बीते दिनों नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए एक हलफ़नामे में कहा है कि 'धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है.'
बीते दिनों केंद्र सरकार ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका था कि उन्हें और सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा. इसके ख़िलाफ़ कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट हो रही है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में एक निजी विधेयक पेश किया है, जिसमें चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और स्वायत्तता को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हो, जिसमें नेता विपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हों.
त्रिपुरा में 10 हज़ार से अधिक स्कूली शिक्षकों को 2017 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद नौकरी से हटा दिया गया था, वे लगभग दो महीने से राजधानी अगरतला में आमरण अनशन कर रहे हैं.
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन बी. लोकुर के एक साक्षात्कार का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 12 दिसंबर, 2018 को एक बैठक के दौरान हाईकोर्ट के दो मुख्य न्यायाधीशों को पदोन्नत करने का निर्णय उनके सेवानिवृत्त होने के बाद बदल दिया गया था. भारद्वाज ने बैठक में हुई चर्चा को सार्वजनिक करने की मांग की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया.
जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा भेजे नामों को मंज़ूर करने में केंद्र की देरी से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि जब तक यह प्रणाली है, हमें इसे लागू करना होगा. पीठ ने अटॉर्नी जनरल से यह भी कहा कि कोर्ट द्वारा कॉलेजियम पर सरकार के लोगों की टिप्पणियों को उचित नहीं माना जा रहा है.
बीते 15 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने साईबाबा और पांच अन्य- महेश तिर्की, पांडु नरोटे, हेम मिश्रा, प्रशांत राही और विजय एन. तिर्की को कथित माओवादी संबंध मामले में आरोपमुक्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
न्यायाधीशों की नियुक्ति के मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने के लक्ष्य से सरकार द्वारा लाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) क़ानून को सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में ख़ारिज कर दिया था. केंद्र की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब न्यायाधीशों की नियुक्ति की को लेकर न्यायपालिका के साथ उसका गतिरोध जारी है.
सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करते हुए अपने पहले संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक आयोग क़ानून ख़ारिज किए जाने को लेकर कहा कि यह ‘संसदीय संप्रभुता से गंभीर समझौता’ और उस जनादेश का ‘अनादर’ है जिसके संरक्षक उच्च सदन व लोकसभा हैं.
मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय के ख़िलाफ़ कई याचिकाएं सुन रहे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत सरकार के फैसले के गुण-दोष पर नहीं जाएगी, लेकिन वह हमेशा निर्णय लेने के तरीके पर गौर कर सकती है. सिर्फ इसलिए कि यह एक आर्थिक नीति है, इसका मतलब यह नहीं होगा कि अदालत चुपचाप बैठ जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड महामारी तथा लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों की हालत से संबंधित एक जनहित मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि एनएफएसए के तहत खाद्यान्न अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. हमारी संस्कृति है कि कोई खाली पेट नहीं सोए.
2018 में दुबई से प्रत्यर्पित करके भारत लाए गए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स तब से जेल में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनते हुए सवाल किया कि आरोपी को कब तक उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित रखा जा सकता है.
इस मामले में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से ‘डरा-धमकाकर, उपहार या पैसों का का लालच देकर’ किए जाने वाले कपटपूर्ण धर्मांतरण को रोकने के लिए कठोर क़दम उठाने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया है. इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि जबरन धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा कर सकता है.
केरल युक्तिवादी संघम ने सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा धर्मांतरण के मुद्दे पर लगाई गई याचिका में हस्तक्षेप करने के लिए आवेदन दिया है. संगठन का कहना है कि उपाध्याय की जनहित याचिका ‘सोशल मीडिया फॉरवर्ड, यूट्यूब वीडियो और वॉट्सऐप चैट’ पर आधारित है. इसमें किए गए दावों का कोई विश्वसनीय तथ्यात्मक आधार नहीं है
सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इस दौरान हुई बहस में कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अगर आरबीआई ने नोटबंदी पर आपत्ति दर्ज की होती तो क्या सरकार ने उसे दरकिनार कर दिया होता.