के ख़िलाफ़ वकीलों को अपमानित करने संबंधी याचिका ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाख़िल कर याचिकाकर्ता ने कहा था कि उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो शो ‘बस कर बस्सी’ देखा है, जो वकीलों और न्यायिक प्रणाली के लिए अपमानजनक है. इसे लेकर शो करने वाले स्टैंड-अप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई थी.

दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री राजनीतिक कलह से ऊपर उठें: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच पनपे विवाद पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर वे दोनों संवैधानिक पदाधिकारियों के रूप में एक-दूसरे से बात करते हैं, तो हमें यकीन है कि इसका समाधान निकल सकता है.

क्या भाजपा को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने का हक़ है?

भाजपा नहीं चाहती कि लोग समझें कि अयोध्या में राम मंदिर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस ज़मीन से जुड़े विवाद के निपटारे के फलस्वरूप बन रहा है. वह समझाना चाहती है कि भाजपा, उसकी सरकारों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उसके आनुषंगिक संगठनों ने जी-जान न लगा रखी होती, तो उसका बनना संभव नहीं होता.

मणिपुर हिंसा पर यूरोपीय संघ ने चर्चा की, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा: राहुल गांधी

मणिपुर में पिछले दो महीने से जातीय हिंसा का दौर जारी है. राज्य में अब तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 50 हज़ार लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर लगातार सवाल उठा रहे हैं.

अदालतें लोकतंत्र में चुनाव पर रोक नहीं लगा सकतीं, ये ‘बिल्कुल शक्तिहीन’ हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की कर्नाटक डिवीज़न में चुनाव होने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान शीर्ष अदालत ने सभा के चुनाव कराने संबंधी कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरक़रार रखते हुए कहा कि हम चुनाव पर रोक नहीं लगा सकते, अगर यह अनुच्छेद 329 के तहत आने वाला मामला है तो हम बिल्कुल शक्तिहीन हैं.

पूर्वोत्तर में पिछले 7 वर्षों के दौरान मणिपुर सरकार ने सर्वाधिक बंदूक लाइसेंस जारी किए

वीडियो: मणिपुर में पिछले दो महीने से बहुसंख्यक मेईतेई ​और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है. अब सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मिली है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में मणिपुर सरकार ने पिछले 7 साल में सबसे अधिक संख्या में बंदूक के लाइसेंस जारी किए हैं.

मध्य प्रदेश: कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से लाए गए एक और चीते की मौत

मृत चीते की पहचान सूरज के रूप में हुई, जिसे इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था. बीते 11 जुलाई को तेजस नामक चीते की मौत हो गई थी. इसके साथ ही बीते मार्च महीने से भारत में मरने वाले अफ्रीकी चीतों की कुल संख्या आठ हो गई है.

आरोपियों को चुप रहने का अधिकार, उन्हें बोलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को उस पर लगे आरोपों के ख़िलाफ़ अधिकार देता है, कहा कि सभी आरोपियों को चुप रहने का अधिकार है और जांचकर्ता उन्हें बोलने या अपराध स्वीकारने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. जांच में ‘सहयोग’ का मतलब ‘स्वीकारोक्ति’ नहीं हो सकता.

सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने आनंद मोहन की समय-पूर्व रिहाई का बचाव किया

बिहार जेल नियमों में संशोधन के बाद गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह को बीते 27 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था. कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में जेल नियमों में संशोधन को चुनौती दी है.

मीडिया के सामने पुलिस द्वारा संदिग्धों की परेड कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई

किसी मामले में संदिग्ध व्यक्तियों की मीडिया के सामने परेड कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को इस मुद्दे पर ज़रूर सोचना चाहिए कि कैसे लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. आख़िरकार जब उन्हें निर्दोष ठहराया जाता है, तब तक काफ़ी समय बीत चुका होता है. यह उस व्यक्ति, उसके परिवार को नष्ट कर देता है, उसके सम्मान को अपूरणीय क्षति पहुंचाता है.

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