हिजाब बैन: स्कूल यूनिफॉर्म की सरकारी समझ छात्राओं के शिक्षा के अधिकार के ऊपर नहीं है

स्कूल की वर्दी या यूनिफॉर्म के पीछे का तर्क छात्रों में बराबरी की भावना स्थापित करना है. वह वर्दी विविधता को पूरी तरह समाप्त कर एकरूपता थोपने के लिए नहीं है. उस विविधता को पगड़ी, हिजाब, टीके, बिंदी व्यक्त करते हैं. क्या किसी की पगड़ी से किसी अन्य में असमानता की भावना या हीनभावना पैदा होती है? अगर नहीं तो किसी के हिजाब से क्यों होनी चाहिए?

हिजाब विवाद: भाजपा नेता बोले- याचिकाकर्ता लड़कियां आतंकी संगठन की सदस्य

भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव और उडुपी गवर्नमेंट पीयू कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी के उपाध्यक्ष यशपाल सुवर्णा ने कहा कि लड़कियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे विद्यार्थी नहीं बल्कि आतंकवादी संगठन की सदस्य हैं. हाईकोर्ट के निर्णय के ख़िलाफ़ बयान देकर वे विद्वान जजों की अवहेलना कर रही हैं.

हिजाब विवादः कर्नाटक में हड़ताल के आह्वान के बीच सांकेतिक विरोध प्रदर्शन

कर्नाटक हाईकोर्ट की पीठ ने 15 मार्च अपने फ़ैसले में यह कहते हुए कि इस्लाम में हिजाब आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है, पांच फरवरी के सरकार के उस आदेश को बरक़रार रखा, जिसमें उसने ऐसे परिधान पहनने पर रोक लगाई थी, जिससे स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित हो.

हिजाब फ़ैसला: कई संगठनों ने निराशा जताई, कहा- मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर पड़ेगा असर

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम धर्म का हिस्सा न मानते हुए शिक्षण संस्थानों में इस पर प्रतिबंध को बरक़रार रखा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामिक विद्वान व संगठनों ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा बताया, वहीं कुछ नेताओं ने चयन की स्वतंत्रता का सवाल उठाया है.

हिजाब पर प्रतिबंध बरक़रार रखने संबंधी कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती एक छात्रा निबा नाज़ ने दी है. निबा उन पांच छात्राओं में से नहीं हैं जिन्होंने मूल रूप से हिजाब प्रतिबंध के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी. वहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाली छात्राओं ने अदालती फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि हम बिना हिजाब कॉलेज नहीं जाएंगे, हम इंसाफ़ और अपने अधिकारों के लिए आगे लड़ाई लड़ेंगे.

महिलाएं पितृसत्तात्मक मानसिकता के अधीन हैं, जो उन्हें देखभाल करने वाली, गृहिणी मानती है: कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार को वास्तविक समानता हासिल करने का सही उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले लगातार भेदभाव के पैटर्न को पहचानकर पूरा करना चाहिए.

चारधाम परियोजना: पूर्व न्यायाधीश सीकरी को उच्चाधिकार प्राप्त समिति का अध्यक्ष बनाया गया

अदालत ने चारधाम परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पर्यावरणविद रवि चोपड़ा के इस्तीफ़ा को मंजूर करते हुए पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी को अध्यक्ष नियुक्त किया है, जो पूरी हिमालयी घाटी पर चारधाम परियोजना के प्रभाव के बारे में विचार करेगी.

न्यायपालिका में महिलाओं की भागीदारी कम, शीर्ष अदालत में 1950 से सिर्फ़ 11 महिला जज: जस्टिस बनर्जी

पहले ‘अंतराष्ट्रीय महिला न्यायाधीश दिवस’ के कार्यक्रम में जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की संख्या बढ़ने के बावजूद निर्णय लेने वाले पदों पर महिलाओं का अपर्याप्त प्रतिनिधित्व है. कार्यक्रम में जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि उच्च न्यायालयों के 680 न्यायाधीशों में 83 महिला न्यायाधीशों का होना बहुत कम संख्या है और निचली अदालतों में क़रीब 30 प्रतिशत महिला न्यायिक अधिकारी हैं.

सरकारी नीति के ख़िलाफ़ दिया गया कोई भाषण राजद्रोह नहीं हो सकता: जस्टिस नागेश्वर राव

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एल. नागेश्वर राव ने कहा कि सरकार का कर्तव्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय देश के सभी नागरिकों को सुनिश्चित करना है और शीर्ष अदालत नागरिकों को याद दिलाती है कि कोई भी क़ानून से ऊपर नहीं है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक अधिकारों के बारे में जब तक सार्वजनिक चर्चा नहीं होगी और जागरूकता नहीं आएगी, तब तक लोकतंत्र नहीं आएगा.

राजीव गांधी की हत्या के दोषी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिली

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पेरारिवलन ने 32 साल जेल में बिताए हैं. पहले भी तीन बार उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया है और उनके ख़िलाफ़ उस दौरान कोई शिकायत नहीं मिली.

यूपी: सीएए प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ वसूली नोटिस वापस लेकर मुकरी सरकार, फिर भेजे नोटिस

दिसंबर 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को उत्तर प्रदेश सरकार ने वसूली नोटिस जारी किए थे, जिस पर पिछले माह सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगाई तो उसने नोटिस वापस ले लिए थे, लेकिन अब नए सिरे से क्लेम ट्रिब्यूनल के माध्यम से फिर से नोटिस भेजे गए हैं.

शराबबंदी क़ानून को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकारते हुए कहा कि शराब की समस्या एक सामाजिक मुद्दा है और हर राज्य को इससे निपटने के लिए क़ानून बनाने का अधिकार है, लेकिन इस पर कुछ अध्ययन करना चाहिए था कि यह कितनी तादाद में मुक़दमे बढ़ाएगा, किस तरह का बुनियादी चाहिए होगा और कितनी संख्या में न्यायाधीशों की ज़रूरत पड़ेगी.

निजी क्षेत्र में स्थानीयों को आरक्षण से राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगाः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

बीते 15 जनवरी को लागू हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोज़गार अधिनियम, 2020 नौकरी चाहने वालों को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है, जो इसी राज्य के निवासी हैं. हाईकोर्ट द्वारा इस पर अंतरिम रोक लगाई गई थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया.

मेरे प्रति सरकार के नकारात्मक विचार मेरी न्यायिक स्वतंत्रता का प्रमाणपत्र हैं: जस्टिस कुरैशी

राजस्थान हाईकोर्ट के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एए कुरैशी ने अपने विदाई भाषण में कहा कि अदालतों के अस्तित्व का मूल कारण नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है. नागरिकों के लोकतांत्रिक मूल्यों और अधिकारों पर सामने से हो रहे किसी भी हमले से कहीं अधिक चिंतनीय चोरी-छिपे होने वाला अतिक्रमण है.

पंजाब: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाने वाले जज को बदलने को कहा

चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के ख़िलाफ़ लंबित मामलों में विधानसभा चुनाव तक उनकी गिरफ़्तारी या मामले दर्ज करने पर रोक लगाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा हैरान करने वाला आदेश नहीं देखा.

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